Category Archive : धर्म संस्कृति

धार्मिक स्थलों के लिए बनेगा मास्टर प्लान,भीड़ नियंत्रण, सुरक्षा और जनसुविधाओं के लिए तैयार होगा विस्तृत खाका

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हरिद्वार स्थित मनसा देवी मंदिर में 27 जुलाई को हुई दुखद घटना के बाद, मुख्यमंत्री ने तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को लेकर राज्य के सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों के लिए मास्टर प्लान तैयार करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में मंगलवार को प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु ने सचिव पर्यटन को आदेश जारी कर धार्मिक स्थलों पर भीड़ नियंत्रण, प्रवेश-निकास व्यवस्था और जनसुविधाओं के लिए शीघ्र मास्टर प्लान तैयार करने को कहा है।

प्रमुख सचिव ने निर्देश दिए कि जिन धार्मिक स्थलों पर तीर्थयात्रियों की अधिक संख्या रहती है, उन्हें प्राथमिकता दी जाए और मास्टर प्लान के निर्माण एवं क्रियान्वयन में दोनों मंडलों के मंडलायुक्तों का सहयोग लिया जाए। साथ ही तीर्थ स्थलों के मार्गों पर यदि कोई अवैध अतिक्रमण है, तो उन्हें प्राथमिकता के आधार पर हटाया जाए।

मास्टर प्लान में शामिल प्रमुख बिंदु:

भीड़ नियंत्रण और मार्गदर्शन व्यवस्था

स्थल की धारण क्षमता का वैज्ञानिक आकलन व विकास

पृथक प्रवेश व निकास मार्ग

प्रतीक्षा स्थलों का निर्माण

आपातकालीन निकासी के विकल्प

स्वच्छ पेयजल, शौचालय, प्राथमिक उपचार केंद्र

सुव्यवस्थित सूचना प्रणाली

पार्किंग की समुचित व्यवस्था

पर्याप्त सुरक्षा बलों की तैनाती

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि:

> “उत्तराखंड में हर वर्ष करोड़ों तीर्थ यात्री आते हैं। उनकी सुरक्षा और सुविधा सर्वोच्च प्राथमिकता है। सभी प्रमुख तीर्थ स्थलों के आसपास जनसुविधाएं विकसित कर यात्रा को अधिक सुव्यवस्थित बनाया जाएगा।”

धर्मस्थलों की धारण क्षमता के अनुरूप ही श्रद्धालुओं को मिलेगा प्रवेश : सीएम धामी

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मनसा देवी मंदिर में हुए हादसे के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों में श्रद्धालुओं को धारण क्षमता के अनुसार ही प्रवेश देने के निर्देश दिए। हरिद्वार में हुए हादसे को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए अधिकारियों को दिशा निर्देश दे दिए गए हैं। धार्मिक स्थल जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु और तीर्थयात्री दर्शन के लिए आते हैं, वहां व्यवस्थाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है। स्थलों का संभावित विस्तार कराने, पार्किंग एवं ट्रैफिक प्रबंधन और सुरक्षा मानकों के पालन को प्राथमिकता दी जा रही है।

सीएम धामी सोमवार को एफटीआई में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने स्पष्ट किया कि मनसा देवी मंदिर सहित प्रदेश के सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों पर यह व्यवस्थाएं सख्ती से लागू की जाएंगी। पंचायत चुनाव पर पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि त्रि-स्तरीय पंचायत चुनावों के लिए प्रदेशभर की जनता में अभूतपूर्व उत्साह देखने को मिला है। गांवों की सरकार चुनने के लिए मतदाताओं ने विशेष जागरूकता दिखाई है। इसके चलते पहले चरण में मतदान प्रतिशत में वृद्धि हुई है। कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के प्रतिनिधियों का पंचायतों के विकास में बड़ा योगदान रहता है।

यह हैं कुमाऊं में अत्यधिक भीड़भाड़ वाले धार्मिक स्थल

1-कैंची धाम-

नैनीताल जिले के कैंची नामक स्थान पर बाबा नीब करौरी महाराज का आश्रम है। पिछले कुछ साल से यहां बाबा के दर्शन करने आने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यहां रोजाना औसतन 10-12 हजार लोग बाबा के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। शनिवार और मंगलवार को यह संख्या बढ़कर 15-18 हजार तक पहुंच जाती है। 15 जून को आश्रम का स्थापना दिवस होता है तब यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या एक से डेढ़ लाख तक रहती है। श्रद्धालुओं की इस संख्या के हिसाब से यहां व्यवस्थाएं ऊंट के मुंह में जीरा है।

2-जागेश्वर धाम-

अल्मोड़ा जिले में स्थित जागेश्वर धाम 124 मंदिरों का एक समूह है। इसे हिमालय का काशी के रूप में भी जाना जाता है। यहां महाशिवरात्रि और श्रावण मास में विशेष धार्मिक आयोजन होते हैं। देश भर के विभिन्न हिस्सों से लेकर श्रावण मास में यहां शिवार्चन कराने पहुंचते हैं। राजनीति के अलावा फिल्म इंडस्ट्री के बड़े चेहरे भी यहां अक्सर दर्शनों के लिए आते हैं।

3-चितई गोलू मंदिर-

अल्मोड़ा जिले के चितई क्षेत्र में स्थित गोलू देवता मंदिर को घंटियों वाले मंदिर के रूप में भी पहचान मिली है। मान्यता है कि जो कोई व्यक्ति श्रद्धाभाव से यहां गोलू देवता से फरियाद करता है। भगवान उसकी फरियाद को पूरा करते हैं। मनोकामना पूरी होने के बाद भक्त यहां घंटी चढ़ाते हैं। इस मंदिर में प्रतिदिन औसतन चार से पांच हजार श्रद्धालु पहुंचते हैं जबकि विशेष अवसरों पर यह संख्या दस हजार से अधिक रहती है।

4-हाट कालिका मंदिर-

गंगोलीहाट के समीप स्थित हाट कालिका मंदिर, देवी कालिका को समर्पित है। यहां श्रद्धालुओं के साथ ही बड़ी संख्या में सैलानी भी पहुंचते हैं। इसे सैनिकों और पूर्व सैनिकों की आस्था वाले मंदिर के रूप में भी पहचान मिली है। नवरात्रि और विशेष पर्वों पर यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।

5- पूर्णागिरी धाम-

चंपावत जिले में टनकपुर के समीप स्थित है पूर्णागिरी धाम। इसे पूर्णागिरि मंदिर भी कहा जाता है। यह एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ है। यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। चैत्र नवरात्र में यहां मेला लगता है जिसमें प्रति दिन हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है।

6- गर्जिया मंदिर-

रामनगर के समीप स्थित है गर्जिया माता का मंदिर। यह कोसी नदी में एक टीले पर स्थित है। कार्तिक पूर्णिमा के अलावा गंगा दशहरा, नवरात्र, शिवरात्रि, उत्तरायणी, बसंत पंचमी में भी यहां सैकड़ों श्रद्धालु पहुंचते हैं।

अवैध निर्माण व अतिक्रमण स्वयं हटा लें, अन्यथा अभियान चल ही रहा है
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकारी जमीनों पर हुए अतिक्रमण को हटाने के लिए सरकार पहले ही जिलाधिकारियों को निर्देश दे चुकी है। अधिकारियों से कहा गया है कि वह अतिक्रमणकारियों को अतिक्रमण हटाने के लिए विधिक सूचना देकर नोटिस जारी करें कि वह स्वयं ही अतिक्रमण अथवा अवैध निर्माण हटा लें। अन्यथा अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान चल ही रहा है। सीएम ने कहा कि अभी तक सरकार राज्य में सात हजार एकड़ से अधिक सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कर चुकी है। उन्होंने कहा कि राज्य में विकास को प्राथमिकता से आगे बढ़ाना सरकार का लक्ष्य है। कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में वर्ष 2023-24 के इंडेक्स में सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में उत्तराखंड पहले स्थान पर आया है। कहा कि विकास हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

बदरीनाथ मंदिर में ऑनलाइन पूजा कराने का दावा, वीडियो वायरल होने पर बीकेटीसी ने दर्ज कराई शिकायत

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बदरीनाथ धाम में कथित ऑनलाइन पूजा कराए जाने का एक मामला सामने आया है। बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) ने पुलिस में इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है क्योंकि बदरीनाथ मंदिर में ऑनलाइन पूजा का कोई नियम नहीं है।

दरअसल सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें बीकेटीसी का लोगो लगाकर ऑनलाइन पूजा कराने का दावा किया जा रहा है। इस वीडियो में एक व्यक्ति यह कहता सुनाई दे रहा है कि राशि भेजने पर श्रद्धालु के नाम से ऑनलाइन पूजा की जाएगी। जब इस फर्जीवाड़े की जानकारी बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति को मिली तो समिति के प्रशासनिक अधिकारी कुलदीप भट्ट ने तत्काल बदरीनाथ थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई।

 

पूजा के लिए सिर्फ ऑनलाइन टिकट बुक होते हैं

प्रशासनिक अधिकारी ने स्पष्ट किया कि धाम में ऑनलाइन पूजा नहीं कराई जाती है। उन्होंने यह भी बताया कि मंदिर में होने वाली विभिन्न पूजा की ऑनलाइन बुकिंग जरूर की जाती है जिसके तहत श्रद्धालु पूजा के लिए टिकट बुक करते हैं और फिर उन्हें स्वयं मंदिर आकर पूजा में शामिल होना होता है। पूजा का निष्पादन ऑनलाइन नहीं होता है। समिति ने तीन दिन पहले ही इस मामले में पुलिस को शिकायत पत्र देकर जांच की मांग की थी।

 

आईटी सेल कर रही जांच

बीकेटीसी के उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती ने भी इस बात पर जोर दिया कि बदरीनाथ मंदिर में ऑनलाइन पूजा का कोई नियम नहीं है। उन्होंने कहा कि वायरल वीडियो की पुलिस के आईटी सेल से भी जांच कराई जा रही है। बदरीनाथ थाना प्रभारी नवनीत भंडारी ने पुष्टि की है कि ऑनलाइन पूजा को लेकर मिले शिकायती पत्र पर जांच जारी है।

कांवड़ियों के चरण धोकर मुख्यमंत्री ने किया सम्मान

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ओम पुल के निकट गंगा घाट पर आयोजित कार्यक्रम में देशभर से आए शिव भक्त कांवड़ियों के पांव धोकर उनका स्वागत और सम्मान किया। उन्होंने भजन संध्या में भी भाग लिया और कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि उन्हें शिव भक्तों का चरण प्रक्षालन कर आशीर्वाद लेने का अवसर मिला। इस दौरान हरिद्वार पहुंचे कांवड़ियों और शिव भक्तों पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा भी कराई गई।

मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि हरिद्वार में गंगा तट पर गंगा सभा और भारतीय नदी परिषद के तत्वावधान में दुनिया का सबसे ऊंचा, 251 फीट का भगवा ध्वज स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा केवल भक्ति नहीं, बल्कि सेवा, अनुशासन और सनातन संस्कृति का प्रतीक है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि इस बार अब तक एक करोड़ से ज्यादा शिव भक्त अपनी यात्रा पूरी कर चुके हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हो रहे धार्मिक स्थलों के पुनरोद्धार कार्यों — जैसे काशी कॉरिडोर, राम मंदिर, महाकाल लोक, केदारनाथ पुनर्निर्माण — का भी उल्लेख किया और कहा कि हरिद्वार-ऋषिकेश कॉरिडोर का निर्माण भी प्रस्तावित है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रियों के लिए स्वास्थ्य केंद्र, शौचालय, पार्किंग, विश्राम स्थल, वाटर एंबुलेंस, सीसीटीवी और ड्रोन कैमरों के जरिये सुरक्षा व सुविधा सुनिश्चित की गई है। उन्होंने अपील की कि कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालु अनुशासन और मर्यादा बनाए रखें। उन्होंने कहा कि कुछ लोग यात्रा के उद्देश्य को भुलाकर अशांति फैलाने का प्रयास करते हैं, जो अनुचित है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में नकल विरोधी कानून, धर्मांतरण विरोधी कानून, दंगा विरोधी कानून और समान नागरिक संहिता लागू की गई है। ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के जरिए सनातन धर्म के नाम पर धोखा देने वालों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने सभी श्रद्धालुओं, संतों, स्वयंसेवी संगठनों और प्रशासन के सहयोग के लिए आभार जताया और अपील की कि यात्रा को सफल बनाने के लिए नियमों का पालन करें।

इस दौरान अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी,राज्यसभा सासंद कल्पना सैनी,राज्यमंत्री ओमप्रकाश जमदग्नि,शोभाराम प्रजापति,देशराज कर्णवाल, हरिद्वार मेयर किरण जैसल,रुड़की मेयर अनीता देवी,जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी ,विधायक प्रदीप बत्रा ,आदेश चौहान, मदन कौशिक,जिलाध्यक्ष हरिद्वार आशुतोष शर्मा, जिलाध्यक्ष रुड़की मधु,श्रीगंगा सभा अध्यक्ष नितिन गौतम,महामंत्री तन्मय वशिष्ठ,सभापति कृष्ण कुमार ठेकेदार,पूर्व विधायक संजय गुप्ता,प्रणव सिंह चैंपियन, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित,आईजी राजीव स्वरूप,वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र सिंह डोभाल, महामंडलेश्वर ललितानंद गिरि  आदि सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे |

 

 

Chardham Yatra: तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम, दस स्थानों पर तैनात रहेगा आतंकवाद निरोधक दस्ता.

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तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। चप्पे-चप्पे पर आतंकवाद निरोधक दस्ता, अर्धसैनिक बल और पुलिस के जवानों की नजर रहेगी। यात्रियों की सुरक्षा के लिए 10 कंपनी पैरामिलिट्री, 17 कंपनी पीएसी के साथ ही 10 स्थानों पर आतंकवाद निरोधक दस्ता तैनात रहेगा। 65 स्थानों पर एसडीआरएफ की टीमें तैनात रहेंगी।

ट्रांजिट कैंप में सुबह 11 बजे डीजीपी दीपम सेठ ने मीडिया को चारधाम यात्रा को लेकर जानकारी दी। डीजीपी ने कहा कि 30 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुल रहे हैं। पिछले साल के अनुभव को ध्यान में रखते हुए इस बार उन पर काम किया गया है।

इस बार जनपद स्तर पर पुलिस मुख्यालयों में चारधाम यात्रा सेल का गठन किया गया है। साथ ही आईजी गढ़वाल के कार्यालय में चारधाम यात्रा का कंट्रोल रूम बनाया गया है। यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने के लिए कार्ययोजना तैयार की गई है। जम्मू कश्मीर के पहलगाम की घटना के बाद यात्रा को सुरक्षित करने के लिए उसी दिन से उस पर काम किया गया।

आपदा से निपटने के लिए 65 स्थानों पर एसडीआरएफ की टीमें तैनात-

यात्रियों की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार की ओर से 10 कंपनी पैरामिलिट्री फोर्स उपलब्ध कराई जा रही है जो जल्द ही मिल जाएंगी। वहीं पीएसी की 17 कंपनी और छह हजार पुलिसकर्मियों की ड्यूटी चारधाम यात्रा में लगाई गई है। पूरे यात्रा रूट को ड्रोन से कवर किया जाएगा। 2000 सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से यात्रा रूट पर सुरक्षा और यातायात की निगरानी की जाएगी। अलग-अलग क्षेत्रों से कंट्रोल रूम में फीड आ रहा है।

आपदा से निपटने के लिए 65 स्थानों पर एसडीआरएफ की टीमें तैनात की जाएंगी। इसके अलावा आतंकवाद निरोधक दस्ते को 10 स्थानों पर तैनात किया जाएगा। जो स्वचालित हथियारों से लैस रहेंगे।
पूरे यात्रा को 15 सुपर जोन और अन्य सेक्टर में बांटा गया है। यातायात को लेकर 156 पार्किंग स्थल और 56 होल्डिंग एरिया विकसित किए गए हैं।

चारधाम यात्रियों को सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी दी जाएगी। सोशल मीडिया पर गलत और भ्रामक जानकारी देने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पहलगाम की घटना के बाद पूरे राज्य में रेड अलर्ट है। पुलिस किसी भी हालत से निपटने को तैयार है।

Uttarakhand: गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के खुले कपाट, उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़; चारधाम यात्रा की हुई शुरुआत .

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विश्वा प्रसिद्ध गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीय के पावन पर्व पर श्रद्धालुओं दर्शन के लिए खोल दिए गए। अब निरंतर छह माह तक गंगोत्री धाम मां गंगा के दर्शन करेंगे। बुधवार सुबह 10 बजकर 30 मिनट के अभिजीत मुहूर्त पर श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए गंगोत्री धाम के कपाट खोले गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से पहली पूजा की गई।

कपाटोद्धघाटन के मौके पर समूचा गंगोत्री धाम मां गंगे के जयकारो से गूंज उठा। इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गंगोत्री धाम पहुंचकर मां गंगा के दर्शन किए। यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खुलते ही उत्तराखंड में चार धाम यात्रा श्री गणेश हो गया है।

 

बुधवार को कपाट खुलने के मौके पर मां गंगा के दर्शन के लिए देश के विभिन्न प्रांतो से श्रद्धालु गंगोत्री धाम पहुंचे। यहां श्रद्धालु ने मां गंगा की विग्रह मूर्ति के  दर्शन कर पुण्य लाभ अर्जित किया। इस मौके पर गंगोत्री मंदिर परिसर को करीब 15 कुंटल फूलों से सजाया गया। अब श्रद्धालु छह माह तक गंगोत्री धाम में मां गंगा की दर्शन कर सकेंगे।

दस स्थानों पर तैनात रहेगा आतंकवाद निरोधक दस्ता-

तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। चप्पे-चप्पे पर आतंकवाद निरोधक दस्ता, अर्धसैनिक बल और पुलिस के जवानों की नजर रहेगी। यात्रियों की सुरक्षा के लिए 10 कंपनी पैरामिलिट्री, 17 कंपनी पीएसी के साथ ही 10 स्थानों पर आतंकवाद निरोधक दस्ता तैनात रहेगा। 65 स्थानों पर एसडीआरएफ की टीमें तैनात रहेंगी। यात्रियों की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार की ओर से 10 कंपनी पैरामिलिट्री फोर्स उपलब्ध कराई जा रही है जो जल्द ही मिल जाएंगी। वहीं पीएसी की 17 कंपनी और छह हजार पुलिसकर्मियों की ड्यूटी चारधाम यात्रा में लगाई गई है। पूरे यात्रा रूट को ड्रोन से कवर किया जाएगा। 2000 सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से यात्रा रूट पर सुरक्षा और यातायात की निगरानी की जाएगी। अलग-अलग क्षेत्रों से कंट्रोल रूम में फीड आ रहा है।

Badrinath Temple: श्रद्धालुओं को इस बार बदला नजर आएगा धाम, जानिए कैसी है धाम की नई तस्वीर, क्या हैं आकर्षण के केंद्र.

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इस बार बदरीनाथ धाम की तीर्थयात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को बदरीनाथ मंदिर खुला-खुला नजर आएगा। बदरीनाथ धाम भी बदला दिखने लगा है। बदरीनाथ महायोजना मास्टर प्लान के तहत धाम में युद्धस्तर पर निर्माण और भवनों के ध्वस्तीकरण का काम चल रहा है। बदरीनाथ बाजार क्षेत्र में भी जगह-जगह निर्माण कार्य चल रहे हैं। जिससे धाम की तस्वीर एकदम बदली हुई है।

धाम में मास्टर प्लान के दूसरे चरण के कार्य चल रहे हैं। अराइवल प्लाजा का निर्माण अंतिम चरण में पहुंच गया है। इस पर नक्काशीदार पत्थर और लकड़ी लगाकर आकर्षक रूप दिया जा रहा है। बदरीश झील और शेषनेत्र झील के किनारे आकर्षक पत्थर बिछाए गए हैं और आकर्षक लाइट लगा दी गई है।

बदरीनाथ मंदिर के करीब 75 मीटर हिस्से में भवनों का ध्वस्तीकरण कार्य भी तेजी से चल रहा है। दूर से ही मंदिर खाली-खाली नजर आ रहा है। दर्शनों की लाइन के दोनों ओर के सभी भवनों को ध्वस्त कर दिया गया है। बदरीनाथ के शुरुआत देव दर्शनी में तीर्थयात्रियों के लिए व्यू प्वाइंट बनाया जा रहा है।

प्राकृतिक सौंदर्य को निहार सकेंगे-

यहां से यात्री दूर से ही बदरीनाथ मंदिर और यहां के प्राकृतिक सौंदर्य को निहार सकेंगे। यहां एक विशाल गेट भी बनाया जा रहा है। लोनिवि पीआईयू के अधिशासी अभियंता योगेश मनराल ने बताया कि मास्टर प्लान के कार्य तेजी से किए जा रहे हैं। बरसात से पहले अधिकांश काम पूर्ण कर लिए जाएंगे।

 

बदरीनाथ क्षेत्र में अलकनंदा के दोनों ओर से रिवर फ्रंट का काम भी तेजी से चल रहा है। कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग पीआईयू बरसात से पहले यहां अधिक से अधिक कार्यों को पूरा करने पर जोर दे रही है। इसके लिए यहां करीब 400 मजदूर लगाए गए हैं।

रिवर फ्रंट के कार्यों से अलकनंदा अस्त-व्यस्त नजर आ रही है। नदी में जगह-जगह मलबे के ढेर पड़े हैं। मलबे के कारण नदी का रुख गांधी घाट और ब्रह्मकपाल की ओर ओर हो गया है। यदि मलबे का जल्द निस्तारण नहीं किया गया तो बरसात में नदी का पानी ब्रह्मकपाल से तप्तकुंड तक घुस जाएगा।

Kedarnath: पहली बार केदारनाथ धाम में मिलेगी आधुनिक चिकित्सा सुविधा, स्क्रीनिंग प्वाॅइंट सहित पढ़ें ये सभी अपडेट.

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चारधाम यात्रा में आने वाले तीर्थ यात्रियों की सेहत का विशेष ख्याल रखा जाएगा। इसके लिए चारधाम के अलावा यात्रा मार्गों पर चिकित्सा सुविधाओं का रोडमैप तैयार कर स्वास्थ्य विभाग तैयारियों में जुट गया है। पहली बार केदारधाम में 17 बेड का अस्पताल संचालित होगा। जिसमें तीर्थ यात्रियों को आधुनिक चिकित्सा सुविधा मिलेगी।

स्क्रीनिंग प्वाइंट पर 50 वर्ष से ऊपर के यात्रियों की अनिवार्य रूप से स्वास्थ्य जांच की जाएगी। बुधवार को सचिवालय में स्वास्थ्य सचिव डाॅ. आर. राजेश कुमार ने चारधाम यात्रा की तैयारियों के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षित यात्रा के लिए आधुनिक और सुलभ स्वास्थ्य ढांचा तैयार किया जा रहा है।

केदारनाथ धाम में 17 बेड के अस्पताल का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। कार्यदायी संस्था ने यात्रा शुरू होने से पहले दो मंजिला भवन पूरी तरह संचालित करने का भरोसा दिया है। अस्पताल में एक्सरे, रक्त जांच, ईसीजी, मल्टी पैरामॉनीटर और ऑर्थो विशेषज्ञ की सेवाएं उपलब्ध होगी। अधिकांश चिकित्सा उपकरणों को पहुंचाया जा चुका है।

श्रद्धालुओं के लिए बहुभाषी हेल्थ एडवाइजरी और होर्डिंग्स-

श्रद्धालुओं को सहज व स्पष्ट स्वास्थ्य जानकारी प्रदान करने के लिए बहुभाषी हेल्थ एडवाइजरी तैयार की गई। जो 13 भाषाओं में उपलब्ध है। यह एडवाइजरी यात्रा मार्ग पर होटलों, रेस्टोरेंट, पार्किंग स्थलों में यूआर कोड के माध्यम से श्रद्धालुओं को प्रदान की जाएगी। साथ ही जाम संभावित क्षेत्रों व ठहराव स्थलों पर बड़े होर्डिंग्स के माध्यम से भी स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता का प्रचार किया जाएगा।

 

फाटा और पैदल मार्ग की चिकित्सा इकाइयों को किया सशक्त-

फाटा स्थित अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ की तैनाती की जा रही है। यहां पर एक्सरे की सुविधा भी उपलब्ध होगी। वहीं, पैदल मार्ग पर 12 चिकित्सा इकाइयों में प्रशिक्षित चिकित्सक व फार्मेसी अधिकारी तैनात किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त, 12 चिह्नित हेलिपैड और पार्किंग स्थलों पर स्क्रीनिंग टीमों की जाएगी।

गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के स्क्रीनिंग प्वाइंट पर 28 अप्रैल से डॉक्टरों की तैनाती-

गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के स्क्रीनिंग प्वाइंट पर डॉक्टरों व सहायक कर्मचारियों की तैनाती 28 अप्रैल से रोस्टर वार की जाएगी। गंगोत्री धाम व जानकीचट्टी में फिजिशियन की विशेष तैनाती की जा रही है। इसके अलावा यात्रा मार्गों पर 108 एंबुलेंस की व्यवस्था रहेगी।

 

यात्रा मार्गों पर 70 डॉक्टर तैनात-

चारधाम यात्रा मार्ग पर 70 डॉक्टर तैनात हैं। अलावा अन्य जिलों से 15 दिन में रोटेशनल आधार पर विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती की जाएगी। इनमें ऑर्थो सर्जन, फिजिशियन, एनेस्थेटिस्ट, जनरल सर्जन, 121 स्टाफ नर्स, 26 फार्मासिस्ट, 309 ऑक्सीजन बेड, छह आईसीयू बेड, एक ब्लड बैंक और दो ब्लड स्टोरेज यूनिट तैनाती की जा रही है।

पांच नए स्थानों में खुलेंगे मेडिकल रिलीफ पोस्ट-

बदरीनाथ, गोविंदगढ़ और पालना भंडार में मेडिकल रिलीफ पोस्ट इस बार भी संचालित रहेंगे। इसके अलावा पांच नए स्थान गौचर, लांगसू, मंडल, कटोरा और हनुमान चट्टी में एमआरपी खोले जाएंगे। बदरीनाथ धाम में स्वामी विवेकानंद संस्था के माध्यम से एक अलग स्क्रीनिंग सेंटर भी संचालित किया जाएगा।

 

बिना पंजीकरण खाद्य उत्पाद बेचने पर होगी कार्रवाई-

खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की ओर से यात्रा मार्ग पर खाद्य सामग्री की गुणवत्ता की नियमित जांच की जाएगी। बिना पंजीकरण वाले खाद्य विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने एक खाद्य सुरक्षा मोबाइल वैन भी तैनात की है, जो यात्रा मार्ग पर निरीक्षण कर सैंपलों की मौके पर जांच करेगी।

Pahalgam Attack: उत्तराखंड में पर्यटन और धार्मिक स्थलों पर बढ़ी सतर्कता, चारधाम यात्रा को लेकर खुफिया तंत्र सक्रिय.

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पहलगाम आतंकी हमले के बाद राज्य में सतर्कता बढ़ा दी गई है। पुलिस ने रातभर चेकिंग के बाद दिन में भी बॉर्डर क्षेत्रों में चेकिंग जारी रखी। इसी बीच सरकार की ओर से पर्यटन और धार्मिक स्थलों को लेकर भी सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।

इसके अलावा यात्रा मार्ग पर विभिन्न स्थानों पर अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था करने के लिए कहा गया है। इसके लिए खुफिया तंत्र को अति सक्रियता से काम करने के निर्देश भी दिए गए हैं। हर छोटी बड़ी सूचना को गंभीरता से लिया जाए, ताकि भविष्य में कोई अप्रिय घटना न हो। 30 अप्रैल से चारधाम यात्रा शुरू होने जा रही है। इसके लिए सारी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा चुका है।

हर साल चारधाम यात्रा और धार्मिक आयोजनों को लेकर विभिन्न माध्यमों से धमकियों की बात भी सामने आती है। लिहाजा, पुलिस और खुफिया तंत्र यहां पर अतिरिक्त सतर्कता बरतती है।ऐसे में अब पहलगाम की घटना के बाद पुलिस और खुफिया तंत्र पहले से भी अधिक सतर्क हुआ है। इंटेलीजेंस सूत्रों के मुताबिक सभी पर्यटन स्थलों पर भी अतिरिक्त सुरक्षा और सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।

बॉर्डर क्षेत्रों में भी अतिरिक्त पुलिस बल तैनात-

सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों से जो जानकारी मिलती है उसे गंभीरता से लेकर इनपुट जुटाने के लिए कहा गया है। बॉर्डर क्षेत्रों में भी अतिरिक्त पुलिस बल तैनात रहेगा। इसके अलावा सीमावर्ती राज्यों से भी सूचनाओं के आदान प्रदान को लगातार करने के निर्देश दिए गए हैं।बता दें कि चारधाम के अलावा देहरादून, मसूरी, टिहरी, नैनीताल आदि जगहों पर लाखों की तादाद में सैलानी आते हैं। इनकी सुरक्षा में भी कोई चूक न हो इसके लिए भी अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। इंटेलीजेंस को राष्ट्रीय एजेंसियों के लगातार संपर्क में रहने के लिए भी कहा गया है। ताकि, हर प्रकार की सूचनाओं का आदान प्रदान हो सके।

 

इसी के मद्देनजर राज्य में भी सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता की जाएगी। बता दें कि समय-समय पर हरिद्वार रेलवे स्टेशन, देहरादून के विभिन्न सैन्य संस्थान, टिहरी बांध आदि पर हमले की धमकियां मिलती हैं। इन्हें गंभीरता से लेते हुए पुलिस कार्रवाई भी करती है। इनमें कुछ असामाजिक तत्वों की संलिप्तता की बात भी सामने आती है।

चारधाम यात्रा -बीकेटीसी अध्यक्ष की ताजपोशी को लेकर संशय बरकरार

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सीएम से लेकर मंत्री व अधिकारी चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं को लेकर दिन रात चिंतित नजर आ रहे हैं।

हर दिन चारधाम यात्रा को लेकर कोई न कोई व्यवस्था की बात हो रही है।
शासन के अधिकारी आईएएस राजेश कुमार,युगल किशोर पंत,खैरवाल व पुरुषोत्तम चारधाम यात्रा रूट का हाल देख लौट चुके हैं।

एक पखवाड़े बाद चारधाम यात्रा शुरू हो जाएगी। लेकिन अभी तक बद्री-केदार मन्दिर समिति की रिक्त अध्यक्ष पद की सीट पर किसी योग्य व्यक्ति की ताजपोशी नहीं हो पाई है।

हालांकि, इस बीच सीएम धामी लगभग तीन दर्जन पार्टी नेताओं को अहम दायित्व सौंप चुके हैं। साथ ही राज्य मुख्य सूचना आयुक्त से लेकर सूचना आयुक्त के पदों पर भी ताजपोशी हो चुकी है।

लेकिन अजेंद्र अजय का कार्यकाल पूरा होने व लम्बा समय बीतने के बाद किसी निर्विवाद चेहरे की अभी तक तलाश पूरी नहीं हो पाई है।

बीते सालों में बद्री केदार मन्दिर समिति को लेकर काफी विवाद देखने को मिले। केदारनाथ मन्दिर में सोने की परत का पीतल में तब्दील होने, मन्दिर परिसर में क्यू आर कोड समेत कई अन्य मामले मीडिया की सुर्खियां बने।

बीकेटीसी के अंदर चल रहे विवाद भी सीएम दरबार तक पहुंचे। लिहाजा, सीएम धामी स्वच्छ छवि के अध्यक्ष की तलाश में है।

पार्टी के कई नेताओं ने अपने अपने क्षत्रप पकड़ कर बीकेटीसी अध्यक्ष की कुर्सी के लिए जोड़ तोड़ लगा रहे हैं।

चारधाम यात्रा सिर पर खड़ी है। बिना अध्यक्ष के बीकेटीसी बोर्ड में बजट व वेतन सम्बन्धी कई फैसले अटके पड़े हैं।

बहरहाल, एक सीईओ ही मौजूदा व्यबस्था देख रहे हैं। अध्यक्ष के अलावा उपाध्यक्ष की कुर्सी के लिए राजनीति तेज हो गयी है।

धर्मस्व व संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज की मौजूदगी में कुछ दिन पहले हुई बैठक में सब कुछ तय होने का दावा किया गया था। लेकिन अभी तक बीकेटीसी अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों की ताजपोशी को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है।

चारधाम यात्रा-बैठकों का सिलसिला जारी

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने शनिवार को सुरक्षित, सुगम और सुव्यवस्थित चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर सचिवालय स्थित अपने सभागार में अधिकारियों के साथ बैठक ली। उन्होंने चारधाम यात्रा मार्ग की पुख्ता व्यवस्थाओं को लेकर सभी विभागों को अभी से अपनी तैयारियां समयबद्धता से पूरी करने के निर्देश दिए हैं।

यात्रामार्गों को चारधाम यात्रा से पहले किया जाए दुरूस्तः मुख्य सचिव

पूर्व में जारी अपने निर्देशों के क्रम में मुख्य सचिव ने सचिव युगल किशोर पंत को देहरादून से केदारनाथ, सचिव डा. आर राजेश कुमार को बद्रीनाथ यात्रा मार्ग, सचिव डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम को गंगोत्री धाम तथा डॉ. नीरज खैरवाल से यमुनोत्री धाम की तैयारियों के सम्बन्ध में फीडबैक लिया।

उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी सचिवों से प्राप्त सुझावों का अनुपालन करते अथवा कमियों को दुरूस्त किया जाए। यात्रा मार्ग पर सभी जरूरतों का अभी से आंकलन करते हुए सभी व्यवस्थाएं यात्रा आरम्भ से पहले दुरूस्त करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कार्यदायी संस्थाओं को संवेदनशीलता के साथ एवं कार्य निर्धारित समय पर पूर्ण करने को गम्भीरता से लेने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रत्येक धाम एवं उनके यात्रामार्गों पर मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने यूपीसीएल को धामों में लॉ-वॉल्टेज की समस्या को शीघ्र दुरूस्त किए जाने के भी निर्देश दिए।

यात्रा पंजीकरण स्थलों में स्वास्थ्य जांच केन्द्रों की संख्या बढ़ायी जाए

मुख्य सचिव ने केदारनाथ में बन रहे अस्पताल को या़त्रा शुरू होने से पहले सुचारू किए जाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने सुरक्षित या़त्रा के लिए निवारक उपायों की अत्यधिक आवश्यकता पर बल देते हुए स्वास्थ्य जांच केन्द्रों को बढाए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यात्रा की शुरूवात में ही स्वास्थ्य परीक्षण हो सके इसके लिए हरिद्वार, ऋषिकेश एवं विकासनगर में हेल्थ स्क्रीनिंग केन्द्रों की संख्या बढ़ाई जाए। मुख्य सचिव ने मल्टी लेवल पार्किंग की व्यवस्था पर बल देते हुए अधिक से अधिक पार्किंग स्थलों को चिन्हित किए जाने की बात कही। कहा कि पार्किंग स्थलों के आस-पास रहने खाने एवं स्वास्थ्य जांच आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि सभी यात्रा मार्गों पर स्थानीय स्तर परिस्थितियों एवं विकल्प मार्गों के अनुरूप यातायात प्रबंधन योजना तैयार की जाए।

यात्रा मार्गों पर श्रद्धालुओं द्वारा वृक्षारोपण हेतु ‘स्मृति वन‘ किए जाएं चिन्हित

मुख्य सचिव ने श्रद्धालुओं द्वारा यात्रा मार्गों पर वृक्षारोपण करने हेतु स्मृति वन के लिए स्थान चिन्हित किए जाने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि इच्छित श्रद्धालु इन पलों को यादगार बनाने के लिए पौधारोपण कर सकते हैं।

जाम आदि की जानकारी हेतु डिजीटल डिस्प्ले बोर्ड की की जाए व्यवस्था

मुख्य सचिव ने कहा कि यात्रा मार्गों में दृर्घटनाओं या लैंड स्लाईड से लगने वाले जाम के कारण पीछे लगी लम्बी लाईनों में यात्रियों को जाम के कारणों की उचित जानकारी मिल सके इसके लिए मैकेनिज्म तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए यात्रा मार्गों पर डिजीटल डिस्प्ले बोर्ड लगाए जा सकते हैं, जो यह जानकारी उपलब्ध कराएंगे कि किस स्थान पर कौन सी घटना घटी है, जिसके कारण जाम लगा है। उन्होंने इसके लिए सचिव लोक निर्माण विभाग को व्यवस्थाएं सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा जब तक यह व्यवस्था धरातल पर उतरती है तब तक बल्क एसएमएस और बल्क व्हॉट्सअप मैसेज के माध्यम से यह जानकारी उपलब्ध करायी जाए। उन्होंने संभावित भूस्खलन क्षेत्रों का ट्रीटमेंट शीघ्र किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि इन भूस्खलन क्षेत्रों के लिए दीर्घावधि उपचार पर भी शीघ्र कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।

सर्विस प्रोवाइडर की आरएफआईडी टैग बनाए जाएंः मुख्य सचिव

मुख्य सचिव ने यात्रा मार्गों पर स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने ‘सुलभ‘ को नियमित सफाई एवं पानी की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सफाई व्यवस्था के लिए पूरे प्रदेश में यह व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने की बात कही। उन्होंने इसके लिए उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं 15वें वित्त आयोग की स्वच्छता हेतु टाईड फंड से भी फंड्स उपलब्ध कराए जाने की बात कही। उन्होंने चारों धामों में दुकानदार एवं घोड़ा/कंडी संचालक सहित सभी प्रकार केे सर्विस प्रोवाईडर की आरएफआईडी टैग बनाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि धामों में श्रद्धालुओं के रूकने के लिए लगाए गए टैन्ट आदि को सुव्यस्थित ढंग से लगाए जाने हेतु व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।

इस अवसर पर सचिव शैलेश बगोली, नितेश कुमार झा, सचिन कुर्वे, डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरूषोत्तम, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, चंद्रेश कुमार यादव, डॉ. आर. राजेश कुमार, डॉ. नीरज खैरवाल, कमिश्नर गढ़वाल विनय शंकर पाण्डेय, सचिव युगल किशोर पंत, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी सहित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चारधाम एवं यात्रामार्गों से सम्बन्धित जनपदों के जिलाधिकारी एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।