भारत के चंद्रयान-3 मिशन को एक और सफलता मिली है। दरअसल चंद्रयान-3 के लैंडर ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पथ प्रदर्शक की तरह काम करना शुरू कर दिया है। इसरो ने एक बयान जारी कर बताया कि चंद्रयान-3 मिशन के तहत चांद की जमीन पर उतरे लैंडर के साथ एक लेजर रेट्रोरिफ्लेक्टर एरे (LRA) भी चांद पर भेजा गया था। अब इस उपकरण की मदद से अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के एलआरओ (Lunar Reconnaissance Orbiter) ने लेजर रेंज का मापन कर लिया है।
चांद पर जाने वाले मिशनों को मिलेगा बड़ा फायदा-
एलआरओ, नासा का ऑर्बिटर है, जो चांद की कक्षा में चक्कर लगा रहा है। इस एलआरओ ने ही चंद्रयान-3 के लैंडर पर लगे एलआरए से मिले सिग्नल लेकर लेजर रेंज का मापन किया। इसरो ने बताया कि मापन का काम 12 दिसंबर 2023 को किया गया था। इसरो ने बताया कि एलआरओ ने रात के समय यह मापन किया, जब वह चंद्रयान-3 के लैंडर वाली जगह से पूर्व की तरफ बढ़ रहा था। अब इस मापन की मदद चांद पर भेजे जाने वाले मिशनों को काफी फायदा होगा।
चंद्रयान-3 के लैंडर पर लगे लेजर रेट्रोरिफ्लेक्टर एरे को नासा ने विकसित किया है, जिसे अंतरराष्ट्रीय सहयोग के तहत चंद्रयान-3 के साथ चांद पर भेजा गया था।
पूरी भाजपा देश को हर समय ये बताने में लगी है कि मोदी जी के आने से देश के पासपोर्ट की ताकत कितनी बढ़ गयी है लेकिन असल सच्चाई कुछ और है। हेनले पासपोर्ट इंडेक्स की इस साल की रिपोर्ट में ये बात उजागर हुई है. हेनले पासपोर्ट इंडेक्स दुनिया के सभी पासपोर्ट की मूल आधिकारिक रैंकिंग है जिससे किसी भी देश के पासपोर्ट की ताकत का पता चलता है।
2024 में हेनले पासपोर्ट इंडेक्स में दुनिया भर के कुल 6 देशों ने टॉप पर जगह बनाई है दुनिया के सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट वाले देशों में यूरोपीय संघ के चार सदस्य देश फ्रांस, जर्मनी, इटली और स्पेन शामिल हैं जबकि एशियाई देशों में से इस लिस्ट में हमेशा से टॉप पर रहे दो एशियाई देश इस बार भी टॉप पायदान पर अपनी जगह बनाए हुए हैं और ये देश हैं जापान और सिंगापुर यानी इन 6 देशों के पासपोर्ट सबसे ताकतवर है. यह पासपोर्ट अपने नागरिकों को दुनिया के 227 देशों में से 194 में बिना वीजा के एंट्री की सुविधा मुहैया कराते हैं।
अब आप यही सोच रहे होंगे कि फिर भारत इस लिस्ट में कहां है तो आपको ये जानकर हैरानी होगी कि भारत इस लिस्ट में 80 नंबर पर खड़ा है,,, जी हाँ 80 नंबर पर और देश में डंका पीटा जा रहा है कि भारत के पासपोर्ट की ताकत बहुत बढ़ गयी है हेनले पासपोर्ट इंडेक्स पर टॉप 10 में यूरोपीय देशों को जगह मिली है दक्षिण कोरिया फिनलैंड और स्वीडन इस लिस्ट में दूसरे स्थान पर हैं। ये तीनों देश 193 देशों के लिए वीजा-मुक्त यात्रा का दावा करते हैं तीसरे स्थान पर ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, आयरलैंड और नीदरलैंड हैं। ये देश 192 देशों के लिए वीजा-मुक्त यात्रा का दावा करते हैं।
2024 हेनले पासपोर्ट इंडेक्स में भारत 80वें स्थान पर है भारत के पासपोर्ट के साथ थाईलैंड, इंडोनेशिया, मॉरीशस, श्रीलंका और मालदीव जैसे जगहों की यात्रा की जा सकती है हालांकि मालदीव के साथ भी आजकल भारत के रिश्ते कुछ ठीक नहीं है दूसरी तरफ भारत के पड़ोसी देशों की बात करें तो जहां 85 जगहों में वीजा-फ्री एंट्री के लिए चीन को 62वें स्थान पर रखा गया है।
अब जरा साल कुछ साल पहले की रैंकिंग पर भी नजर डालते हैं साल 2006 में भारत की रैंकिंग आज से काफी अच्छी थी साल 2006 में भी भारत का पासपोर्ट 71 वें स्थान पर था जबकि साल 2014 में जब तक मनमोहन सरकार का कार्यकाल खत्म हुआ था,,उस समय भी भारत के पासपोर्ट की रैंकिंग 76 वें स्थान पर थी जबकि मोदी सरकार के एक साल सत्ता में पुरे होने के बाद 2015 में भारत के पासपोर्ट की रैंक गिरकर 88 नंबर पर पहुंच गया था गजब तो साल 2021 में हुआ जब नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल में भारत के पासपोर्ट की कीमत गिरकर 90 नंबर पर पहुंच गया और आज वर्तमान में भारत का पासपोर्ट 80 नंबर पर आता है।
हेनले पासपोर्ट इंडेक्स ने बीजेपी के उन नेताओं को आईना दिखाया है जो कहते नहीं थकते कि मोदी जी की सरकार में भारत के पासपोर्ट की ताकत बहुत तेजी से बढ़ी है और पासपोर्ट की इज्जत बढ़ गयी है जबकि हेनले पासपोर्ट इंडेक्स साफ़ दिखा रहा है कि बजाय आज के पूर्व की मनमोहन सरकार में भारत का पासपोर्ट ज्यादा मजबूत था।
India-Maldives Relations:भारत-मालदीव के बीच राजनयिक विवाद सोमवार (8 जनवरी) को भी जारी रहा. इस बीच मालदीव के राजदूत को भारत ने तलब किया. वहीं सोशल मीडिया पर इस समय लक्षद्वीप बनाम मालदीव की एक जंग छिड़ी हुई है। पीएम नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप की यात्रा के बाद ये बहस शुरू हुई है। पीएम की इस यात्रा से अटकलें लगाई कि मालदीव के पेंच कसने के लिए भारत अपने द्वीपों में पर्यटन को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा है। पीएम मोदी के दौरे के बाद से लक्षद्वीप गूगल सर्च इंजन पर सबसे ज्यादा सर्च किया जाने वाला कीवर्ड रहा है। शुक्रवार को, 50,000 से अधिक लोगों ने केंद्र शासित प्रदेश को गूगल पर देखा, इसकी वजह ये पीएम की पोस्ट भी रही, जिसमें उन्होंने इस जगह की आश्चर्यजनक सुंदरता और वहां के लोगों की गर्मजोशी के बारे में लिखा।
नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे के बाद सोशल मीडिया पर आग भड़काने का काम मालदीव की सत्ताधारी पार्टी के नेताओं के ट्वीट ने किया। इन ट्वीट में नरेंद्र मोदी का मजाक उड़ाया गया तो भारतीयों को गंदा कहते हुए नस्लीय टिप्पणियां की गईं। इसमें जाहिर रमीज और मरियम शिउना खासतौर से अपने कमेंट के चलचते सोशल मीडिया पर भारतीयों के निशाने पर आए। इसी का नतीजा था कि सोशल मीडिया पर रविवार को बायकॉट मालदीव ट्रेंड करने लगा।
1.भारतीय विदेश मंत्रालय ने मालदीव के राजदूत को सोमवार को तलब किया. मालशा शरीफ, मरियम शिउना और अब्दुल्ला महज़ूम माजिद की पीएम मोदी के खिलाफ की गई टिप्पणी को लेकर कड़ी चिंता व्यक्त की. तीनों मंत्रियों को निलंबित किया जा चुका है.
2. मालदीव की सरकार ने भारतीय उच्चायुक्त मुनु मुहावर को कहा कि उसके निलंबित किये जा चुके तीन उप मंत्रियों की पीएम मोदी के खिलाफ दिए गए अपमानजनक बयान सरकार के रुख को प्रदर्शित नहीं करते. द सन ऑनलाइन’ की रिपोर्ट के मुताबिक मालदीव के एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने कहा कि बैठक में नसीर ने पड़ोसियों के लिए मालदीव का सतत समर्थन दोहराया. भारतीय उच्चायोग ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर बताया कि विदेश मंत्रालय में डॉ अली नसीर मोहम्मद के साथ द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए भारतीय उच्चायुक्त की बैठक पहले से तय थी.
3.पीएम मोदी पर मालदीव के मंत्रियों की टिप्पणी पर लक्षद्वीप के लोकसभा सांसद मोहम्मद फैजल ने कहा कि कुछ भी बोलने से पहले दो बार सोचें. फैजल ने पीटीआई से बात करते हुए कहा, ‘‘माननीय प्रधानमंत्री की लक्षद्वीप के पर्यटन को लेकर की गई टिप्पणी पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला था. मालदीव के उप मंत्रियों की गई टिप्पणी अवांछित और बेतुकी थीं. ’’
4. मालशा शरीफ, मरियम शिउना और अब्दुल्ला महज़ूम माजिद ने पीएम मोदी के लक्षद्वीप की फोटो शेयर करने को लेकर टिप्पणी की थी. तीनों ने कहा था कि पीएम मोदी ऐसा लक्षद्वीप को मालदीव के वैकल्पिक पर्यटन स्थल के रूप में पेश करने की एक कोशिश करने के लिए कर रहे हैं.
5.भारत से विवाद के बीच मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू चीन की राजकीय यात्रा पर गए हैं. यहां मुइज्जू राष्ट्रपति शी चिनफिंग से द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा करेंगे. मोहम्मद मुइज्जू को चीन का करीबी माना जाता है.
6.कांग्रेस ने कहा कि मालदीव और चीन के रिश्ते भारत के लिए चिंता की बात है. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ” मालदीव हमेशा भारत को चीन के ऊपर तरजीह देता रहा है. अब, लेकिन मालदीव को चीन को प्राथमिकता दे रहा है.”
7.विवाद के बीच ईज़माईट्रिप ने मालदीव के लिए सभी फ्लाइट बुकिंग पर रोक लगा दी है. ईज़माईट्रिप के सीईओ निशांत पिट्टी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, “लक्षद्वीप का पानी और बीच (समुद्र तट) मालद्वीव/सेशल्स जैसे ही अच्छे हैं. हम ईज़माईट्रिप पर इस बेहद खूबसूरत पर्यटन स्थल को बढ़ावा देने के लिए खास पेशकश लेकर आएंगे जहां हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हाल में गए थे.”
8.टूर ऑपरेटरों के संगठन इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स (आईएटीओ) ने कहा कि मालदीव की यात्रा के लिए कोई नई पूछताछ की नहीं जा रही. आईएटीओ के अध्यक्ष राजीव मेहरा ने कहा, ”भारतीय पर्यटकों की ओर से मालदीव के लिए कोई नई पूछताछ नहीं आ रही है.”
9.मालदीव की यात्रा करने वालों में पूरी दुनिया में भारत के लोग सबसे ज्यादा है. मालदीव के पर्यटन मंत्रालय के मुताबिक, 2023 में 2.03 लाख से अधिक भारतीयों ने मालदीव की यात्रा की.
10.पीएम मोदी लक्षद्वीप कई परियोजनाओं का उद्घाटन करने के लिए हाल ही में गए थे. इसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर फोटो शेयर कर बताया था कि उन्होंने यात्रा के दौरान स्नॉर्कलिंग का लुत्फ उठाया. उन्होंने लिखा, ‘‘जो लोग रोमांचकारी अनुभव लेना चाहते हैं, लक्षद्वीप उनकी लिस्ट में जरूर होना चाहिए.’’
ISRO XPoSat Mission:भारत ने साल 2024 की शुरुआत खगोल विज्ञान के सबसे बड़े रहस्यों में से एक ब्लैक होल के बारे में जानकारी जुटाने के लिए उपग्रह भेज कर की है। सुबह 9.10 बजे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के इस पहले एक्स-रे पोलरीमीटर उपग्रह यानी ‘एक्सपोसैट’ को रॉकेट पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) सी 58 के जरिए लॉन्च किया। यह प्रक्षेपण पीएसएलवी रॉकेट श्रृंखला का 60वां प्रक्षेपण है। इस उपग्रह की लाइफ पांच साल की है। इस मिशन में एक्सपोसैट के साथ ही 10 अन्य पेलोड भी लॉन्च किए गए हैं। जिन्हें पृथ्वी की निचली कक्षाओं में स्थापित किया जाएगा।
इसरो ने रचा इतिहास-
इसरो के चंद्रयान-3 और आदित्य एल1 मिशन के बाद यह देश का अंतरिक्ष अन्वेषण की दिशा में एक नया ऐतिहासिक कदम है। इस मिशन के माध्यम से अमेरिका के बाद भारत ब्लैक होल (आकाशगंगा) और न्यूट्रॉन सितारों का अध्ययन करने के लिए एक विशेष सैटेलाइट भेजने वाला दुनिया का दूसरा देश बन गया। SLV-C58 XPoSat मिशन पर इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा, “1 जनवरी 2024 को पीएसएलवी का एक और सफल मिशन पूरा हो गया है।”
क्यों खास है ये मिशन?
इसरो ने बताया कि इस उपग्रह का लक्ष्य सुदूर अंतरिक्ष से आने वाली गहन एक्स-रे का पोलराइजेशन यानी ध्रुवीकरण पता लगाना है। यह किस आकाशीय पिंड से आ रही हैं, यह रहस्य इन किरणों के बारे में काफी जानकारी देते हैं। पूरी दुनिया में एक्स-रे ध्रुवीकरण को जानने का महत्व बढ़ा है। यह पिंड या संरचनाएं ब्लैक होल, न्यूट्रॉन तारे (तारे में विस्फोट के बाद उसके बचे अत्यधिक द्रव्यमान वाले हिस्से), आकाशगंगा के केंद्र में मौजूद नाभिक आदि को समझने में मदद करता है। इससे आकाशीय पिंडों के आकार और विकिरण बनाने की प्रक्रिया को समझने में मदद मिलेगी।
खाड़ी देश कतर की एक अदालत द्वारा भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को मौत की सजा देने के फैसले पर रोक लगा दी गई है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस बारे में जानकारी दी है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमने दहरा ग्लोबल मामले में कतर की अपील अदालत के आज के फैसले पर गौर किया है, जिसमें सजाएं कम कर दी गई हैं। हम विस्तृत फैसले की प्रतीक्षा कर रहे हैं। आज अपीलीय अदालत में कतर में हमारे राजदूत और अन्य अधिकारी उपस्थित थे। पीड़ितों के परिवार के सदस्य भी थे। हम मामले की शुरुआत से ही उनके साथ खड़े हैं और हम सभी कांसुलर और कानूनी सहायता देना जारी रखेंगे। हम इस मामले को कतरी अधिकारियों के साथ भी उठाना जारी रखेंगे।
क्या है मामला?
मामला पहली बार 30 अगस्त को सामने आया जब कतर की खुफिया एजेंसी ‘राष्ट्रीय सुरक्षा ब्यूरो’ ने आठ पूर्व नौसेना अधिकारियों को गिरफ्तार किया। उन्हें बिना किसी आरोप के हिरासत में लिया गया और एकांत कारावास में भेज दिया गया था। हालांकि, मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि उन पर जासूसी का आरोप लगाया गया था। जिसके बाद इसी साल अक्टूबर माह में कतर के कोर्ट ऑफ फर्स्ट इंस्टांस द्वारा मौत की सजा वाला फैसला सुनाया था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सेवानिवृत होने के बाद ये सभी नौसैनिक कतर की निजी कंपनी दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजी एवं कंसल्टेंसीज सर्विसेज में काम कर रहे थे। यह कंपनी कतरी एमिरी नौसेना को ट्रेनिंग और अन्य सेवाएं प्रदान करती है। कंपनी खुद को कतर रक्षा, सुरक्षा एवं अन्य सरकारी एजेंसी की स्थानीय भागीदार बताती है।
उत्तराखंड में आज से दो दिवसीय वैश्विक निवेशक सम्मेलन का शुभारंभ हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मेलन का शुभारंभ किया। सम्मेलन में देश-दुनिया के 5000 से अधिक निवेशक और प्रतिनिधि शामिल हुए हैं। राज्य में विभिन्न सेक्टर में निवेश के लिए अभी तक तीन लाख करोड़ रुपये के एमओयू हो चुके हैं। कई बड़े निवेश के लिए सम्मेलन में करार हो सकते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां आकर मन धन्य हो जाता है। कुछ वर्ष पहले जब मैं बाबा केदार के दर्शन को निकला था तो अचानक मेरे मुंह से निकला था कि 21वीं सदी का ये तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक है। मुझे खुशी है कि उस कथन को मैं लगातार पूरा होते देख रहा हूं।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि मैं देशवासियों को भरोसा दिलाता हूं कि मेरे तीसरे कार्यकाल में भारत दुनिया की टॉप थ्री इकॉनमी में आकर रहेगा। मोदी ने अगले आम चुनाव को लेकर भी ये इशारा किया।
पढ़ें प्रधानमंत्री के भाषण की बड़ी बातें-
पीएम मोदी ने कविता से भाषण की शुरुआत की। कहा- जहां अंजुली में गंगाजल हो, जहां हर एक मन बस निश्चल हो, जहां नारी में सच्चा बल हो उस देवभूमि का आशीर्वाद लिए मैं चलता जाता हूं। है भाग्य मेरा सौभाग्य मैं तुमको शीश नवाता हूं।
मैं देशवासियों को भरोसा दिलाता हूं कि मेरे तीसरे कार्यकाल में भारत दुनिया के टॉप थ्री इकॉनमी में आकर रहेगा। मोदी ने अगले आम चुनाव को लेकर भी ये इशारा किया।
मेक इन इंडिया की तरह वेड इन इंडिया भी चलाया जाए। आप कुछ निवेश करना पाओ या नहीं लेकिन अपने परिवार की एक डेस्टिनेशन वेडिंग अगले पांच साल में उत्तराखंड में करें। अगर पांच साल में पांच हजार डेस्टिनेशन वेडिंग भी उत्तराखंड में हुई तो ये एक नया क्षेत्र खड़ा हो जाएगा। देश के धन्ना सेठ इस बारे में सोचेंगे तो बड़ा बदलाव आएगा।
आप सभी बिजनेस की दुनिया के दिग्गज हैं। आप अपने काम का विश्लेषण करते हैं। आप सभी चुनौती का आकलन करके रणनीति बनाते हैं। ऐसा करने से हमें चारों तरफ एस्पिरेशन, होप, सेल्फ कॉन्फिडेंस दिखेगी। देश में पॉलिसी गवर्न सरकार दिखेगी।
भारत की मजबूती का फायदा उत्तराखंड समेत देश के हर राज्य को हो रहा है।उत्तराखंड इसलिए भी विशेष है क्योंकि यहां डबल इंजन सरकार है। डबल प्रयास चारों तरफ दिख रहे हैं। राज्य सरकार तेजी से यहां काम हो रहा है।
दिल्ली देहरादून एक्सप्रेस वे से दूरी 2.5 घंटे की होने जा रही है।
ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन से रेल कनेक्टिविटी आसान होने जा रही है।
पहले की सरकारें सीमावर्ती इलाकों को कम से कम पहुंच वाली थी। डबल इंजन ने इस धारणा को बदला। हम सीमावर्ती गांवों को विकसित करने जा रहे हैं।
पीएम मोदी ने सरकार को हाउस ऑफ हिमालयाज की बधाई दी। कहा कि यहां के लोकल उत्पादों को विदेशी बाजार में स्थापित करने की पहल है। ये वोकल फ़ॉर लोकल और लोकल फ़ॉर ग्लोबल का कारक बनेगा।
विकसित भारत के निर्माण के लिए राष्ट्रीय चरित्र को सशक्त करना होगा। ऐसे काम करने होंगे जिससे हमारे स्टैंडर्ड दुनिया फॉलो करें।
विकसित भारत अस्थिरता नहीं बल्कि स्थिरता चाहता है।
हमारे देश में मिलेट से लेकर तमाम फूड्स हैं जो पोषक हैं। किसानों की मेहनत बेकार नहीं जानी चाहिए। भारत की कंपनियों के लिए ये अभूतपूर्व समय है। अगले कुछ वर्षों में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकॉनमी बनने जा रहा है।
जिसमें दम हो, मैदान में आ जाएं, फायदा उठा लें। मैं गारंटी देता हूं कि जो बातें हम बताते हैं उन्हें पूरा कराने को हम खड़े भी रहते हैं।
मेरे जीवन के एक पहलू को बनाने में इस धरती का बड़ा योगदान है। अगर उसे कुछ लौटाने का अवसर मिलता है तो उसका आनंद भी कुछ और होता है।
आइए इस पवित्र धरती में चल पड़िए। आपके काम में कभी कोई बाधा नहीं आएगी।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत को विश्व कप 2023 के फाइनल में हार का सामना करना पड़ा। ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 6 विकेट से हराया। इस हार के बाद सभी भारतीय खिलाड़ी ड्रेसिंग रूम में थे और उनके भावुक होने की कई तस्वीरें भी सामने आई थी। रोहित शर्मा समेत तमाम सभी खिलाड़ी भावुक नजर आए। ऑस्ट्रेलिया से हार के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ड्रेसिंग रूम में पहुंचकर भारतीय क्रिकेटरों से मुलाकात भी की। इसकी कई तस्वीरें सामने आई है। प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाया।
जडेजा ने शेयर की तस्वीर-
भारत के स्टार ऑलराउंडर खिलाड़ी रविंद्र जडेजा ने पीएम मोदी के ड्रेसिंग रूम में आने की तस्वीर शेयर की है। उन्होंने लिखा कि- हमारा टूर्नामेंट बहुत अच्छा था, लेकिन फाइनल में हम हार गए। हम सभी दुखी हैं, लेकिन हमारे देश के लोगों का समर्थन हमें खूब आगे बढ़ा रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी ड्रेसिंग रूम में पहुंचे। उनका दौरा विशेष और बहुत प्रेरणादायक था।
प्रधानमंत्री ने शमी को लगाया गले-
शमी ने भी पीएम मोदी से मुलाकात की तस्वीर शेयर की है। उन्होंने लिखा है कि दुर्भाग्य से कल हमारा दिन नहीं था। मैं पूरे टूर्नामेंट के दौरान हमारी टीम और मेरा समर्थन करने के लिए सभी भारतीयों को खूब धन्यवाद देना चाहता हूं। विशेष रूप से ड्रेसिंग रूम में आने और हमारा उत्साह बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभारी हूं। हम फिर वापसी करेंगे!
अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया मैच के देखने के लिए कई बड़ी हस्तियां पहुंचीं थीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी दूसरी पारी के दौरान स्टेडियम में नजर आए। पीएम मोदी के साथ गृह मंत्री अमित शाह नजर आए। फाइनल मुकाबले को देखने के लिए पीएम मोदी के अलावा बॉलीवुड हस्तियां भी पहुंचीं। शाहरूख खान, गौरी खान, आशा भोसले, अनुष्का शर्मा, आथिया शेट्टी समेत अन्य कई दिग्गज स्टेडियम में मौजूद रहे
ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिंस ने टॉस जीतकर गेंदबाजी का फैसला किया। भारतीय टीम 50 ओवर में 240 रन पर सिमट गई। ऑस्ट्रेलिया ने 43 ओवर में चार विकेट पर 241 रन बनाकर मैच को जीत लिया। कंगारू टीम के लिए ट्रेविस हेड ने 141 रन की मैज जिताऊ पारी खेली। मार्नश लाबुशेन ने नाबाद 58 रन बनाए। मिचेल मार्श 15, डेविड वॉर्नर सात, स्टीव स्मिथ चार रन बनाकर आउट हुए। ग्लेन मैक्सवेल ने नाबाद दो रन बनाए।
ऑस्ट्रेलिया छठी बार विश्व विजेता बना है। वहीं, भारत का तीसरी बार ट्रॉफी जीतने का सपना टूट गया। उसने टूर्नामेंट में लगातार 10 मैच जीते, लेकिन 11वें मुकाबले में टीम पिछड़ गई। भारत को दूसरी बार ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल में हार का सामना करना पड़ा है। पिछली बार 2003 में रिकी पोंटिंग की कप्तानी वाली टीम ने हराया था।
कोहली और राहुल ने लगाया अर्धशतक
इससे पहले भारत के लिए केएल राहुल ने सबसे ज्यादा 66 और विराट कोहली ने 54 रन बनाए। कप्तान रोहित शर्मा ने 47 और सूर्यकुमार यादव ने 18 रन बनाए। कुलदीप यादव ने 10 रनों का योगदान दिया। इन पांच खिलाड़ियों के अलावा कोई भी दहाई का आंकड़ा नहीं छू सका। रवींद्र जडेजा नौ, मोहम्मद शमी छह, श्रेयस अय्यर और शुभमन गिल चार-चार रन बनाकर आउट हुए। जसप्रीत बुमराह एक रन ही बना पाए। मोहम्मद सिराज नौ रन बनाकर नाबाद रहे। ऑस्ट्रेलिया के लिए मिचेल स्टार्क ने सबसे ज्यादा तीन विकेट लिए। पैट कमिंस और जोश हेजलवुड को दो-दो सफलता मिली। ग्लेन मैक्सवेल और एडम जम्पा ने एक-एक विकेट लिए।
विश्व कप में पहली बार ऑल आउट हुई भारतीय टीम
भारत के लिए इस मैच में विराट कोहली और केएल राहुल ने चौथे विकेट के लिए 67 रन की सबसे बड़ी साझेदारी की। रोहित शर्मा और विराट कोहली ने दूसरे विकेट के लिए 46 रन जोड़े। रोहित, कोहली और राहुल अच्छी शुरुआत को बड़ी पारी में नहीं बदल पाए। श्रेयस अय्यर, शुभमन गिल, सूर्यकुमार बड़े मौके पर फेल हो गए। भारत पहली बार इस विश्व कप में ऑल आउट हुआ है और मैच भी हार गया। इस तरह भारत का 10 साल का आईसीसी ट्रॉफी का सूखा अब भी जारी है।
भारतीय क्रिकेट टीम विश्व कप के फाइनल में पहुंच गई है। उसने बुधवार (15 नवंबर) को खेले गए सेमीफाइनल मुकाबले में न्यूजीलैंड को 70 रन से हरा दिया। मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में मिली जीत के बाद भारतीय टीम फाइनल में पहुंच गई है। 19 नवंबर को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में उसका मुकाबला ऑस्ट्रेलिया या दक्षिण अफ्रीका से होगा। वह भारत के मौजूदा कोच राहुल द्रविड़ का आखिरी मैच हो सकता है।
विश्व कप के बाद राहुल द्रविड़ का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा। वह 2021 में टी20 विश्व कप के बाद टीम के कोच बने थे। रवि शास्त्री की जगह उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी। बीसीसीआई ने द्रविड़ के साथ दो साल का अनुबंध किया था, जो विश्व कप के बाद समाप्त हो जाएगा। ऐसे में अगर उन्हें नया अनुबंध नहीं मिलता है तो बतौर भारतीय कोच यह उनका आखिरी मुकाबला होगा। वह ट्रॉफी के साथ विदा होना चाहेंगे।
राहुल ने बदली बोर्ड के अधिकारियों की धारणा-
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीसीसीआई ने द्रविड़ के साथ अब तक नए अनुबंध को लेकर कोई बात नहीं की है। भारत के पूर्व कप्तान और उनके सहयोगी स्टाफ के पास विश्व कप तक का अनुबंध था और कोचिंग टीम के भविष्य को लेकर बीसीसीआई के भीतर अलग-अलग दृष्टिकोण थे। शुरुआत में द्रविड़ की कोचिंग शैली को लेकर बीसीसीआई के वरिष्ठ अधिकारियों को आपत्ति थी, लेकिन भारतीय टीम के हालिया प्रदर्शन ने उन धारणाओं को बदल दिया है।
क्या द्रविड़ कोच पद पर बने रहना चाहते हैं?
भारत विश्व कप में अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और पूरे टूर्नामेंट में अब तक एक भी मैच नहीं हारा है। ऐसे में अनुबंध नवीनीकरण या विस्तार की संभावना प्रबल हो सकती है। हालांकि, अहम सवाल यह है कि क्या द्रविड़ खुद भी पद पर बने रहने के इच्छुक हैं। जब उन्होंने 2021 में पदभार संभाला तो शुरुआती धारणा यह थी कि वह एक अनिच्छुक कोच थे। उनके कुछ करीबी लोगों ने सुझाव दिया था कि टीम के प्रदर्शन की परवाह किए बिना वह विश्व कप के बाद स्वेच्छा से पद छोड़ सकते हैं। हालांकि, संभावित विस्तार पर द्रविड़ का वर्तमान रुख किसी को पता नहीं है। पिछले महीने या उससे पहले द्रविड़ से उनके भविष्य को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है। उन्होंने अपने काम पर ध्यान केंद्रित किया है।
द्रविड़ कोच पद पर रहे या नहीं, यह अनुमान है कि उनके सहयोगी स्टाफ के सदस्यों का अनुबंध बढ़ाया जा सकता है। बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौड़, गेंदबाजी कोच पारस म्हाम्ब्रे और क्षेत्ररक्षण कोच टी दिलीप को आगे टीम के साथ जोड़े रखा जा सकता है।
ऑस्ट्रेलिया सीरीज में लक्ष्मण हो सकते हैं कोच –
वीवीएस लक्ष्मण के नेतृत्व में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) के कोच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 23 नवंबर से शुरू होने वाली टी20 सीरीज के दौरान टीम इंडिया के साथ रहेंगे। यह व्यवस्था बीसीसीआई को द्रविड़ के भविष्य पर निर्णय को अंतिम रूप देने के लिए कुछ समय देती है। बीसीसीआई ने अभी तक टी20 सीरीज के लिए टीम के चयन की तारीख की पुष्टि नहीं की है। अनुमान है कि टीम की घोषणा फाइनल के अगले दिन यानी 20 नवंबर को हो सकती है। इसके दो दिन बाद विशाखापत्तनम में पहला मैच होगा।
एक लड़का जो गली मोहल्ले में क्रिकेट खेलते हुए ख्वाब सजा लेता है कि वो क्रिकेटर बनेगा उस लड़के का दिन के उजाले में देखा गया ये ख्वाब जुनून बनता जाता है। उस लड़के को लगता है कि कोई एकेडमी ज्वाइन करने पर उसके खेल में निखार आ जाएगा तो वो और कमाल का क्रिकेट खेलने लगेगा, मगर गरीबी का दंश कई बार टैलेंट को निगल जाता है। वही उस लड़के के साथ हुआ। लेकिन वो लड़का पढ़ने में काफी बुद्धिमान था। तब उसने बच्चों को ट्यूशन देना शुरू कर दिया। मगर उस शौक का क्या करता जो उसके अंदर समंदर की तरह मौजें मार रहा था। क्रिकेट का शौक उसे बच्चों की एकेडमी ले जाता है। वो बच्चों को क्रिकेट खेलना सिखाने लगता है। बच्चे सीख कर जब अच्छा परफॉर्म करते तो उसे लगता है जैसे उसके खुद के खेल में निखार आ रहा है। और वो बच्चों की कामयाबी को अपनी खुशी मान लेता। फिर एक दिन किस्मत उसे हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से असिस्टेंट फील्डिंग कोच की जॉब दिला देती है।
ये लड़का कोई और नहीं T दिलीप था। वही टी दिलीप जो फिलहाल वर्ल्ड कप 2023 में खेल रही टीम इंडिया के फील्डिंग कोच हैं। टी दिलीप ऐसे कोच बनकर उभरे हैं कि मैदान पर टीम इंडिया पूरी तरह से स्पाइडरमैन बनी नज़र आ रही है। लिहाजा ये कहानी टी दिलीप की है।
तारीख 22 अक्टूबर 2023, उस रोज धर्मशाला के मैदान पर थीं न्यूजीलैंड और भारत की टीमें। भारत 20 साल से न्यूजीलैंड को हराने की कोशिश कर रहा था, मगर कामयाबी नहीं मिल रही थी। इस बार ऐसा जादू हुआ कि मोहम्मद शमी के 5 विकेट के दम पर टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड को 273 के स्कोर पर रोक दिया। और फिर भारत ने 4 विकेट से न्यूजीलैंड को करारी शिकस्त दे डाली।
इस मैच में जिस तरह श्रेयस अय्यर ने हवा में उड़कर न्यूजीलैंड के बल्लेबाज डेवोन कॉन्वे का कैच लपका उसने सुर्खियां बटोर लीं। कैच लपकते ही श्रेयस ने एक इशारा किया। ये इशारा था अपने फील्डिंग कोच टी दिलीप के लिए। जिसका मयना था कि कोच साहब ज़रा इस कैच को उस वक्त याद रखना जब आप बेस्ट फील्डर का मेडल देने का ऐलान करो। टी दिलीप जब से टीम इंडिया के फील्डिंग कोच बने हैं, तब से उन्होंने ड्रेसिंग रूम में बेस्ट फील्डिंग करने वाले इंडियन प्लेयर को मेडल देने की व्यवस्था की है। और इस मेडल को पाने के लिए सभी खिलाड़ी लालायित रहते हैं। यही वजह है कि कोई भी चूक वो मैदान पर नहीं करना चाहते,,
उस रोज मैच में कॉन्वे ने सिराज की गेंद पर लेग साइड में मारा और स्क्वायर लेग पर फिल्डिंग में लगे श्रेयस ने हवा में गोता लगाकर एकदम स्पाइडर रैन की तरह ये कैच लपक लिया।
मैच खत्म होने के बाद टीम ड्रेसिंग रूम में पहुंची। तो बेस्ट फिल्डिंग का मेडल देने के लिए सभी जमा हो गए। इस मौके पर टी दिलीप ने कहा, भारत ने इस मैच में कई कैच छोड़े, लेकिन कई खिलाड़ियों ने शानदार फील्डिंग भी की और कैच भी पकड़े। एक खिलाड़ी पानी में मछली की तरह नजर आया, उसने स्क्वेयर लेग पर शानदार कैच लपका और फील्डिंग में भी कई अहम बचाव किए। इस मैच का बेस्ट फील्डर का मेडल उसे दिया जाता है। इतना कहने के बाद टी दिलीप ने प्लेयर का नाम नहीं लिया, बल्कि उसे और इंटरेस्टिंग बनाने के लिए स्पाइडर कैम का सहारा लिया। हवा में चलते हुए स्पाइडरमैन की तरह स्पाइडर कैम आया, उस पर मेडल को जीतने वाले खिलाड़ी श्रेयस अय्यर की तस्वीर लटकी थी। ये देखकर सभी खिलाड़ी खुशी से उछल पड़े.
कितना कूल और कितना एक्साइटेड माहौल क्रिएट कर दिया टी दिलीप ने। तभी तो मैदान पर टीम की एकजुटता बता रही है कि कैसे उसके सामने कोई भी धुरंधर टिक नहीं पा रहा है। इसमें कोई शक नहीं टीम प्लेयर टैलेंटेड और मजबूत है। मगर जिस तरह टीम इंडिया परफॉर्म कर रही है, उसके पीछे टी दिलीप जैसे कई लोगों की मेहनत शामिल है। फील्डिंग कोच जिस तरह टीम के लिए अपने एफर्ट लगा रहे हैं वो बेहद ही काबिले तारीफ हैं। लेकिन टी दिलीप का यहां तक पहुंचना, उनके शौक और जज़्बे की बेमिसाल कहानी है। वो उस ख़्वाब को ताबीर दे रहे हैं, जो वो बचपन में देखा करते थे कि काश मैं भी टीम इंडिया के लिए क्रिकेट खेलूं। भले वो कोई फर्स्ट क्लास मैच ना खेले हों, मगर जिस तरह उन्होंने फील्डिंग के लिए खिलाड़ियों को तैयार किया है, वो यकीनन उनके खेलने जैसा ही है।
उन्होंने कैसे किया ये सब?
हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन ने जब टी दिलीप को असिस्टेंट फील्डिंग कोच बनाया तो उन्होंने शादी करने का प्लान पोस्टपोन कर दिया। उन्हें लगा अगर शादी की तो जिम्मेदारियों में क्रिकेट पर फोकस नहीं कर पाऊंगा। उनका लक्ष्य सिर्फ नेशनल क्रिकेट एकेडमी से जुड़ना था। किस्मत भी शायद उनके जुनून और मेहनत के सामने रेड कारपेट बिछा रही थी। आईपीएल टीम डेक्कन चार्जर्स में उन्हें नौकरी करने का मौका मिल गया। यहां उन्होंने क्रिकेट की बारीकियों पर रिसर्च कर डाली। और फिर जब नैशनल क्रिकेट एकेडमी में उन्हें जॉइनिंग मिल गई, तो ना जाने कितने ऑफर उनके पास आने लगे। पैसे की पेशकश की जाने लगी। मगर दिलीप ने तो सिर्फ नैशनल क्रिकेट एकेडमी का ख्वाब देखा था, जो मुकम्मल हो रहा था। साल 2017 में इंडिया ए की टीम बांग्लादेश गई, उनके साथ फील्डिंग कोच बनकर टी दिलीप भी गए। यहीं उनकी मुलाक़ात राहुल द्रविड़ से हुई। इसके बाद उन्हें टीम इंडिया का फील्डिंग कोच चुन लिया गया।
टी दिलीप जानते थे कि टीम इंडिया में सारे कीमती मोती हैं, मगर जब तक उनको एक माला में नहीं पिरोया गया, वो बिखरे रहेंगे। उसी दौरान उन्होंने बेस्ट फिल्डिंग मेडल देने का प्रस्ताव सामने रखा। और ये एक अच्छा आइडिया था। इससे मैदान पर खिलाड़ियों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा शुरू हो गई। जिसके नतीजे अब हमारे सामने आने लगे हैं। दिलीप की कामयाबी के सबूत मैदान पर देखने को मिल रहे हैं। जैसे ही कोई खिलाड़ी बेस्ट फील्डिंग करता है तो इशारा करता है, वो इशारे से जताना चाहते हैं, जनाब ये मैंने मेडल वाली फील्डिंग की है।
इतना ही नहीं टी दिलीप उस मेडल को देने के लिए भी सेरेमनी को दिलचस्प बना दे रहे हैं, इससे खिलाड़ियों का उत्साह हर मैच को जीतने के बाद अगले मैच में और भी शानदार प्रदर्शन करने के लिए बढ़ रहा है। टीम इंडिया अपनी परफॉर्मेंस के लिए बधाई की पात्र है, तो टीम इंडिया की कामयाबी के लिए जुटे टी दिलीप जैसे लोग भी बधाई के पात्र हैं। भले ही टी दिलीप के पास कोई मेडल या रेकॉर्ड ना हो। भले कोई बड़ा मैच ना खेला हो। मगर आज उनका जुनून मैदान पर क्रिकेट खेलकर उनका ख्वाब पूरा कर रहा है।
आज भारत विश्व कप 2023 जीतने से बस एक कदम दूर है, अगर भारत इस बार विश्व कप जीतता है तो एक बार फिर इतिहास रचा जाएगा,जैसा टीम इंडिया इस समय खेल रही है, उसे देख ये कोई मुश्किल काम नहीं लग रहा,अगर भारत विश्व कप जीतने में कामयाब हो गया तो कोच राहुल द्रविड़ और कप्तान रोहित शर्मा के अलावा टी दिलीप का सबसे बड़ा योगदान होगा,क्योकि पर्दे के पीछे टीम इंडिया को निखारने मे सबसे बड़ा काम उन्होंने ही किया है, जिस तरह टीम इंडिया इस समय खेल रही है उसमें टी दिलीप की बड़ी भूमिका है देश को भी भारत की टीम से इस बार कप की आशा है.
बिगबॉस विनर एल्विश यादव (Elvish Yadav) पर रेव पार्टियों में स्नेक बाइट प्रोवाइड कराने को लेकर नोएडा सेक्टर 49 में एफआईआर दर्ज हुई है. अब कई लोगों के मन में ये सवाल उठ रहा होगा कि आखिर ये रेव पार्टी होती कैसी है. क्या ये भी आम पार्टियों की तरह होती है या इसमें कुछ अलग होता है. इससे भी बड़ा सवाल कि क्या ये पार्टियां भारत में लीगल हैं? चलिए इस आर्टिकल में आपके इन्हीं सवालों का जवाब देते हैं.
कैसी होती है रेव पार्टी-
रेव पार्टियां पूरी दुनिया में लोकप्रिय हैं. ज्यादातर इन पार्टियों में समाज का अमीर तबका ही पहुंचता है. दरअसल, इन पार्टियों में जाने के लिए इतना ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ता है कि आम लोग इसके बारे में सोच भी नहीं सकते. इसके साथ ही ये पार्टियां आम पार्टियों के मुकाबले काफी अलग होती हैं. इन पार्टियों में पहुंचने वाले युवा तरह तरह का नशा करते हैं जो कई देशों में बैन भी है. यही वजह है कि भारत में भी इस तरह की रेव पार्टियां बैन हैं. लेकिन इसके बाद भी कुछ लोग ऐसी पार्टियां आयोजित कराते हैं और एल्विश यादव पर ऐसी ही पार्टियों में स्नेक बाइट प्रोवाइड कराने का आरोप है.
इस तरह की रेव पार्टियों में लोग सिर्फ आम पार्टियों की तरह नाचते, गाते और फूड एन्जॉय नहीं करते हैं. बल्कि, लोग इन पार्टियों में जम कर नशा करते हैं. ये नशा ड्रग्स से लेकर चरस, अफीम और स्नेक बाइट तक का होता है. इन पार्टियों में ऐसा माहौल बनाया जाता है कि लोग लंबे समय तक नशे में झूमते रहें. आपने फिल्मों में देखा ही होगा कि इन पार्टियों में किस तरह युवा नशे में डूबे रहते हैं.
भारत में बैन है रेव पार्टी-
भारत में इस तरह की रेव पार्टियां बैन हैं जहां अवैध तरीके के नशे कराए जाते हैं. अगर कोई व्यक्ति इस तरह की पार्टी में जाता है या इसे ऑर्गेनाइज कराता है तो पकड़े जाने पर सजा का भी प्रावधान है. यही वजह है कि देश के अलग-अलग इलाकों में इस तरह की पार्टियों पर नार्कोटिक्स विभाग अक्सर छापे मारी करता रहता है.