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हल्द्वानी हिंसा का आज तीसरा दिन: 8 फरवरी से इंटरनेट सेवाएं बंद, कर्फ्यू जारी, 5 हजार लोगों पर केस दर्ज

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हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में हुए बवाल के बाद सुरक्षा के दृष्टिगत शहर में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई। इससे लोगों का आमजीवन  काफी प्रभावित रहा। कर्फ्यू लगने से घरों में कैद लोग बिना इंटरनेट के काफी परेशान रहे। बता दें कि, बनभूलपुरा हिंसा मामले में पुलिस ने 18 नामजद समेत पांच हजार उपद्रवियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया।

शहर में बृहस्पतिवार रात करीब दस बजे से इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी। बीएसएनएल, वोडाफोन, एयरटेल, जियो समेत अन्य नेटवर्क पर इंटरनेट सेवा संचालित नहीं हो पाई। ऐसे में सैकड़ों यूजर्स सूचना न मिल पाने के कारण परेशान रहे। इंटरनेट सेवा बंद होने से वर्क फ्राॅम होम से जुड़े लोगों का काम प्रभावित रहा वहीं परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को भी खासी दिक्कत हुई।

बीएसएनएल के डीजीएम भीम बहादुर ने बताया कि पुलिस प्रशासन की ओर से जब तक अनुमति नहीं दी जाएगी तब तक संचार सेवा सुचारु नहीं होगी। बताया कि शहर के बाहरी क्षेत्र में भी इंटरनेट को बंद किया जा रहा है, जिस कारण सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से शहर में अराजकता का माहौल न बने।

बता दें कि, बनभूलपुरा हिंसा मामले में पुलिस ने 18 नामजद समेत पांच हजार उपद्रवियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। घटनास्थल और आसपास के इलाके से पांच शव बरामद कर लिए गए हैं। एक व्यक्ति की मौत बरेली ले जाते समय हो गई, हालांकि प्रशासन ने इसकी पुष्टि नहीं की है। पुलिस ने चार लोगों को हिरासत में लेकर सीसीटीवी फुटेज और वीडियो रिकॉर्डिंग कब्जे में ले ली है। पुलिस ने कई डीबीआर की हार्ड डिस्क कब्जे में ली है।

Haldwani: स्थानीय महिलाओं के सलवार सूट पहनकर बचाई पुलिस ने अपनी जान, पीड़ितों से मिले CM धामी, कहा- किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा.

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हल्द्वानी शहर में जब अचानक पत्थर बरसने लगे और महिला पुलिसकर्मी शहर की गलियों में फंस गईं। आस- पास के घरों की छत से बरसते पत्थरों की बारिश से किसी तरह महिला पुलिसकर्मी बचती रहीं लेकिन जब फोर्स तितर-बितर हुई तो स्थानीय लोगों ने 4 महिला पुलिसकर्मियों को घर के अंदर रुकने के लिए जगह दी। इससे उन सभी महिला पुलिसकर्मियों की जान बच सकी जिन पर पथराव हो रहा था। रात में पुलिस फोर्स पहुंचने पर उन महिला पुलिसकर्मियों के कपड़े बदलवाकर तब उन्हें घर से भेजा गया।

बनभूलपुरा में अतिक्रमण हटाने गई पुलिस टीम के साथ पुलिस फोर्स में महिला जवान भी शामिल थीं। विरोध कर रही महिलाओं को रोकने के लिए महिला पुलिस जवान भी मोर्चे पर डटी रही। तभी उपद्रवियों ने पथराव करना शुरू कर दिया। इसमें कई महिला पुलिसकर्मी भी घायल हो गईं। वहीं 5 महिला पुलिसकर्मी सहित करीब 30 से ज्यादा पुलिसकर्मी गलियों में फंस गईं।

उन महिला पुलिसकर्मियों को किसी तरह इलाके की महिलाओं ने अपने घरों में छिपाया। इस दौरान पथराव और उपद्रव करने वाले लोग क्षेत्र में फंसे पुलिसकर्मियों को ढूंढते रहे। इसके साथ ही उपद्रवियों ने कई घरों के दरवाजे भी खटखटाए। इस बीच फंसी महिला पुलिसकर्मियों को बचाने के लिए एक परिवार की महिलाओं ने उनका पूरा हुलिया बदलवा दिया।

 

 

एक घर में 3 और एक घर में 1 महिला पुलिसकर्मी को सहारा दिया गया। कर्फ्यू लगने के बाद अपने जवानों को खोजते हुए पहुंची पुलिस फोर्स के जवानों को देखकर उन परिवारों ने पुलिसकर्मियों को सुरक्षित उन्हें सौंपा।

पथराव के दौरान नई बस्ती में एक परिवार को भी उपद्रवियों ने अपना निशाना बनाया। दरअसल परिवार ने पथराव में फंसी एक महिला और एक पुरुष पुलिसकर्मी को उस परिवार के लोगों ने अपने घर में रहने के लिए शरण दी थी। इसकी जानकारी मिलते ही उपद्रवी उस घर के पास पहुंच गए और उन्होंने घर पर पथराव कर दिया। इसके बाद उन्होंने घर में आग लगा दी।

वहीँ हिंसा की घटना के बाद  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हल्द्वानी पहुंचे और यहां घायलों व पीड़ितों से उनके हालातों के बारे में जानकारी ली। साथ ही सभी पुलिस अधिकारियों से इस मामले की जानकारी भी ली। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण हटाने का काम कोर्ट के आदेश पर पहले से हो रहा था। लेकिन ये हमला सुनियोजित था। जिस तरह से हमारी पुलिस पर हमला हुआ है। यह बहुत ही दुख की बात है।

यह देवभूमि है। इन लोगों ने कानून तोड़ा है और देवभूमि की छवि को खराब करने का काम किया है। कई पत्रकारों को भी बुरी तरह से पीटा गया है। जिस तरह से उनकी हत्या का प्रयास हुआ है। जिन लोगों ने संपत्ति जलाई है। वीडियो फुटेज के आधार पर उनकी पहचान हो रही है। उन पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। वहां जो भी सामान एकत्रित किया गया था उस पर कार्रवाई होगी।

हल्द्वानी में बवाल: CM धामी ने बुलाई बैठक, शहरभर में लगा कर्फ्यू, देखते ही गोली मारने के दिए आदेश.

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हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में गुरुवार को बवाल हो गया। मलिक के बगीचे में अवैध कब्जे तोड़ने गई नगर निगम और पुलिस की टीम पर स्थानीय लोगों ने पथराव किया । इस दौरान 20 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए।  पथराव के बाद शुरू हुई हिंसा आसपास के कई इलाकों में फैल गई। जिसके बाद दंगाइयों ने बनभूलपुरा थाना फूंक दिया है। मामले का संज्ञान लेते हुए सीएम धामी ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाई. दिए. जिसमें सीएम ने अराजक तत्वों से सख्ती से निपटने के निर्देश दिए

वहीं, नैनीताल डीएम ने शहर में कर्फ्यू लगा दिया है। दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए है।
सीएम ने दिए सख़्ती से निपटने के निर्देश-
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हल्द्वानी के बनभूलपुरा में अवैध निर्माण को हटाये जाने के दौरान पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों एवं कर्मियों पर हुए हमले तथा क्षेत्र में अशांति फैलाने की घटना को गंभीरता से लिया है। सीएम ने सभी संबंधित अधिकारियों को क्षेत्र में शांति एवं कानून व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने के सख्त निर्देश भी दिये है।

CM धामी ने की स्थिति की समीक्षा-सीएम ने इस संबंध में गुरुवार शाम मुख्यमंत्री आवास में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार और अन्य उच्चाधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने स्थानीय लोगों से शान्ति बनाये रखने की अपील करते हुए अराजक तत्वों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही के निर्देश दिये है। सीएम ने कहा कि इस घटना के दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही कर क्षेत्र में शांति व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिये कि प्रदेश में किसी को भी कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने की छूट नहीं दी जानी चाहिए।

दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के दिए निर्देश-

सीएम ने स्पष्ट निर्देश दिये कि प्रदेश में किसी को भी कानून व्यवस्था से खिलवाड करने की छूट नहीं दी जानी चाहिए। प्रशासनिक अधिकारी निरंतर क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिये प्रयासरत रहे। डीएम वंदना ने फ़ोन पर सीएम धामी को अवगत कराया कि अशान्ति वाले क्षेत्र बनभूलपुरा में कर्फ्यू लगाया गया है तथा स्थिति को सामान्य बनाये रखने के लिये दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिये गये है।

 

Uttarakhand News: होमगार्डों को अब जल्द ही बड़ी जिम्मेदारी देने की तैयारी, अब हेलीपैड सुरक्षा की सौंपी जाएगी कमान.

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ED की रडार पर 17 सीएम और पूर्व CM समेत कई सियासतदान, कई पूर्व मंत्री भी शामिल.

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केंद्रीय जांच एजेंसी ‘ईडी’, के रडार पर विभिन्न राज्यों के 17 मौजूदा एवं पूर्व मुख्यमंत्री हैं। इनमें कुछ मुख्यमंत्रियों से पूछताछ हो चुकी है, तो कई सियासतदानों का नंबर लगना बाकी है। ईडी जांच की रडार, केवल मुख्यमंत्रियों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसके निशाने पर पूर्व केंद्रीय गृह/वित्त/रेलवे जैसे बड़े मंत्रालयों का कार्यभार संभाल चुके नेता भी रहे हैं। जांच एजेंसी की इस फेहरिस्त में चार मौजूदा एवं पूर्व डिप्टी सीएम भी शामिल हैं। इनके अलावा देश के अन्य सियासतदान व उनके परिजन भी जांच एजेंसी के निशाने पर आ चुके हैं।

सोनिया गांधी से लेकर खरगे तक-

ईडी के निशाने पर आने वाले विपक्षी नेताओं में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, लालू प्रसाद यादव और राकांपा संस्थापक शरद पवार जैसे कई दिग्गज नेता रहे हैं। गत वर्ष केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाने वाली कई विपक्षी पार्टियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखी थी। इनमें टीएमसी, आप, आरजेडी, नेशनल कांफ्रेंस, केसीआर की पार्टी, सपा और उद्धव बालासाहेब ठाकरे (यूबीटी) आदि दल शामिल थे। इन सभी दलों के नेता जांच एजेंसियों के निशाने पर रहे हैं। अरविंद केजरीवाल ने कहा था, हमारे देश के प्रधानमंत्री ने ठान लिया है कि अगर भाजपा को वोट नहीं दोगे और किसी दूसरी पार्टी को वोट दोगे, तो उस सरकार को किसी भी हाल में काम नहीं करने दिया जाएगा। किसी राज्य में दूसरी पार्टी की सरकार बनती है, तो उसके नेताओं के पीछे ईडी और सीबीआई छोड़ दी जाती है। अब केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि उन पर भाजपा में शामिल होने का दबाव बनाया जा रहा है। आप विधायकों को लालच देने की कोशिश हो रही है।

ईडी के रडार पर आए मौजूदा एवं पूर्व मुख्यमंत्री-

बिहार के पूर्व सीएम एवं केंद्रीय रेल मंत्री रहे लालू प्रसाद यादव एवं उनके परिवार के सदस्यों से जमीन के बदले नौकरी, घोटाले में पूछताछ की जा रही है। यह मामला सीबीआई द्वारा दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में ईडी ने भी इस केस की जांच शुरू की। छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ भी ईडी की जांच चल रही है। इनमें कोयला ट्रांसपोर्टेशन व महादेव गेमिंग एप आदि शामिल हैं। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को मानेसर जमीन मामला और पंचकुला के ‘एजेएल’ केस में ईडी को जांच का सामना करना पड़ रहा है। राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत भी जांच एजेंसियों के निशाने पर रहे हैं। यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के कार्यकाल में लिए गए कई फैसलों और विकास योजनाओं के मामले की जांच केंद्रीय एजेंसियां कर चुकी हैं। सपा प्रमुख और पूर्व सीएम अखिलेश यादव भी सीबीआई व ईडी के रडार पर रहे हैं। इनमें गोमती रिवर फ्रंट और माइनिंग घोटाला जैसे केस शामिल हैं।

ये मुख्यमंत्री/पूर्व सीएम भी जांच से अछूते नहीं-

पंजाब के पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी से अवैध रेत खनन मामले में ईडी पूछताछ कर चुकी है। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती भी ईडी जांच का सामना कर रहे हैं। इन केसों में जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन और जम्मू कश्मीर बैंक से जुड़ा मामला शामिल हैं। अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नेबाम टुकी के खिलाफ 2019 में सीबीआई ने जांच शुरू की थी। उसी आधार पर ईडी ने भी मामले की जांच प्रारंभ की। मणिपुर के पूर्व सीएम ओकराम इबोबी पर भ्रष्टाचार के आरोप में पहले सीबीआई ने केस दर्ज किया था। उसके बाद ईडी ने पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया। गुजरात के पूर्व सीएम शंकर सिंह वाघेला भी सीबीआई व ईडी के रडार पर आ चुके हैं। उन पर केंद्रीय मंत्री रहते हुए मुंबई में जमीन घोटाले का आरोप लगा था। तत्कालीन केंद्रीय टेक्सटाइल मंत्री रहे वघेला पर जमीन की खरीद फरोख्त में सरकारी खजाने को 709 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने का आरोप था। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री रहे शरद पवार भी ईडी जांच के दायरे में आ चुके हैं।

ईडी की हिरासत में सोरेन तो केजरीवाल को समन-

तेलंगाना के मुख्यमंत्री सीएम रेवंथ रेड्डी भी ईडी के रडार पर रहे हैं। उन पर आरोप था कि उन्होंने 2015 में एमएलसी इलेक्शन में पचास लाख रुपये की रिश्वत दी थी। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री का पद छोड़ा है। उन्हें जमीन घोटाले में ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कथित शराब घोटाले में ईडी की तरफ से पांच समन जारी हो चुके हैं। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन भी जांच एजेंसी के निशाने पर रहे हैं। गोल्ड स्मगलिंग केस सहित दूसरे मामलों में वे ईडी जांच का सामना कर रहे हैं। हाल ही में उनकी बेटी वीणा विजयन की कंपनी के खिलाफ केंद्र सरकार ने जांच का आदेश दिया है। एसएनसी-लवलीन केरल जलविद्युत घोटाला, इस केस में भी पिनाराई विजयन को जांच का सामना करना पड़ा है। आंध्रप्रदेश के पूर्व सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी भी कई तरह के वित्तीय मामलों को लेकर ईडी जांच का सामना कर रहे हैं।

ईडी के निशाने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री व डिप्टी सीएम भी-

पूर्व केंद्रीय गृह/वित्त मंत्री पी. चिदंबरम, पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री पवन बंसल और पूर्व केंद्रीय रेल एवं श्रम और रोजगार मंत्री मल्लिकार्जुन खरगे को भी ईडी जांच का सामना करना पड़ा है। महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख, ईडी के मामले में जेल जा चुके हैं। कर्नाटक के मौजूदा डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार को भी ईडी जांच का सामना करना पड़ा है। बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से भी ईडी द्वारा पूछताछ की जा रही है। दिल्ली के पूर्व सीएम मनीष सिसोदिया, ईडी के केस में जेल में हैं। महाराष्ट्र के मौजूदा डिप्टी सीएम अजित पवार के खिलाफ भी ईडी का मामला रहा है।

इन नेताओं को करना पड़ा जांच का सामना-

महाराष्ट्र में पूर्व मंत्री नवाब मलिक, ईडी केस में जेल जा चुके हैं। पश्चिम बंगाल के शारदा चिटफंड घोटाले में सीबीआई व ईडी की जांच के दायरे की आंच, कई नेताओं तक पहुंच चुकी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबियों को जांच का सामना करना पड़ा है। पश्चिम बंगाल पुलिस और ईडी की जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि 80 फीसदी जमाकर्ताओं के पैसे का भुगतान किया जाना बाकी है। जब सीबीआई टीम ने पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के खिलाफ कार्रवाई की, तो जांच एजेंसी के अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामले में सीएम ममता बनर्जी धरने पर भी बैठी थीं। तेलंगाना के सीएम की बेटी के. कविता, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शरद पवार के पोते रोहित, पश्चिम बंगाल सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे पार्थ चटर्जी, शिवसेना के सांसद संजय राउत, टीएमसी सांसद अभिषेक, आरजेडी के एमएलसी सुनील सिंह, सांसद अशफाक करीम, फैयाज अहमद और पूर्व एमएलसी सुबोध राय भी जांच एजेंसी की रडार पर रहे हैं।

जांच एजेंसी के निशाने पर 95 फीसदी विपक्षी नेता-

कांग्रेस नेता अजय माकन के मुताबिक, विपक्षी नेताओं के पीछे जांच एजेंसी लगी रहती है। नतीजा, कई नेता, भाजपा की शरण में चले गए। आज उनसे जांच एजेंसी पूछताछ नहीं कर रही। एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट बताती है कि गत आठ वर्ष में लगभग 225 चुनावी उम्मीदवारों ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी। 45 फीसदी नेताओं ने भाजपा ज्वाइन की है। पार्टी छोड़ने वालों में हार्दिक पटेल, अश्विनी कुमार, आरपीएन सिंह, गुलाम नबी आजाद, जयवीर शेरगिल, ज्योतिरादित्य सिंधिया, सुनील जाखड़, जितिन प्रसाद, सुष्मिता देव, कीर्ति आजाद, अदिति सिंह, कैप्टन अमरिंदर सिंह, उर्मिला मातोंडकर, हिमंत बिस्व सरमा, हरक सिंह रावत, जयंती नटराजन, एन बीरेन सिंह और दिवंगत अजीत जोगी आदि शामिल हैं। माकन का कहना था कि मोदी सरकार में ईडी ने जिन राजनेताओं के यहां पर रेड की है या उनसे पूछताछ की है, उनमें 95 फीसदी विपक्ष के नेता हैं। इसमें सबसे ज्यादा रेड तो कांग्रेस पार्टी के नेताओं के घरों और दफ्तरों पर की गई हैं। पार्टी ने आशंका जताई है कि 2024 के लोकसभा चुनाव तक, विपक्ष के अनेक नेता, केंद्रीय जांच एजेंसियों के जाल में फंस सकते हैं। असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा, नारायण राणे, रमन सिंह, मुकुल रॉय और सुवेंदु अधिकारी, आदि नेताओं के पीछे अब ईडी नहीं है। जनता सब समझती है कि ये नेता, अब ईडी की जांच से क्यों बच हुए हैं।

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UKPSC: खुशखबरी… युवा हो जाएं तैयार, सब इंस्पेक्टर समेत 222 पदों पर निकली भर्तियां, आज से करें आवेदन

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राज्य लोक सेवा आयोग ने प्रदेश में 222 पदों पर सब इंस्पेक्टर भर्ती का विज्ञापन जारी कर दिया है। इसके लिए बुधवार से ऑनलाइन आवेदन शुरू होने जा रहे हैं। आयोग की ओर से जारी सूचना के मुताबिक, सब इंस्पेक्टर पुलिस के 65 पद, सब इंस्पेक्टर इंटेलीजेंस के 43 पद, पीएसी, आईआरबी में गुल्मनायक पुरुष के 89 पदों पर ये भर्ती की जाएगी।

इसके लिए 22 फरवरी तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। सब इंस्पेक्टर व गुल्मनायक के लिए आवेदक की आयु 21 से 28 वर्ष के बीच होनी चाहिए। मान्यता प्राप्त विवि से ग्रेजुएशन पास होना चाहिए। शारीरिक मानक अलग से दिए गए हैं।

भर्ती के लिए हल्द्वानी, हरिद्वार, देहरादून, अल्मोड़ा, चंपावत, बागेश्वर, चमोली, टिहरी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, ऊधमसिंह नगर और पिथौरागढ़ में परीक्षा केंद्र बनाए जाएंगे। ऑनलाइन आवेदन में आने वाली किसी भी समस्या के लिए अभ्यर्थी ukpschelpline@gmail.com पर ई-मेल कर सकते हैं।

पुराने अभ्यर्थियों को दी आयोग ने राहत-

यह भर्ती पूर्व में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने तीन जनवरी 2022 को निकाली थी। तब हजारों अभ्यर्थियों ने इस भर्ती के लिए आवेदन किया था। उन सभी अभ्यर्थियों के लिए आयु एक जुलाई 2021 को न्यूनतम 21 वर्ष और अधिकतम 29 वर्ष होनी चाहिए। पेपर लीक प्रकरण के बीच ये भर्ती अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से राज्य लोक सेवा आयोग को ट्रांसफर हो गई थी, जिस पर अब आयोग ने विज्ञापन जारी किया है।



Jharkhand: हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन बनेंगी झारखंड की मुख्यमंत्री !

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झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कि कथित लैंड स्कैम से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं जमीन घोटाले में पूछताछ के लिए ईडी हेमंत सोरेन को कई बार समन जारी कर चुकी है हालांकि कई समन जारी होने के बाद भी हेमंत सोरेन ईडी के सामने पेश नहीं हुए बीते दिनों ईडी की टीम ने हेमंत सोरेन से रांची स्थित उनके सरकारी आवास पर कई घंटे पूछताछ की थी इसके बाद ईडी ने फिर से समन जारी कर 29 या 30 जनवरी को पूछताछ के लिए पेश होने को कहा था शनिवार को हेमंत सोरेन के दिल्ली पहुंचने की जानकारी सामने आयी जिसके बाद ईडी की टीम दिल्ली स्थित हेमंत सोरेन के आवास पर उनसे पूछताछ के लिए पहुंची थी लेकिन हेमंत सोरेन वहां भी नहीं मिले लेकिन ईडी की टीम ने उनके दिल्ली आवास को पूरा खंगाला इतना ही नहीं प्रवर्तन निदेशालय  की टीम ने सोमवार को सोरेन के दिल्ली के शांति निकेतन में स्थित घर सहित 3 ठिकानों पर छापेमारी की टीम ने तलाशी के दौरान दो BMW कार से कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज और 36 लाख रुपये नगद जब्त किए हैं मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हेमंत सोरेन ने ईडी को बताया है कि वह बुधवार को रांची स्थित आवास पर मिलेंगे।

सीएम सोरेन के बारे में जानकारी देने वाले को बीजेपी देगी 11 हजार रुपये-

अब माना जा रहा है कि मुख़्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी कभी भी हो सकती है इसके लिए उनकी पार्टी में भी सरगर्मी बढ़ गयी है पार्टी  ने अपने सभी विधायकों को रांची नहीं छोड़ने को कहा है साथ ही JMM ने राज्य के मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य पर चर्चा के लिए  रांची में अहम बैठक भी बुलाई है,,झारखंड के राज्यपाल CP राधा कृष्ण का कहना है कि वह भी दूसरों की तरह सीएम का इंतजार कर रहे हैं. साथ ही जानकारी आ रही है कि डीजीपी, सेक्रेटरी और गृह सचिव को राज्यपाल में राजभवन बुलाया गया है साथ ही बीजेपी ने दावा किया है कि सीएम हेमंत सोरेन 30 घंटों से ज्यादा वक्त से लापता हैं ।

भाजपा ने झारखंड सीएम हेमंत सोरेन को भगोड़ा बता दिया है और सीएम के बारे में जानकारी देने वाले को 11 हजार रुपये इनाम देने का भी ऐलान कर दिया है भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर एक पोस्टर शेयर किया हैं, जिसमें उन्होंने सीएम के लापता होने का दावा किया है बता दें कि कुछ दिनों पहले ईडी ने उन्हें 10वां समन भेजा था और 29 जनवरी से 31 जनवरी के बीच पेश होने के लिए कहा था. अगर वह ED के सामने पेश नहीं होते हैं तो एजेंसी उनके आवास पर जाकर पूछताछ करेगी।

क्या कल्पना सोरेन बनेंगी झारखण्ड की नयी मुख्यमंत्री-

मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगने और ईडी के शिकंजे के बाद  हेमंत के सियासी भविष्य को लेकर कयासबाजी चल रही है दावा किया जा रहा है कि हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन को झारखंड का नया मुख्यमंत्री बनाए जाने की तैयारी चल रही है  बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने सोमवार को दावा किया कि हेमंत ने अपने सभी सहयोगी विधायकों को सामान और बैग के साथ रांची बुलाया है हेमंत सड़क मार्ग के जरिए रांची पहुंचेंगे और कल्पना के नाम की घोषणा करेंगे बीजेपी के इस दावे के बाद झारखंड की सियासत गरमा गई है इन दावों ने 27 साल पुराने बिहार की राजनीतिक ताजपोशी को याद दिला दिया है तब आरजेडी प्रमुख लालू यादव की गिरफ्तारी पर तलवार लटकी थी और उन्होंने सीएम की कुर्सी बचाने के लिए अपनी पत्नी राबड़ी देवी को नया सीएम बनाकर चौंका दिया था बीजेपी लगातार हेमंत सोरेन को घेर रही है और गिरफ्तारी की आशंका के चलते अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को राज्य की कमान सौंपने की तैयारी का दावा कर रही है।

हालांकि, कल्पना सोरेन को झारखंड का नया सीएम बनाने के दावे काफी समय से किए जा रहे हैं लेकिन हेमंत की पत्नी और झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रमुख शिबू सोरेन की बहू कल्पना सोरेन राजनीतिक सुर्खियों से दूर रहती हैं वे एक स्कूल का संचालन करती है कई लोगों का मानना है कि राजनीतिक परिवार में शादी होने के कारण अगर उन्हें नेतृत्व करने का मौका मिलता है तो वे झारखंड के राजनीतिक हालात को संभालने में सक्षम हो सकती हैं एक व्यवसायी महिला के रूप में कल्पना तब सुर्खियों में आईं थीं, जब पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता रघुवर दास ने आरोप लगाया था कि हेमंत सोरेन ने अपनी पत्नी के व्यवसाय के लिए एक प्लॉट आवंटित करने के लिए अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया है ।

सीएम सोरेन को लेकर एयरपोर्ट पर भी अलर्ट- 

सवाल उठता है कि आखिर हेमंत सोरेन कहां हैं और क्यों सामने नहीं आ रहे मनी लॉन्ड्रिंग और खनन घोटाले में हेमंत सोरेन से पूछताछ के लिए ईडी की टीम समन कर रही है लेकिन सोरेन पेश नहीं हो रहे हैं वैसे जानकारी मिली है कि हेमंत सोरेन के दफ्तर से ईडी को मेल किया गया है कि वो 31 जनवरी को रांची में अपने आवास पर ईडी के सवालों का जवाब देंगे एहतियात बरतते हुए ED की टीम ने हेमंत सोरेन को लेकर एयरपोर्ट पर भी अलर्ट भेज दिया है।

Uttarakhand: अब होमगार्डों के बच्चों को भी मिलेगी ‘हाईटेक कोचिंग’, अब मुफ्त में कर सकेंगे UPSC और UKPSC की तैयारी.

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अब होमगार्डों के बच्चों को यूपीएससी और यूकेपीएससी की कोचिंग के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। प्रदेश में पहली बार होमगार्ड विभाग ऐसे बच्चों को तैयारी के लिए निशुल्क कोचिंग उपलब्ध कराएगा। इसके लिए कमांडेंट जनरल होमगार्ड आईजी केवल खुराना ने सूबे के होमगार्डों से बच्चों व अन्य अभिभावकों के नाम उपलब्ध कराने के लिए आवेदन मांगे हैं।

प्रदेश में पुलिस व्यवस्था में होमगार्डों का काफी हद तक योगदान रहता है। इनके बूते ही थानों और यातायात समेत अन्य व्यवस्थाएं चलती हैं लेकिन इस महंगाई के दौर में होमगार्डों के कई होनहार बच्चे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी से वंचित रह जाते हैं। अब ऐसा नहीं होगा। आईजी केवल खुराना ने देश में ही नहीं बल्कि प्रदेश में भी पहली बार होमगार्डों के बच्चों को निशुल्क कोचिंग दिलाए जाने की पहल शुरू की है।

विभाग होमगार्डों के होनहार बच्चों के लिए देहरादून मुख्यालय में कोचिंग सेंटर खोलने जा रहा है। इसमें सभी विषयों के विशेषज्ञ और विभागीय अधिकारी भी बच्चों को कोचिंग देंगे। कोचिंग के लिए बच्चों का एक मानक भी तय किया गया है। मानक के अनुसार जो बच्चे स्नातक कर रहे हैं या स्नातक की पढ़ाई पूरी कर चुके हैं। 

आवेदन दून मुख्यालय भेजे जाएंगे-

वह यूपीएससी और यूकेपीएससी परीक्षा की तैयारी करना चाहते हैं तो उन्हें कोचिंग दी जाएगी। इसके लिए आईजी केवल खुराना की ओर से सूबे के सभी जिला कमांडेंट को आदेश जारी किए गए हैं। आदेश में अपने-अपने जिले में तैनात इच्छुक होमगार्डों से बच्चों के नाम मांगे गए हैं। इसके बाद जिला मुख्यालय से आवेदन दून मुख्यालय भेजे जाएंगे।

आवेदन के हिसाब से दी जाएगी कोचिंग-

जो बच्चे संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) और उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (यूकेपीएससी) की तैयारी करना चाहते हैं। उनके आवेदनों की संख्या कितनी होगी। इस हिसाब से दून मुख्यालय में कोचिंग सेंटर तैयार किया जाएगा और विशेषज्ञों की तैनाती की जाएगी। माना जा रहा है कि फरवरी माह में कोचिंग शुरू हो जाएगी।

होमगार्डों के जो बच्चे या अन्य आश्रित यूपीएससी और यूकेपीएससी की तैयारी करना चाहते हैं। उन्हें विभाग की ओर से निशुल्क कोचिंग दिलाई जाएगी। देहरादून में रहने वालों को कोचिंग सेंटर और अन्य जिलों में रहने वालों को दो-दो घंटे ऑनलाइन कोचिंग दी जाएगी। -केवल खुराना, कमांडेंट जनरल होमगार्ड, आईजी, देहरादून

Bharat Jodo Nyay Yatra: असम के CM हिमंत बिस्वा सरमा का बड़ा बयान, राहुल गांधी होंगे गिरफ्तार!

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी इन दिनों भारत जोड़ों न्याय यात्रा पर हैं। राहुल गांधी की यात्रा असम पहुंच चुकी है असम में यह यात्रा 17 जिलों से होकर गुजरेगी वहीं राहुल गांधी की न्याय यात्रा को लेकर राजनीति भी खूब हो रही है राहुल गांधी की यात्रा को लेकर बीजेपी लगातार हमलावर है।

असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा राहुल गांधी के न्याय यात्रा को लेकर बड़ा बयान दिए हैं। उन्होंने कहा है कि,  राहुल गांधी को शहर के अंदर प्रवेश करने की इजाजत नहीं दी जाएगी,, अगर वह फिर भी जिद्द कर शहर में आते हैं तो उनके खिलाफ केस दर्ज होगी औऱ उनकी गिरफ्तारी होगी। 

राहुल गांधी की यात्रा नगालैंड से असम पहुंच चुकी है असम के शिवसागर जिले से शुरू होकर यह यात्रा राज्य के अन्य 17 जिलों से गुजरेगी इसी में गुवाहाटी शहर भी शामिल है जिसको लेकर राजनीतिक भूचाल आया है उन्होंने कहा कि, “हमने कहा है कि शहरों के अंदर से नहीं जाना है जो भी वैकल्पिक रास्ता मांगा जाएगा उसकी अनुमति दे दी जाएगी लेकिन अगर शहर के अंदर से जाने की जिद की जाएगी तो हम पुलिस की व्यवस्था नहीं करेंगे ”मैं केस दर्ज कर लूंगा और चुनाव के बाद गिरफ्तार करूंगा अभी कुछ नहीं करूंगा”।

और अब खबर आ रही है कि राहुल गांधी के खिलाफ असम पुलिस ने FIR भी दर्ज कर दी गयी है न्यूज एजेंसी पीटीआई ने पुलिस अधिकारी के हवाले से यह जानकारी दी है अधिकारी ने कहा, ”जोरहाट सदर पुलिस स्टेशन ने स्वत: संज्ञान लेते हुए यह एफआईआर यात्रा और उसके मुख्य आयोजक के खिलाफ दर्ज की है ” अधिकारी के अनुसार, एफआईआर में उल्लेख किया गया है कि यात्रा ने जिला प्रशासन के मानदंडों का पालन नहीं किया और सड़क सुरक्षा मानदंडों का उल्लंघन किया.

 

इस दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने  शिवसागर जिले में दावा किया कि देश में शायद सबसे भ्रष्ट सरकार और सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा इस राज्य में है.कुल मिलाकर बीजेपी और कांग्रेस आमने सामने आ चुके हैं ।