Category Archive : स्वास्थ्य

Uttarakhand: प्रदेश को 2025 तक ड्रग्स मुक्त करने का संकल्प, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया ये मास्टर प्लान.

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Dehradun: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड को वर्ष 2025 में ही ड्रग्स फ्री किया जाएगा। इस संकल्प को पूरा करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए जा रहे हैं। इसके लिए राज्य में संस्थागत, प्रवर्तन व जागरूकता तीनों स्तर पर कार्य हो रहे हैं। मादक पदार्थों की तस्करी और इनके अवैध व्यापार में लगे हुए अपराधियों पर लगातार कार्रवाई हो रही है। एंटी नार्कोटिक्स टास्क फोर्स के माध्यम से प्रवर्तन की कार्रवाई की जा रही है।

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आयोजित मादक पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा विषय पर आयोजित क्षेत्रीय सम्मेलन में वर्चुअल प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड में मादक पदार्थों की रोकथाम के संबंध में की गई प्रवर्तन की कार्रवाई, विशेष अभियान व लक्ष्यों की जानकारी दी।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2047 तक विकसित भारत और नशामुक्त भारत बनाने में सहयोग करने के लिए राज्य में अनेक स्तर से प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा दोनों विषय आपस में जुड़े हुए हैं। युवाओं का नशे की ओर जाना न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा बल्कि सामाजिक विघटन का कारण भी बन सकता है। इसी को देखते हुए राज्य में नशे के विरुद्ध अभियान चलाया जा रहा है।

 

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नशे के खिलाफ जन-जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं-

एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत मादक पदार्थों की तस्करी में संलिप्त अपराधियों पर कानूनी कार्रवाई की जा रही है। नशे की जद में आए हुए व्यक्तियों को मुख्यधारा में लाने के लिए जिलों में पुनर्वास केंद्र स्थापित किए गए हैं। नशे के खिलाफ जन-जागरूकता अभियान के अंतर्गत महिला मंगल दलों और युवा मंगल दलों को साथ लेते हुए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं। दूरस्थ क्षेत्रों तक जागरूकता शिविर लगाए जा रहे हैं। कारागार और विद्यालयों में काउंसलरों की नियुक्ति की गई है। टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है।

गत वर्ष 2183 जागरूकता रैली, 1050 गोष्ठियां, 75 नुक्कड नाटक और 10 मैराथन का आयोजन किया गया। इसके माध्यम से तीन लाख से अधिक छात्र-छात्राओं और आमजन को प्रत्यक्ष रूप से जागरूक किया गया। सरकार विभागों और विभिन्न संस्थाओं में भी नशामुक्ति के लिए अभियान चला रही है।

Uttarakhand: आयुष्मान योजना के दुरुपयोग पर मुख्यमंत्री धामी सख्त, सत्यापन अभियान शुरू.

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उत्तराखंड में आयुष्मान भारत योजना के दुरुपयोग को रोकने और पात्र व्यक्तियों तक इस योजना का लाभ पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। राज्य सरकार ने दोहरी योजनाओं का लाभ लेने वालों की पहचान के लिए आयुष्मान कार्ड का सत्यापन अभियान शुरू किया है। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर इस विषय पर विस्तृत चर्चा की और अपात्र कार्डधारकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए।

 

दोहरी योजनाओं का लाभ लेने वालों पर सख्त नजर-

बैठक में खुलासा हुआ कि कई व्यक्तियों ने राज्य कर्मचारी बीमा योजना (ESI) के साथ-साथ आयुष्मान कार्ड भी बनवा रखा है। नियमानुसार, कोई भी व्यक्ति एक समय में केवल एक स्वास्थ्य योजना का लाभ ले सकता है। सत्यापन अभियान के माध्यम से ऐसे व्यक्तियों की पहचान की जा रही है, ताकि उन्हें योजनाओं का अनुचित लाभ लेने से रोका जा सके।

 

 

पड़ोसी राज्यों के फर्जी कार्डधारकों का पर्दाफाश-

 

उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों में उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश से आने वाले मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। जांच में पाया गया कि इन पड़ोसी राज्यों के कुछ लोगों ने फर्जी राशन कार्ड के आधार पर उत्तराखंड आयुष्मान योजना के कार्ड बनवा लिए हैं और मुफ्त इलाज का लाभ उठा रहे हैं। मुख्यमंत्री धामी ने इन फर्जीवाड़ों की गहन जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

आयुष्मान योजना के खर्च में भारी वृद्धि-

आयुष्मान योजना के अंतर्गत लाभार्थियों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि और फर्जी कार्डधारकों के चलते राज्य पर आर्थिक दबाव बढ़ गया है। योजना का वार्षिक खर्च 1100 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है, जबकि शुरुआती दिनों में यह अपेक्षाकृत कम था। राज्य सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए फर्जी कार्ड बनाने वाले अधिकारियों और व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की बात कही है।

 

राशन कार्ड का सत्यापन भी होगा-

मुख्यमंत्री धामी ने यह भी निर्देश दिए हैं कि आयुष्मान कार्ड सत्यापन के साथ ही राशन कार्ड का सत्यापन अभियान भी चलाया जाए। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि योजनाओं का लाभ केवल उन्हीं लोगों को मिले, जो इसके पात्र हैं।

 

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पारदर्शिता और सुशासन की ओर कदम-

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के इन सख्त निर्देशों से यह साफ है कि सरकार आयुष्मान योजना सहित अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं में पारदर्शिता लाने और अपात्र लोगों को लाभ से रोकने के लिए प्रतिबद्ध है। यह कदम राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार और नागरिकों का विश्वास बहाल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

Uttarakhand: 2024 में धामी सरकार ने लिए ये 34 बड़े ऐतिहासिक फैसले, पढ़ें पूरी खबर.

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उत्तराखंड के लिए कई मायनों में अहम रहा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड सरकार ने कई ऐसे ऐतिहासिक कदम उठाए जो देशभर में छाए रहे। खासकर उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता विधेयक पारित किए जाने की चर्चा पूरे देश में हुई। यही नहीं धामी सरकार ने साल 2024 में सख्त दंगारोधी कानून, राज्य आंदोलनकारियों को 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण सहित कई अन्य बड़े फैसले भी लिए।

01 – सख्त दंगा विरोधी कानून

कुमाऊं मंडल के हल्द्वानी में विगत आठ फरवरी को दंगे की घटना के बाद मुख्यमंत्री धामी ने दंगाइयों और उपद्रवियों से निपटने को सख्त फैसला लिया। राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद राज्य में दंगारोधी लागू हो चुका है। इस कानून के तहत किसी भी तरह निजी-सरकारी संपत्ति के नुकसान की भरपाई दंगाइयों से ही करने का प्रावधान किया गया है। साथ ही दंगा करने वालों से 8 लाख तक का जुर्माना और दंगा नियंत्रण में सरकारी और अन्य कार्य पर आने वाले खर्चे की भरपाई भी उपद्रवियों से की जाएगी।

02 – 81 हजार करोड़ के निवेश की ग्राउंडिंग

दिसंबर 2023 में देहरादून में आयोजित वैश्विक निवेशक सम्मेलन में आए निवेश प्रस्ताव साल 2024 में धरातल पर उतरते नजर आए। 2024 में करीब 81 हजार करोड़ से अधिक के निवेश समझौतों को धरातल पर उतारा गया। इससे प्रदेश में रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं।

03 – तीसरे साल रिकॉर्ड सरकारी भर्तियां

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कार्यकाल मे तीसरे साल भी रिकॉर्ड सरकारी भर्तियां हुईं। सरकार के गत तीन साल के कार्यकाल में अब तक 19 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी दी जा चुकी है। साथ ही भर्ती प्रक्रिया भी अब पारदर्शी तरीके सम्पन्न हो रही है। राज्य में एक साल में बेरोजगारी दर में 4.4 प्रतिशत की कमी आई है।

04 – पांच हजार एकड़ सरकारी भूमि से हटा अतिक्रमण

कब्जाई गई सरकारी जमीन पर भी वर्ष 2024 में लगातार पीला पंजा चलता रहा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचय देते हुए पांच हजार एकड़ से अधिक सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया है। इस भूमि पर धर्म के नाम पर अवैध ढांचों का निर्माण किया गया था। अभियान अभी भी निरंतर जारी है।

05 – राज्य आंदोलनकारी आरक्षण

साल 2024 में सरकार ने उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों की लंबी मांग को पूरा करते हुए, चिह्नित राज्य आंदोलनकारियों और उनके सभी पात्र आश्रितों को राजकीय सेवाओं में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण प्रदान कर दिया है। राज्य आंदोलनकारियों को लोकसभा आयोग के पदों पर भी आरक्षण प्रदान किया गया है।

06 – फिल्म नीति से क्षेत्रीय फिल्मों में बूम

प्रदेश में उत्तराखंड फिल्म नीति 2024 को मंजूरी दी गई है। नई फिल्म नीति के बाद उत्तराखंड में फिल्मों की शूटिंग का क्रेज बढ़ेगा। इस नीति में क्षेत्रीय फिल्मों के निर्माण के लिए दो करोड़ तक की सब्सिडी दी जाएगी। नीति के बाद इस अकेले एक वर्ष में 220 फिल्मों की शूटिंग की अनुमति दी गई। साथ ही 13 क्षेत्रीय फिल्मों का प्रदर्शन हुआ।

07 – एसडीजी रैंकिंग में देश में अव्वल

मई 2024 में जारी नीति आयोग की सतत विकास लक्ष्य यानी एसडीजी रिपोर्ट में भारत के सभी 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) में उत्तराखंड पहले स्थान पर रहा। मुख्यमंत्री धामी के गुड गवर्नेंस ने उत्तराखंड को नीति आयोग की कसौटी पर खरा उतारा है।

08 – बुजुर्गों को सामाजिक सुरक्षा

उत्तराखंड में वृद्धावस्था पेंशन को बढ़ाकर ₹1500 किया गया है। पहले बुजुर्ग दंपत्ति में से किसी एक को पेंशन मिलती थी, अब पति-पत्नी दोनों को वृद्धावस्था पेंशन का लाभ दिया जा रहा है।

09 – उच्च शिक्षा में नई छात्रवृत्ति

इसी साल उत्तराखंड में मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना की शुरुआत की गई। इसके तहत डीबीटी के माध्यम से 241 छात्रों के खातों में भेजी गई ₹33 लाख 52 हजार की धनराशि जारी की गई। साथ ही पीएचडी करने वाले 100 मेधावी विद्यार्थियों को प्रतिमाह ₹5000 की छात्रवृत्ति दी जा रही है।

 

10 – पिथौरागढ़ में उतरने लगे यात्री विमान

साल 2024 में पिथौरागढ़ के नैनी सैनी हवाई अड्डे से हवाई सेवाओं का नियमित संचालन शुरू किया गया, पिथौरागढ़ एयरपोर्ट पर अब 42 सीटर तक विमान उतरने लगे हैं। राज्य में आठ जगह पर हैलीपोर्ट का निर्माण किया जा रहा है। इस साल देहरादून से अयोध्या, अमृतसर के साथ ही पंतनगर से बनारस के लिए भी हवाई सेवाएं शुरू हो पाई हैं। इस तरह देवभूमि का देश के प्रमुख धार्मिक स्थलों से हवाई नेटवर्क स्थापित हो गया है।

11 – ग्रामीण सड़कों को मिली मंजूरी

इसी साल हरिद्वार में 4,755 करोड़ की 30 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया। साथ ही केंद्र सरकार से प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क रोजगार योजना के तहत ₹967.73 करोड़ की लागत से 108 सड़कों के निर्माण की स्वीकृति मिली।

12 – हरिद्वार मेडिकल कॉलेज की शुरुआत

2024 में हरिद्वार मेडिकल कॉलेज भी शुरू हो गया है। इसी के साथ प्रदेश में सरकारी मेडिकल कॉलेज की संख्या बढ़कर पांच हो गई है। धामी सरकार ने अटल आयुष्मान योजना के तहत डायलिसिस का लाभ लेने पर 100% चिकित्सा प्रतिपूर्ति की भी स्वीकृति प्रदान कर दी है।

14 – शीतकालीन यात्रा शुरू

धामी सरकार ने 2024 में एक बड़ा कदम उठाते हुए, चारधामों के शीतकालीन गद्दी स्थलों के लिए शीतकालीन यात्रा की भी शुरुआत कर दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद उखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर से यात्रा की विधिवत शुरुआत की। शीतकालीन यात्रा को उत्तराखंड की आर्थिकी के लिहाज से गेम चेंजर माना जा रहा है।

15 – खिलाड़ियों का नौकरी में आरक्षण मिला

धामी सरकार ने नौकरियों में चार प्रतिशत खेल कोटा भी लागू कर दिया है। इसी के साथ पदक विजेता खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न नौकरी की भी व्यवस्था की गई है। उत्तराखंड को 2025 के लिए राष्ट्रीय खेलों की भी मेजबानी मिली है।

16 – राज्य अतिथि गृह बनकर तैयार

साल 2024 के दौरान राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली के चाणक्यपुरी में राज्य अतिथि गृह, उत्तराखण्ड निवास, भी बनकर तैयार हो गया है। यह भवन पहाड़ की संस्कृति और वास्तुशिल्प को भी देश के सामने प्रस्तुत कर रहा है। यह भवन कुल 12051.70 लाख रुपए की लागत से बना है, जिसमें आधुनिक सुख-सुविधाओं के साथ-साथ ऊर्जा खपत न्यूनतम रखने के लिए दोहरी इन्सूलेटेड दीवारों, खिड़कियों, छत पर सोलर रिफ्लेक्टिव टाइलों का प्रयोग किया गया है। सौर ऊर्जा उत्पादन, कम ऊर्जा खपत के लिए विद्युत उपकरणों/ मशीनों के अधिष्ठान, मोशन सेंसर आधारित एलईडी लाईटें, इलेक्ट्रिक कार चार्जिंग स्टेशन भी बनाए गए हैं।

17 – विश्व आयुर्वेद कांग्रेस

देहरादून में 12 से 15 दिसंबर के बीच 10वें विश्व आयुर्वेद कांग्रेस और आरोग्य एक्सपो- 2024 का आयोजन भी किया गया। इस आयोजन में 40 से अधिक देशों के विशेषज्ञों सहित छह हजार से अधिक डेलीगेट्स शामिल हुए। आयोजन में आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्धा और होम्योपैथी जैसी परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों को लोकप्रिय बनाने पर विचार विमर्श किया गया। इस दौरान छह हजार से अधिक डेलीगेट्स के सामने परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों पर आधारित 900 से अधिक पेपर प्रस्तुत किए गए।

18 – शहीद आश्रित अनुदान राशि बढ़ाई

प्रदेश सरकार ने शहीद होने वाले सैनिकों के परिजनों को मिलने वाली अनुदान राशि भी बढ़ाकर 50 लाख कर दी है। पहले यह धनराशि 10 लाख थी, इस तरह सरकार ने अनुदान राशि में सीधे पांच गुना बढ़ोत्तरी की है, इसके साथ ही अब मुख्यमंत्री ने वीरमाताओं और वीरनारियों के लिए परिवहन निगम की बस में निशुल्क बस यात्रा की घोषणा की है।

 

19 – सस्ती बिजली का उपहार

साल 2024 प्रदेश के साढ़े 11 लाख से अधिक बिजली उपभोक्ताओं को भी सस्ती बिजली की सौगात दे गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर सितंबर माह से प्रतिमाह 100 यूनिट तक बिजली खर्च करने वाले उपभोक्ताओं को बिजली बिल में 50 प्रतिशत तक सब्सिडी मिल रही है, साथ ही उच्च हिमालयी क्षेत्र के निवासियों को 200 यूनिट तक बिजली खर्च पर बिल में 50 प्रतिशत की छूट मिल रही है।

20 – भू कानून के लिए जमीन तैयार

साल 2024 में प्रदेश सरकार भू कानून की विसंगतियों को ठीक करने के दिशा में भी आगे बढ़ती नजर आई। इसके लिए सरकार ने मौजूदा भू कानून का उल्लंघन किए जाने की शिकायतों का संज्ञान लेते हुए, सभी जिलों में सघन जांच अभियान संचालित किया। जिसके बाद कई जगह नियम विरुद्ध खरीदी गई जमीन को राज्य सरकार में निहित करने की भी कार्यवाई शुरू की गई। साथ ही सख्त भू कानून के लिए भी उच्च स्तरीय कमेटी गठित की गई है।

21 – देहरादून शहर में बिजली लाइन भूमिगत कार्य

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व यूपीसीएल द्वारा एडीबी परियोजना के अन्तर्गत देहरादून शहर के मुख्य मार्गों की विद्युत लाईनों को भूमिगत किये जाने का कार्य भी प्रारंभ किया जा चुका है। योजना के अन्तर्गत देहरादून शहर में 33 केवी की लगभग कुल 92 किमी, 11 केवी की कुल 230 किमी और एलटी की लगभग 608 किमी लाइनों को भूमिगत किया जा रहा है। इसके लिए शहर को तीन लॉट में बांट कर कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।

22 – सांस्कृतिक गौरव को मिली पहचान

प्रदेश सरकार ने जनवरी 2024 में अयोध्या में श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अवसर पर उत्तराखंड के पवलगढ़ कंजर्वेशन रिजर्व का नाम बदल कर सीतावनी कंजर्वेशन रिजर्व किया। इसके साथ ही सरकार ने चमोली जिले की जोशीमठ तहसील का नाम ज्योर्तिमठ और नैनीताल जिले में कोश्याकुटोली तहसील का नाम, कैंची धाम तहसील रखने का भी निर्णय लिया है।

23 – मुख्यमंत्री नमक पोषण योजना

उत्तराखंड में साल 2024 से गरीब परिवारों एवं राशन कार्ड धारकों को सब्सिडी पर पोषण युक्त नमक मिलना भी शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री नमक पोषण योजना के तहत प्रदेश के करीब 14 लाख राशन कार्ड धारकों को 8 रुपए प्रति किलो की दर से पोषण युक्त नमक दिया जा रहा है।

24 – पर्यटन के लिए पुरस्कृत हुए गांव

27 सितंबर 2024 को विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर उत्त1राखंड के चार गांवों को सर्वश्रेष्ठी पर्यटन ग्राम पुरस्कार मिला। सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम प्रतियोगिता में उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के जखोल गांव को साहसिक पर्यटन के लिए चुना गया, जो अपनी ऊंचाई, खूबसूरत प्राकृतिक दृश्यों और चुनौतीपूर्ण ट्रेकिंग रूट के लिए जाना जाता है। इसके साथ ही सूपी, हर्षिल, और गुंजी को भी सर्वश्रेष्ठल पर्यटन ग्राम पुरस्कानर मिला।

 

 

25 – विजिलेंस ने की रिकॉर्ड 38 गिरफ्तारियां

आम जनता की भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायतों को सुनने के लिए राज्य में “भ्रष्टाचार मुक्त एप 1064“ को भी लॉन्च किया गया है। एप में अब तक एक हजार से ज्यादा विजिलेंस और नॉन विजिलेंस की शिकायतों दर्ज हुई हैं। इन शिकायतों पर गंभीरता से कार्य करते हुए विजिलेंस ने इस साल कुल 38 रिश्वतखोरों को जेल भेजा, जिसमें पांच राजपत्रित अधिकारी शामिल हैं। बीते 3 सालों में विजिलेंस ने करीब 75 भ्रष्टाचारियों को जेल भेजा है।

26 – सोलर से जगमग होता उत्तराखंड

2024 में सोलर प्रोजेक्ट में तेजी देखने को मिली। राज्य में रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संयुक्त रूप से 70 प्रतिशत की सब्सिडी दी जा रही है। पीएम सूर्यघर योजना के तहत सोलर पावर प्लांट की स्थापना के लिए अभी तक करीब 11 हजार लाभार्थियों को 90 करोड़ रुपए से अधिक का अनुदान दिया जा चुका है। घरेलू और गैर घरेलू उपभोक्ताओं हेतु सोलर वाटर हीटर संयत्र की स्थापना पर भी 30 से 50 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जा रहा है।

28 – प्रति व्यक्ति आय पहुंची ढाई लाख के पार

ताजा आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में प्रति व्यक्ति आमदनी भी बढ़कर अब 02लाख 60 हजार रुपए हो चुकी है। जबकि वर्ष 2000 में प्रति व्यक्ति आय ₹15285 थी। पिछले दो वर्षों के आंकड़ों पर ही नजर डालें तो राज्य की प्रति व्यक्ति आय में 26 प्रतिशत वृद्धि हुई है। उत्तराखंड राज्य गठन के वक्त 2000 में अर्थव्यवस्था का आकार ₹14501 करोड़ था, जो 2023-24 में बढ़कर ₹346000 करोड़ रुपये हो चुका है।

30 – प्रवासी सम्मेलन

उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के मौके सात नवंबर को देहरादून में पहला प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन आयोजित किया गया। जिसमें देश के विभिन्न प्रांतों में रहने वाले प्रवासी उत्तराखंडी शामिल हुए। इस सम्मेलन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में प्रवासी उत्तराखंड परिषद का गठन करने की भी घोषणा की है। साथ ही कहा कि प्रवासी उत्तराखंड़ियों को प्रदेश की जानकारियां उपलब्ध कराने और उनकी समस्याओं को दूर करने के उद्देश्य से एक डेडीकेटेड वेबसाइट भी तैयार की जा रही है।

31 – भारतीय न्याय संहिता

संपूर्ण देश में एक जुलाई से तीन नए आपराधिक कानून – भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023“ लागू हो चुके हैं, इसी के साथ उत्तराखंड ने भी इसी तिथि से इन तीन नए कानूनों को लागू कर दिया है। नए कानूनों को लागू किये जाने के लिए राज्य सरकार ने पृथक रूप से 20 करोड़ रूपए की धनराशि का प्राविधान किया है।

32 – लखपति दीदी योजना

प्रदेश सरकार महिलाओं की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए लखपति दीदी योजना चला रही है। इसमें स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी प्रत्येक महिला की सालाना आय एक लाख के पार पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें महिलाओं को कृषि उत्पाद, दुग्ध उत्पादन, सिलाई कढ़ाई के साथ ही रसोई गैर वितरण, प्रारंभिक पशु चिकित्सा सेवा, बीमा योजना, डिजिटल लेनदेन का प्रशिक्षण देकर आजीविका से जोड़ा जा रहा है। प्रदेश में एक लाख से अधिक महिलाएं लखपति बन चुकी हैं। अब प्रदेश सरकार ने लक्ष्य बढ़ाते हुए 2026 तक कुल 2.50 लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा है।

 

33 – एम्स में एयर एंबुलेंस

30 अक्तूबर को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश से देश की पहली हेली एंबुलेंस सेवा भी शुरू हो गई है। केंद्र सरकार की संजीवनी योजना के तहत शुरू की गई इस सेवा का लाभ लोगों को निशुल्क मिल रहा है। इसके तहत प्रदेश के किसी भी क्षेत्र से अति गंभीर रूप से बीमार या हादसे घायल व्यक्ति को हेली एंबुलेंस की मदद से एम्स ऋषिकेश में पहुंचाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्चुअली माध्यम से इसका शुभारंभ किया।

34 – लालकुआं-बांद्रा सुपरफास्ट ट्रेन शुरु

21 अक्टूबर 2024 से लालकुंआ से बांद्र के मध्य नई सुपरफास्ट ट्रेन का भी संचालन शुरू हो गया है। इस ट्रेन के संचालन से कुमांऊ क्षेत्र का रामपुर, मुदादाबाद, गाजियाबाद, हजरत निजामुदीन, मथुरा, सवाई माधोपुर, कोटा, वडोदरा सूरत जैसे रेलवे स्टेशन से सीधे सम्पर्क हो गया है। इस साल केन्द्र सरकार के सहयोग से ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का काम भी तेजी से आगे बढा, परियोजना जल्द पूरी होने वाली है।

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Uttarakhand: भीमताल बस दुर्घटना में 4 लोगों की मौत, CM धामी ने किया 10 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान.

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Uttarakhand:  मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने भीमताल के ओखल में हुई बस दुर्घटना के मृतकों के परिजनों और घायलों को राहत राशि प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। बस दुर्घटना में मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाएगी। इसमें उत्तराखंड परिवहन निगम द्वारा ₹5 लाख जबकि सड़क सुरक्षा निधि से 2 लाख और मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से 3 लाख रुपए दिए जाएंगे। इसी प्रकार गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों को ₹3 लाख एवं सामान्य रूप से घायल व्यक्तियों को ₹15- ₹25 हजार दिए जाएंगे।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि बस दुर्घटना के मृतकों के परिजनों और घायलों को राहत राशि के साथ ही सरकार के स्तर से उन्हें हर संभव मदद प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को गंभीर रूप से घायल लोगों को आवश्यकता अनुसार हायर सेंटर रेफर करने के भी निर्देश दिए।

 

 

Delhi: दिल्ली में 60 साल से ऊपर के बुजुर्गों का होगा अब मुफ्त में इलाज, केजरीवाल ने किया संजीवनी योजना का एलान.

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नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (AAP) के संरक्षक व पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में बुजुर्गों के लिए संजीवनी योजना शुरू करने का एलान किया है। 

इस योजना के तहत दिल्ली में 60 वर्ष से अधिक उम्र के सभी बुजुर्गों का नि:शुल्क उपचार दिया जाएगा। केजरीवाल ने एलान किया कि उनके उपचार का पूरा खर्च दिल्ली सरकार उठाएगी। 

आम आदम पार्टी ने दिल्ली में बुजुर्गों के उपचार के लिए संजीवनी योजना लागू करने का वादा किया है। पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इसकी घोषणा की। केजरीवाल ने कहा, इस योजना के अंतर्गत 60 वर्ष से अधिक उम्र के सभी बुजुर्गों का दिल्ली में नि:शुल्क उपचार होगा। चुनाव के बाद सरकार बनने के बाद इसे लागू किया जाएगा। 

तीर्थ यात्रा का पूरा खर्च उठाती है सरकार –

उन्होंने कहा, श्रवण कुमार से प्रेरित होकर उन्होंने मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना शुरू की है। इस योजना के अंतर्गत दिल्ली के लगभग एक लाख बुजुर्ग देश के कोने-कोने में स्थित तीर्थ स्थलों की यात्रा कर चुके हैं। तीर्थ यात्रा का पूरा खर्च सरकार उठाती है।

 

इसके बदले हम सभी को दुआ मिलती है, जिसका कोई मूल्य नहीं है। इस उम्र में सभी को अपने स्वास्थ्य की चिंता होती है। उम्र बढ़ने के साथ ही कई तरह की बीमारियों से व्यक्ति पीड़ित हो जाता है। उसके लिए उपचार कराना सबसे बड़ी चिंता होती है।

 

चिंता की कोई बात नहीं-

आर्थिक रूप से संपन्न कई परिवारों में भी बुजुर्गों का ध्यान नहीं रखा जाता है। लेकिन, चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि उनका यह बेटा अभी जीवित है। रामायण में जब लक्ष्मण जी मूर्छित हुए थे तो हनुमान जी उनके लिए संजीवनी लेकर आए थे।

 

भेदभाव या कोई शर्त नहीं होगी-

केजरीवाल ने कहा आम आदमी पार्टी दिल्ली में बुजुर्गों के लिए संजीवनी योजना शुरू करेगी। 60 वर्ष से अधिक उम्र के सभी बुजुर्गों को इसका लाभ मिलेगा। इसमें किसी तरह का भेदभाव या कोई शर्त नहीं होगा। प्रत्येक आय वर्ग के लोगों को यह सुविधा मिलेगी। उपचार में खर्च की भी कोई सीमा नहीं होगी। उपचार सरकारी अस्पताल में हो या निजी अस्पताल में पूरा खर्च सरकार उठाएगी।

 

चुनाव से पहले शुरू कर दिया जाएगा पंजीकरण-

योजना चुनाव के बाद लागू होगी, लेकिन पंजीकरण शुरू कर दिया जाएगा। इसके लिए बुजुर्गों को कहीं जाने की जरूरत नहीं है। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता घर-घर जाकर बुजुर्गों का पंजीकरण कर उन्हें कार्ड देंगे।

 

महिलाओं के लिए भी किया था बड़ा एलान-

इससे पहले अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की सभी महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना शुरू करने की घोषणा की थी। केजरीवाल ने कहा कि चुनाव के बाद दिल्ली की हर महिला के खाते में 2100 रुपये भेजे जाएंगे।

Uttarakhand: आर्थिक रूप से सक्षम लोगों से आयुष्मान छोड़ने का आग्रह करेगी सरकार, बढ़ते बजट ने बढ़ाई सरकार की चिंता।

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प्रदेश में आर्थिक रूप से सक्षम लोगों से प्रदेश सरकार आयुष्मान योजना छोड़ने का आग्रह करेगी। वर्तमान में राज्य आयुष्मान योजना के तहत अमीर से लेकर गरीब तक सबको पांच लाख तक मुफ्त इलाज की सुविधा है। योजना में अब तक 12.32 लाख लोगों के इलाज पर 2289 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। आयुष्मान योजना का सालाना बजट 1200 करोड़ तक पहुंचने वाला है। वित्त विभाग ने बढ़ते बजट पर चिंता जताई है।

2018 में केंद्र सरकार ने गरीब परिवारों के लिए अटल आयुष्मान योजना शुरू की थी। इस योजना का लाभ लेने के लिए उत्तराखंड के 5.37 लाख परिवार ही पात्र थे। लेकिन प्रदेश सरकार ने 23 लाख परिवारों के लिए पांच लाख निशुल्क इलाज की सुविधा शुरू की।

बजट 1200 करोड़ तक पहुंचने की संभावना-

शुरुआत में योजना का बजट 100 से 200 करोड़ सालाना था। जो बढ़ कर 600 करोड़ तक पहुंच गया है। अगले वित्तीय वर्ष 2025-26 तक योजना का बजट 1200 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है। इस पर वित्त विभाग ने प्रदेश के सीमित संसाधनों का हवाला दिया है।

स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत का कहना है कि प्रदेश सरकार आयुष्मान कार्ड पर प्रदेश के सभी लोगाें को पांच लाख मुफ्त इलाज की सुविधा दे रही है। लेकिन जो लोग आर्थिक रूप से सक्षम हैं और इलाज कराने में समर्थ हैं, उन लोगों से आयुष्मान कार्ड छोड़ने का आग्रह करेगी।

58 लाख से अधिक लोगों के बने आयुष्मान कार्ड-

प्रदेश में 23.89 लाख राशन कार्ड धारक परिवार हैं। इन परिवारों के 97.11 लाख लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं। अब तक 58 लाख लाभार्थियों के कार्ड बन चुके हैं। इनमें 4.73 लाख कर्मचारियों व पेंशनरों के गोल्डन कार्ड भी शामिल हैं।

Uttarakhand: सीमांत जिले में भी पांव पसार रहा HIV वायरस, 14 साल में 90 मामले आए पॉजिटिव।

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सीमांत जिला चमोली में एचआईवी पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। पिछले 14 वर्षों (2009-10 से वर्तमान तक) में जिले में 90 लोग पॉजिटिव आए हैं। वर्तमान में जिले के एआरटी सेंटर (एंटी रिट्रोरल वायरस थेरेपी) से 71 लोग दवा ले रहे हैं। पिछले एक साल में जिले में छह लोग पॉजिटिव पाए गए हैं।

चमोली की शांत वादियों में एचआईवी का बढ़ता प्रकोप चिंता का विषय बनता जा रहा है। वर्तमान में जिला अस्पताल गोपेश्वर के एआरटी सेंटर से 15 लोग एचआईवी की दवा ले रहे हैं। जिसमें चार पुरुष व 11 महिलाएं शामिल हैं। वहीं एआरटी सेंटर कर्णप्रयाग से वर्तमान में 56 लोग एचआईवी का उपचार करवा रहे हैं। पिछले एक साल की बात करें तो जिला अस्पताल गोपेश्वर में चार जबकि कर्णप्रयाग में दो मामले पॉजिटिव आए हैं।
पहले जिले में एआरटी सेंटर नहीं था, एक साल पहले उपजिला चिकित्सालय कर्णप्रयाग में एआरटी सेंटर शुरू हुआ और जिला अस्पताल गोपेश्वर में लिंक एआरटी सेंटर शुरू किया गया। उसके बाद जो लोग दून या अन्य जगह के एआरटी सेंटर से एचआईवी की दवा लेते थे अब जिले में ही दवा ले रहे हैं।
एक साल पहले नवजात भी पाया गया पॉजिटिव
जिले में एक मामला ऐसा भी है जिसमें गर्भवती महिला के पॉजिटिव होने से उसका बच्चा भी पॉजिटिव पैदा हुआ। एक साल से बच्चे का उपचार चल रहा है, जो अब नेगेटिव आ चुका है, लेकिन उसका 18 महीने के होने तक उपचार चलता रहेगा। उसके बाद ही उसे नेगेटिव माना जाएगा। विशेषज्ञों ने बताया कि ऐसे मामले में बच्चे के जन्म लेने से 18 महीने का होने तक नियमित उपचार चलता है। यदि तब भी नेगेटिव नहीं आता है तो अंतिम टेस्ट 24 महीने का होने पर होता है। तब एचआईवी का जो स्टेटस रहेगा वही अंतिम माना जाता है।
पति-पत्नी भी पाॅजिटिव
जिले में एक मामला ऐसा भी आया है, जिसमें पति और पत्नी दोनों एचआईवी पॉजिटिव हैं। लेकिन दोनों की कोई ऐसी हिस्ट्री सामने नहीं आई जिसमें किसी पार्टनर के दूसरी जगह कोई संबंध रहे हों। जबकि एक मामले में पति पत्नी में एक पाॅजिटिव और एक नेगेटिव है।

गर्भवती महिलाओं की एचआईवी जांच जरूरी
महिला के गर्भवती होने पर उसकी एचआईवी जांच जरूरी होती है। यह इसलिए भी जरूरी होता है यदि महिला पॉजिटिव आती है और गर्भवती होने के शुरुआती समय में पता चल जाता है तो बच्चे को सुरक्षित किया जा सकता है। लेकिन गर्भवती होने के सात महीने बाद महिला पॉजिटिव आती है तो बच्चे को एचआईवी से बचाना मुश्किल होता है।

हर व्यक्ति को अपना एचआईवी स्टेटस पता होना चाहिए। समय पर पता चलने पर वह एड्स जैसी घातक बीमारी से तो बचता ही है, साथ ही उसका पार्टनर भी सुरक्षित रहता है। यह ऐसी बीमारी नहीं जो जानलेवा हो, नियमित दवा खाने से एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति भी सामान्य जिंदगी जी सकता है। इससे बचाव के लिए जागरुकता जरूरी है। एचआईवी क्या है और कैसे हो सकता है इसके बारे में पता होना जरूरी है।
– सरोजनी बिष्ट, आईसीटीसी काउंसलर, जिला अस्पताल गोपेश्वर, चमोली

Uttarakhand: प्रदेश में लगातार बढ़ रहे हैं डेंगू के मामले, पौड़ी जिले से आये सबसे अधिक मामले सामने।

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प्रदेश में डेंगू के मामले बढ़ रहे हैं। अब तक पांच जिलों में कुल 75 मामले सामने आए हैं। इसमें पौड़ी जिले में सबसे अधिक 59 मरीज मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी जिलों के सीएमओ को डेंगू रोकथाम व बचाव के लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं। स्वास्थ्य महानिदेशालय स्तर पर डेंगू मामलों की निगरानी की जा रही है।

आगामी नवंबर व दिसंबर तक डेंगू संक्रमण के फैलने की आशंका रहती है। हालांकि गत वर्ष की तुलना में इस बार अप्रैल से लेकर 17 सितंबर तक डेंगू के कुल 75 मामले सामने आए हैं। ऋषिकेश में एक डेंगू मरीज की मौत हुई है। मरीज को पहले से कई तरह की बीमारी होने से विभाग मौत के कारणों की वास्तविकता के लिए डेथ ऑडिट करा रहा है।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने कहा कि सभी जिलों के सीएमओ को डेंगू रोकथाम के लिए अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही स्वास्थ्य महानिदेशालय से भी नियमित रूप से मानीटरिंग करने को कहा गया है। आगामी दो माह तक डेंगू संक्रमण की संभावना को देखते हुए एहतियात बरतने की आवश्यकता है।

प्रदेश में अब तक डेंगू मरीजों की संख्या

जिला            डेंगू मरीज

पौड़ी                   59

देहरादून              09

हरिद्वार                03

नैनीताल                03

ऊधमसिंह नगर    01

Uttarakhand : ग्रामीण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 80% विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी, स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट में हुआ खुलासा।

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उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 80% विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है। पहाड़ों में 80 हजार की आबादी पर एक सीएचसी होना चाहिए। इसके अनुसार पहाड़ में 44 सीएचसी की कमी है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से हाल ही में जारी हेल्थ डायनमिक्स (इंफ्रास्ट्रक्चर एंड ह्यमून रिसोर्स) रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में 31 मार्च 2023 तक उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का विश्लेषण किया गया। इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड (आईपीएचएस) के मानकों के अनुसार, विशेषज्ञ डॉक्टरों की 80% कमी है।

पर्वतीय क्षेत्रों के सीएचसी में सर्जन, बाल रोग, ग्यानाक्लोजिस्ट, फिजिशियन, एनेस्थेटिस्ट के 245 विशेषज्ञ डॉक्टरों की जरूरत है। इनमें 48 ही कार्यरत हंै, जबकि 197 पद खाली चल रहे हैं। रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि पर्वतीय क्षेत्रों के अधिकतर सीएचसी में ग्यानाक्लोजिस्ट डॉक्टर कार्यरत नहीं है। 2005 में राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 44 सीएचसी थे, जो बढ़कर 49 हो गए हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों को नहीं मिल रहा पीजी डॉक्टरों का लाभ-
प्रदेश में चार राजकीय मेडिकल कॉलेज संचालित हैं। एमबीबीएस डॉक्टरों को पीजी कराने की सुविधा है, लेकिन पीजी करने वाले विशेषज्ञ डॉक्टरों का लाभ ग्रामीण उत्तराखंड को नहीं मिल रहा है। प्रदेश में विशेषज्ञ डॉक्टरों के 1,240 पद सृजित हैं। इसमें लगभग पांच सौ ही विशेषज्ञ डॉक्टर कार्यरत हैं।

उत्तराखंड ही नहीं पूरे देश में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी चल रही है। प्रदेश सरकार की ओर से इस कमी को दूर करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। 2027 तक प्रदेश में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी दूर हो जाएगी। -डॉ. धन सिंह रावत, स्वास्थ्य मंत्री

Kedarnath: सोनप्रयाग भूस्खलन क्षेत्र में मलबे से आज 4 शव निकाले गए, मृतकों की संख्या हुई 5, तीन घायल।

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सोनप्रयाग भूस्खलन क्षेत्र में आज मंगलवार को रेस्क्यू के दौरान मलबे में दबे चार शव और निकाले गए। मृतकों की संख्या अब पांच हो गई है। तीन घायल अस्पताल में भर्ती हैं।

सोमवार देर शाम केदारनाथ से लौट रहे आठ यात्री सोनप्रयाग में ऊर्जा निगम के पावर हाउस के समीप भूस्खलन जोन में पहाड़ी से गिर रहे पत्थर व मलबे में फंस गए। सूचना पर उप निरीक्षक आशीष डिमरी के नेतृत्व में एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू किया। रेस्क्यू के दौरान एक शव बरामद किया गया, जिसकी शिनाख्त गोपाल (50 ) पुत्र भक्तराम, मध्य प्रदेश के रूप में हुई है।

वहीं, जीवच तिवारी पुत्र रामचरित, मनप्रीत सिंह पुत्र कश्मीर सिंह और छगन लाल पुत्र भक्तरामन घायल हो गए, जिन्हें सोनप्रयाग पहुंचाया गया। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि सोनप्रयाग बाजार से लगभग एक किमी आगे भूस्खलन जोन में पहाड़ी से पत्थर व मलबा गिरने से वह फंस गए थे। क्षेत्र में अन्य यात्रियों की होने की संभावना को देखते हुए खोजबीन की जा रही थी, जिसमें आज मंगलवार को तीन शव बरामद हुए।