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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की चिकित्सकों को बड़ी सौगात, चिकित्सकों को मिलेगा एसडी एसीपी (SD ACP) का लाभ

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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के चिकित्सकों को बड़ी राहत और सौगात दी है। प्रांतीय चिकित्सा सेवा संवर्ग के चिकित्साधिकारियों को अब एसडी एसीपी (SD ACP) का लाभ प्रदान किया जाएगा। इस संबंध में स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने आदेश जारी कर दिए हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ हमारे डॉक्टर हैं। ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर पहाड़ की कठिन परिस्थितियों में भी चिकित्सक पूरी निष्ठा से कार्य कर रहे हैं। उनके हितों का ध्यान रखना हमारी प्राथमिकता है। एसीपी का लाभ मिलने से चिकित्सकों को न केवल आर्थिक मजबूती मिलेगी बल्कि सेवा के प्रति और अधिक समर्पण की भावना भी बढ़ेगी। सरकार हमेशा अपने डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के साथ खड़ी है।

 

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि सरकार के आदेशानुसार प्रांतीय चिकित्सा सेवा संवर्ग के चिकित्साधिकारियों को एसीपी का लाभ शासनादेश संख्या 654 (दिनांक 14.07.2016) तथा शासनादेश संख्या 154 (दिनांक 04.02.2019) में निहित प्रावधानों के तहत प्रदान किया जाएगा। स्क्रीनिंग कमेटी की संस्तुति के आधार पर इस लाभ की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। कुल 196 पदों का विवरण इस प्रकार है। लेवल 11 में 70 पद स्वीकृत हैं जिनका ग्रेड पे ₹5400 है। लेवल 12 में 56 पद हैं जिनका ग्रेड पे ₹6600 निर्धारित है। लेवल 13 में दो श्रेणियाँ हैं, जिनमें 27 पद ₹7600 ग्रेड पे तथा 43 पद ₹8700 ग्रेड पे वाले हैं। इस प्रकार कुल मिलाकर सभी स्तरों को मिलाकर 196 पद बनते हैं।

इस फैसले से बड़ी संख्या में चिकित्साधिकारियों को लाभ मिलेगा और स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सशक्त बनाने में मदद मिलेगी।

जन मुद्दों पर सजग रहने के बजाय विपक्ष का सदन मे सोना दुखद: भट्ट

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भाजपा ने कांग्रेस पर स्वार्थपरक राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जन मुद्दों पर सजग रहने के बजाय विपक्ष सदन मे सो गया और उसकी निंद्रा नही टूटी। विपक्ष का सड़क से सदन के भीतर जन मुद्दों पर लड़ने की बात भी शिगूफा ही साबित हुआ। प्रदेशाध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद  महेंद्र भट्ट ने निशाना साधा कि आपदा के जख्मों पर मरहम लगाने के बजाय विपक्षी नेताओं ने अपने ऊपर लगे मुकद्दमों को लेकर हंगामा किया। वहीं सत्र समाप्ति को उचित बताते हुए कहा, सदन सिर्फ हंगामा करने, नींद लेने और राजनीति के लिए ही नही चलाया नहीं जा सकता है।

 

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने  गैरसैण सत्र में विपक्षी विधायकों द्वारा सदन में की गई तोड़फोड़ और अराजकता की कड़े शब्दों में निंदा की है। भट्ट ने कहा कि आज प्रदेश धराली, पौड़ी आदि अनेकों स्थानों पर आपदा के दंश का सामना कर रहा है। मुख्यमंत्री  पुष्कर धामी के नेतृत्व में शासन प्रशासन जनता के सहयोग से राहत बचाव कार्यों के संचालन और प्रभावितों को मदद पहुंचाने में लगा है। ऐसे में सहयोग के हाथ बढ़ाने के बजाय कांग्रेस पार्टी लगातार नकारात्मक राजनीति कर रही है। उनके नेताओं द्वारा लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन और राहत राशि को लेकर अफवाह फैलाई गई।

 

उन्होंने कहा कि जनभावनाओं का सम्मान करते हुए सरकार द्वारा पहले से ही गैरसैण में मानसून सत्र आहूत किया हुआ था। बेहतर होता कि सत्र के आगाज में त्रासदी से जान गंवाने और किसी भी तरह का नुकसान उठाने वालों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए, विस्तृत चर्चा होती। पक्ष विपक्ष बैठकर आपदा में राहत बचाव कार्यों और भविष्य की योजनाओं को लेकर एक सर्वव्यापी और सर्वसमावेशी मापदंड और नीति तैयार करने पर विचार करते। लेकिन बेहद दुखद और शर्मनाक है कि विपक्षी विधायकों ने असंवेदनशील, गैरजिम्मेदाराना रुख अपनाते हुए सदन की मर्यादाओं को तार तार कर दिया। उसपर बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि ये सब उन्होंने किया व्यक्तिगत लाभ और दलगत राजनीति की पूर्ति हेतु।

 

हैरानी है कि आपदा, विकास, जनहित या अपने क्षेत्र का कोई भी मुद्दा उन्हें सदन में उठाने के लिए महत्वपूर्ण नहीं लगा। वह नैनीताल में उनके वरिष्ठ विधायकों और नेताओं द्वारा फैलाई गई अराजकता पर हुई कानूनी कार्रवाई को लेकर अधिक उग्र हुए, सदन को बंधक बनाकर, अपनी अलोकतांत्रिक मांग मनवाने के उनके ऐसे कृत्य को जनता ने एक बार पुनः देखा है।

उन्होंने सरकार द्वारा संवैधानिक प्रक्रिया का पालन करते हुए, सदन द्वारा तय कार्यवाही एजेंडे को पूर्ण करने पर खुशी जताई। विपक्ष के तमाम अवरोधों के वावजूद सत्र में अनुपूरक बजट समेत अन्य विधेयकों की मंजूरी के लिए उन्होंने प्रदेशवासियों की तरफ से सीएम धामी का आभार व्यक्त किया। साथ ही सत्र को लेकर विपक्ष की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए कहा, सिर्फ हंगामा करने और राजनीति के लिए ही सदन नहीं चलाया जा सकता है। विधानसभा कार्यमंत्रणा समिति द्वारा जो भी सदन का बिजनेस निर्धारित किया गया था उसे पूरा किया गया। ऐसे में सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करना ही एकमात्र उचित विकल्प था। उन्होंने सीधे आरोप लगाया कि विपक्ष का मकसद  जनता के मुद्दों को सदन में उठाने से रोकना था। वे नहीं चाहते थे कि धर्मांतरण कानून को अधिक कठोर करने पर चर्चा हो, अवैध मदरसों पर कार्रवाई के विधेयक पर चर्चा न हो और आपदा पीड़ितों और बचाव राहत पर बात न हो।

 

वहीं सदन की कार्रवाई को लेकर विपक्ष पर व्यंग कसते हुए कहा, कांग्रेस के पास जनहित को लेकर कोई सवाल नहीं थे, इसलिए उनके विधायक सदन में नींद पूरी करते रहे, भट्ट ने  आरोप लगाया कि विपक्ष के नेता यशपाल आर्या तक अपने केस हटाने और अपने निजी फायदे के लिए अपनी भूमिका का दुरुपयोग करते नजर आए। एक कड़वा सच सामने आया है कि कांग्रेस नेता सपनों की दुनिया में बाहर खोए और सदन में सोए रहते हैं। कांग्रेसी विधायकों ने सदन में इस मर्तबा विपक्षी राजनीति का विकृत रूप पेश किया है। दिनभर सदन में हंगामा और तोड़फोड़ और रात में उसी सदन में खर्राटे भरना, लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए बेहद शर्मनाक है।

 

 

देहरादून में पहली बार होगा एशियन ओपन शॉर्ट ट्रैक स्पीड स्केटिंग ट्रॉफी

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भारत पहली बार शीतकालीन खेलों का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय आयोजन करने जा रहा है। एशियन ओपन शॉर्ट ट्रैक स्पीड स्केटिंग ट्रॉफी 2025 का आयोजन 20 से 23 अगस्त तक राजधानी देहरादून में होगा। इस ऐतिहासिक प्रतियोगिता में एशिया के 11 से अधिक देश चीन, जापान, हांगकांग, इंडोनेशिया, सिंगापुर, थाईलैंड, चीनी ताइपे, वियतनाम, मलेशिया, फिलीपींस और भारत हिस्सा लेंगे। खिलाड़ी 222 मीटर स्प्रिंट से लेकर 5000 मीटर रिले तक की 9 अलग-अलग प्रतिस्पर्धाओं में दमखम दिखाएंगे।

 

देहरादून का हिमाद्री आइस रिंक, जो देश की इकलौती ओलंपिक साइज आइस रिंक है, इस आयोजन का केंद्र होगा। लंबे समय से बंद रही यह रिंक अब पूरी तरह तैयार है और हाल ही में राष्ट्रीय चैंपियनशिप की मेज़बानी भी कर चुकी है। इस टूर्नामेंट में 190 से अधिक स्केटर्स उतरेंगे, जिनमें भारत की ओर से 90 स्केटर्स की टीम भी शामिल होगी। खास बात यह है कि राष्ट्रीय चैंपियन और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीत चुके खिलाड़ी भी इसमें हिस्सा लेंगे। खिलाड़ियों को कोरिया से आए अंतरराष्ट्रीय कोच प्रशिक्षण देंगे। यह आयोजन भारत में शीतकालीन खेलों की तस्वीर बदलने जा रहा है। आइस स्केटिंग अब पहाड़ी इलाकों से निकलकर महाराष्ट्र, तमिलनाडु और कर्नाटक तक पहुँच चुकी है। इस साल हार्बिन (चीन) में हुए एशियन विंटर गेम्स में देश का प्रतिनिधित्व कर चुके खिलाड़ी एकलव्य जगल, सोहन टरकर, साई सहाना, सुयोग तापकीर, डेशियल कॉन्सेसाओ, नॉयल सी. चेरियन और अन्य भी इस भव्य आयोजन का हिस्सा होंगे। यानी, देहरादून में होने वाला यह टूर्नामेंट सिर्फ मेडल की जंग नहीं, बल्कि भारत में विंटर स्पोर्ट्स के नए युग की शुरुआत है।यह आयोजन भारत के लिए शीतकालीन खेलों में एक नया अध्याय खोलेगा और इस देश में स्केटिंग खेलों को राष्ट्रीय मान्यता दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. 

 

हिमाद्री आइस रिंक, जिसे 2011 के दक्षिण एशियाई शीतकालीन खेलों के बाद उच्च रखरखाव लागत के कारण बंद कर दिया गया था, हाल ही में फिर से खोला गया है। इसी स्थान पर जून के महीने में 20वीं राष्ट्रीय स्पीड और फिगर स्केटिंग चैंपियनशिप का आयोजन किया गया था।

हालांकि यह पहली बार है कि भारत में किसी अंतर्राष्ट्रीय आइस स्केटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है, लेकिन इससे आने वाले वर्षों में इसी खेल की और अधिक चैंपियनशिप के लिए भी द्वार खुल गए हैं।

आइस स्केटिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएसएआई) द्वारा आयोजित और अंतर्राष्ट्रीय स्केटिंग संघ (आईएसयू) द्वारा अनुमोदित, इस प्रतियोगिता में 15 से ज़्यादा एशियाई देश भाग लेंगे। ओपन ट्रॉफी में व्यक्तिगत और रिले आयु वर्गों में 222 मीटर से 5000 मीटर तक की कुल नौ दूरियाँ होंगी।

                                एशियन ओपन शॉर्ट ट्रैक स्पीड स्केटिंग ट्रॉफी 2025

एशियन ओपन शॉर्ट ट्रैक स्पीड स्केटिंग ट्रॉफी 2025

आइस स्केटिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएसएआई) के अध्यक्ष अमिताभ शर्मा ने कहा- यह टूर्नामेंट भारतीय स्केटर्स के लिए एक बड़ी छलांग होगी। इस आयोजन की मेज़बानी से भविष्य में और भी कई आयोजन करने का हमारा आत्मविश्वास बढ़ेगा,हमारा मानना है कि यह भारत में बर्फ पर खेले जाने वाले खेलों के भविष्य को आकार देने के लिए हमारी नियति से भेंट है।शर्मा ने कहा कि इस स्तर के अंतर्राष्ट्रीय आयोजन की मेजबानी के लिए देश में एकमात्र ओलंपिक आकार का आइस रिंक ही पर्याप्त है। हमारा लक्ष्य अधिक बुनियादी ढांचे का विकास करना और  2027 तक जूनियर विश्व कप सहित अधिक अंतर्राष्ट्रीय आइस स्केटिंग प्रतियोगिताएं आयोजित करना है।”

 

भारत विभिन्न आयु वर्गों और खेलों के 90 स्केटर्स के साथ एक दल तैयार कर रहा है, जो वर्तमान में हिमाद्री आइस रिंक में प्रशिक्षण शिविर में हैं। कई बार की अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता और शॉर्ट ट्रैक स्पीड स्केटिंग में राष्ट्रीय चैंपियन नयना श्री तल्लूरी इस  एशियन  ओपन में पदक जीतने पर नज़र गड़ाए हुए हैं। उन्होंने कहा, “देहरादून में हमारी ट्रेनिंग काफ़ी कड़ी मेहनत से चल रही है। आईएसएआई ने एशियन ओपन ट्रॉफी से पहले हमारा मार्गदर्शन करने के लिए कोरिया से एक अंतरराष्ट्रीय कोच को बुलाया है.

भाजपा के 4 जिला पंचायत अध्यक्ष और 11 ब्लॉक प्रमुख निर्विरोध विजयी

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उत्तराखंड के जिला पंचायत चुनावों में भाजपा ने नामांकन के आखिरी दिन लीड ले ली है।प्रदेश में भाजपा के 4 जिला पंचायत अध्यक्ष और 11 ब्लॉक प्रमुख निर्विरोध चुने गए।जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर उत्तरकाशी से रमेश चौहान, पिथौरागढ़ से जितेंद्र प्रसाद, उधम सिंह नगर से अजय मौर्या और चंपावत से आनंद सिंह अधिकारी निर्विरोध विजयी हुए। वहीं ब्लॉक प्रमुख पदों पर चंपावत से अंचला बोरा, काशीपुर से चंद्रप्रभा, सितारगंज से उपकार सिंह, खटीमा से सरिता राणा, भटवाड़ी से ममता पंवार, डुंडा से राजदीप परमार, जाखणीधार से राजेश नौटियाल, चंबा से सुमन सजवाण, विकासनगर से नारायण ठाकुर, पाबौ से लता देवी और ताकुला से मीनाक्षी आर्य बिना मुकाबले जीत गईं। 14 अगस्त को जिला पंचायत अध्यक्ष, ब्लाक प्रमुख व अन्य पदों पर मतदान होगा।

उधर, कांग्रेस के पूर्व विधायक रणजीत रावत के पुत्र व पुत्रवधु सल्ट विकासखण्ड से निर्विरोध निर्वाचित हुए। उनकी पुत्र वधु निर्विरोध ब्लाक प्रमुख चुनीं गयी। जबकि पुत्र विक्रम रैयत ज्येष्ठ प्रमुख पर निर्विरोध चुने गए। कनिष्क प्रमुख पद पर कंचना देवी भी निर्विरोध चुनीं गईं। पूर्व विधायक रणजीत रावत ने इसे कांग्रेस की नीतियों की जीत बताते हुए जनता का आभार जताया।

 

सोमवार को नामांकन का अंतिम दिन था और माहौल पूरी तरह भाजपा के पक्ष में रहा। अभी तक प्रदेश में भाजपा के 4 जिला पंचायत अध्यक्ष निर्विरोध निर्वाचित हुए, जबकि 11 ब्लॉक प्रमुख पदों पर भी भाजपा प्रत्याशी बिना मुकाबले जीत गए।यह नतीजा केवल संयोग नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री धामी व संगठन की महीनों पहले से तैयार की गई रणनीति, बूथ स्तर तक की सूक्ष्म मैनेजमेंट और संगठन के सामंजस्य का नतीजा मानी जा रही है।राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा की जीत में प्रत्याशी चयन में सामाजिक व भौगोलिक संतुलन, बूथ स्तर तक की सक्रियता और संगठनात्मक तालमेल की अहम भूमिका रही।

 

दूसरी ओर, कांग्रेस कई सीटों पर नामांकन दाखिल तक नहीं कर पाई, जिससे उसकी कमजोर तैयारी और अंदरूनी गुटबाज़ी उजागर हो गई। इन नतीजों ने यह भी संकेत दे दिया है कि भाजपा ने 2027 विधानसभा चुनाव की तैयारियां अभी से शुरू कर दी हैं।

 

भाजपा प्रवक्ता सुरेश जोशी ने कहा कि

जिला पंचायत चुनावों में उत्तराखंड की राजनीति ने एक बार फिर साफ़ कर दिया कि अगर रणनीति सटीक हो, टीम मज़बूत हो और नेतृत्व दृढ़ इच्छाशक्ति से लैस हो, तो जीत केवल संभावनाओं में नहीं, बल्कि हकीकत में बदल जाती है।

मुख्यमंत्री धामी व संगठन की अगुवाई में भाजपा ने जिला पंचायत चुनावों में ऐसा चौका मारा कि कांग्रेस पस्त होकर मैदान से बाहर हो गई।

भाजपा प्रवक्ता सुरेश जोशी ने कहा कि
विपक्ष को मैदान में उतरने का अवसर ही न दिया जाए। स्थानीय समीकरणों को साधते हुए, हर जिले और ब्लॉक में भाजपा के पक्ष में माहौल तैयार किया गया। भाजपा प्रत्याशियों के चयन में जातीय, भौगोलिक और सामाजिक संतुलन का बारीकी से ध्यान रखा गया, जिससे कांग्रेस अंदर ही अंदर बिखरती चली गई।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सतीश लखेड़ा ने कहा कि
मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस कई स्थानों पर तो नामांकन करने तक की स्थिति में नहीं रही। पार्टी के भीतर गुटबाज़ी, नेतृत्वहीनता और संगठनात्मक ढील ने स्थिति इतनी खराब कर दी कि धामी की रणनीति के सामने वह पूरी तरह बेबस नज़र आई।

 

कांग्रेस ने पर्यवेक्षकों से मांगी संभावित प्रत्याशियों की रिपोर्ट

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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करण माहरा ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों को लेकर पार्टी के सभी पर्यवेक्षकों को निर्देश दिए हैं कि वे तत्काल अपने-अपने प्रभार वाले जनपदों में जिला पंचायत अध्यक्ष और क्षेत्र पंचायत प्रमुख पदों के संभावित प्रत्याशियों की रिपोर्ट प्रदेश मुख्यालय को भेजें।

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना ने बताया कि पर्यवेक्षकों को कहा गया है कि वे संबंधित जनपदों में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, विधायकों, पूर्व लोकसभा/विधानसभा प्रत्याशियों और नव-निर्वाचित पंचायत सदस्यों से संवाद कर संभावित प्रत्याशियों का पैनल तैयार करें।

 

धस्माना ने दावा किया कि प्रदेश के आठ जनपदों में कांग्रेस के पास जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर जीत की मजबूत संभावनाएं हैं। क्षेत्र पंचायतों में भी बड़ी संख्या में कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार जीते हैं। यदि चुनाव निष्पक्ष हुए, तो प्रदेश की तस्वीर बदल सकती है।

उन्होंने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ भाजपा शासन, प्रशासन और धनबल के बल पर हर हाल में चुनाव जीतने का प्रयास कर रही है।

प्रदेश के 550 सरकारी स्कूलों की बदलेगी तस्वीर, देश के प्रतिष्ठित औद्योगिक समूह लेंगे गोद

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उत्तराखंड के 550 सरकारी स्कूलों को देश के प्रतिष्ठित औद्योगिक समूहों गोद लेंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि हम एक ऐसी ऐतिहासिक पहल के साक्षी बन रहे हैं, जो न केवल राज्य की शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करेगी, बल्कि आने वाली कई पीढ़ियों के उज्ज्वल भविष्य की आधारशिला भी रखेगी।

सीएम धामी ने कहा कि आज का दिन शैक्षणिक इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय के रूप में अंकित होने जा रहा है। कहा कि मुझे अत्यंत प्रसन्नता है कि राज्य के 550 सरकारी स्कूलों को देश के प्रतिष्ठित औद्योगिक समूहों द्वारा गोद लिया जा रहा है।मुझे यह भी बताया गया है कि इनमें से अधिकांश स्कूल ऐसे हैं, जिन्हें आज वास्तव में इसकी आवश्यकता है। दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों के स्कूल वर्षों से संसाधनों की कमी से जूझ रहे हैं।

पाखरो रेंज घोटाला…पूर्व डीएफओ अखिलेश तिवारी पर दर्ज होगा मुकदमा, सीएम ने दिया अनुमोदन

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विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट टाइगर सफारी निर्माण के बहुचर्चित घोटाले में सीबीआई को तत्कालीन डीएफओ कालागढ़ अखिलेश तिवारी पर मुकदमा चलाने की अनुमति मिल गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अभियोजन की अनुमति दे दी है।जिम कॉर्बेट में टाइगर सफारी के नाम पर करोड़ों रुपये की वित्तीय अनियमितताओं के मामले में जांच चल रही है। मामले में तत्कालीन डीएफओ अखिलेश तिवारी के खिलाफ सीबीआई विवेचना से संबंधित जांच रिपोर्ट में शामिल बिंदुओं के आधार पर संगत धाराओं के तहत अभियोजन चलाने के लिए सीएम धामी ने अनुमोदन दे दिया है।

वहीं, पाखरो टाइगर सफारी निर्माण में अनियमितताओं से संबंधित प्रकरण में तत्कालीन डीएफओ कालागढ़ टाइगर रिजर्व लैंसडौन किशन चंद के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 19 एवं दंड संहिता की धारा 197 के तहत अभियोग चलाने की अनुमति दे दी गई है।

हेरिटेज एविएशन कम्पनी पर लटकी ब्लैक लिस्टिंग की तलवार

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प्रतिबंध के बावजूद और बिना अनुमति के बद्री-केदार के अध्यक्ष को केदारनाथ धाम ले जाना एविएशन कम्पनी को भारी पड़ता जा रहा है। सम्बंधित हेली कम्पनी को ब्लैक लिस्ट किये जाने की प्रबल संभावना है।

शोरगुल मचने के बाद हुई विभागीय जांच में हेली कम्पनी को काली सूची में डालने की तैयारी चल रही है। फिलहाल, हेरिटेज एविएशन की चारधामों की चार्टर्ड सेवा पर रोक लगाई गई।

उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए हेरिटेज एविएशन कम्पनी को नोटिस जारी किया है।यूकाडा के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय टोलिया ने बताया कि  खराब मौसम में बिना अनुमति के उड़ान भरने पर सम्बंधित हेरिटेज एविएशन कम्पनी को ब्लैक लिस्ट करने का नोटिस जारी किया गया। हालांकि, यह भी खबर है कि विभाग ने  हेली कम्पनी को उड़ान की सशर्त अनुमति दी  थी।

गौरतलब है कि सावन के पहले सोमवार 14 जुलाई को हेरिटेज एविएशन के चार्टर्ड हेलिकॉप्टर ने देहरादून के सहस्त्रधारा हेलीपैड से केदारनाथ के लिए उड़ान भरी थी।

मौसम खराब होने की वजह से यूकाडा के ऑपरेशन विंग ने हेरिटेज कम्पनी के पायलट को उड़ान भरने की मंजूरी नहीं दी थी।

बावजूद इसके पायलट हेलीकॉप्टर में बद्री-केदार मन्दिर परिषद के अध्यक्ष व अन्य खास लोगों को लेकर केदारनाथ धाम पहुंच गए।

साफ है कि वीआईपी उड़ान के लिए पायलट ने यूकाडा के दिशानिर्देशों का खुला उल्लंघन किया।
नतीजतन, यूकाडा ने हेली कम्पनी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।

विभागीय सूत्रों के अनुसार, हेरिटेज एविएशन ने लिखित जवाब में माना कि 14 जुलाई को बिना अनुमति के उड़ान भरी है। इस मामले में अनुमति देने और नहीं देने की तस्वीर भी उलझी दिखाई दे रही है।

इधऱ, विभागीय सूत्रों का कहना है कि
खराब मौसम को देखते हुए यूकाडा ने चार्टर्ड उड़ान के लिए मना किया था। ब्लैक लिस्ट सम्बन्धी ताजे नोटिस का जवाब नहीं देने पर डीजीसीए की गाइडलाइन के अनुसार कड़ा एक्शन लिया जाएगा।

बीकेटीसी के अध्यक्ष के साथ कौन-कौन लोग गए थे ,यह भी साफ नहीं हो पाया। इनमें एक चर्चित शख्सियत का नाम भी सामने आ रहा है। बहरहाल, सावन के पहले सोमवार को केदारनाथ धाम के लिए भरी गयी उड़ान चर्चा का विषय जरूर बन गयी है…

पाखरो रेंज घोटाला: ईडी ने चार अफसरों पर मनी लॉन्ड्रिंग में दाखिल की चार्जशीट

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जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की पाखरो रेंज में हुए बहुचर्चित घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को चार अधिकारियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में चार्जशीट दाखिल कर दी।
आरोपियों में तत्कालीन डीएफओ किशनचंद, तत्कालीन डीएफओ अभिषेक तिवारी, रेंजर बृज बिहारी शर्मा और रेंजर मथुरा सिंह मावदी शामिल हैं।
इस मामले में तत्कालीन वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत की भूमिका की भी जांच हो रही है।
घोटाले में बड़े अधिकारियों के नाम भी सामने आए थे। विभागीय जवाब तलब का खेल भी कुछ समय चला था। लेकिन फिलहाल डीएफओ व रेंज स्तर के अधिकारियों की मिलीभगत पायी गयी।

ईडी की जांच में सामने आया कि इन अधिकारियों ने मिलीभगत कर पाखरो रेंज में टाइगर सफारी के नाम पर अवैध निर्माण कराया और सरकारी धन का दुरुपयोग करते हुए करोड़ों की संपत्ति जुटाई।
ईडी ने इसी महीने किशनचंद के बेटों और बृज बिहारी शर्मा की पत्नी के नाम पर अर्जित करीब 1.75 करोड़ की संपत्ति अटैच की है।

 

क्या है मामला?

साल 2019 में पाखरो रेंज की 106 हेक्टेयर वन भूमि पर टाइगर सफारी बनाने का काम बिना किसी वित्तीय मंजूरी के शुरू कर दिया गया। पेड़ों की कटाई और अवैध निर्माण की शिकायत पर राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने निरीक्षण किया, जिसमें भारी अनियमितताएं पाई गईं।
जांच में खुलासा हुआ कि इस योजना के नाम पर करीब 215 करोड़ रुपये खर्च कर दिए गए। पहले विजिलेंस और फिर सीबीआई ने मुकदमा दर्ज किया और चार्जशीट दाखिल की। अब ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से जांच करते हुए चार अधिकारियों को आरोपी बनाया है।

अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाला…जांच के दायरे में आए संस्थानों का दोबारा होगा सत्यापन

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शासन ने अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में रडार पर आए संस्थानों का दोबारा सत्यापन कराने का फैसला किया है। इसके अलावा जांच के दौरान रुद्रप्रयाग में वासुकेदार में संस्कृत महाविद्यालय में गड़बड़ी मिली है, यह संस्थान एक विशेष समुदाय के व्यक्ति द्वारा चलाया जा रहा था।यहां पर पश्चिम बंगाल के 24 परगना के रहने वाले छात्राओं का पंजीकरण कराया गया था। मई में शासन ने राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल के विश्लेषण में संदिग्ध पाए गए 92 संस्थानों और स्कूलों में जांच के आदेश दिए थे।

 

जांच में 92 संस्थानों में से 17 संस्थानों में अल्पसंख्यक छात्रों की छात्रवृत्ति में गड़बड़ी का पता चला था। प्रकरण में शासन ने अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय को जांच रिपोर्ट भेज दी थी। अब शासन ने जांच की रडार पर आए संस्थानों का दोबारा सत्यापन कराने का फैसला किया है, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते कहते हैं कि यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि जांच के दौरान त्रुटिवश कोई संस्थान बच तो नहीं गया है। इस संबंध में जिलाधिकारियों को पत्र भेजा गया है।

दूसरे राज्य के छात्राओं के पंजीकरण का मामला सामने आया
अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाले की जांच के दौरान रुद्रप्रयाग जिले से जुड़ा मामला सामने आया है। यहां पर विशेष समुदाय के व्यक्ति द्वारा वासुकेदार में श्री सरस्वती संस्कृति महाविद्यालय संस्थान संचालित किया जा रहा था। इस संस्थान में जांच के दौरान दो छात्राएं पश्चिम बंगाल की थी, जिनका संबंधित संस्थान से पंजीकरण कराया गया था। विशेष सचिव डॉ. धकाते कहते हैं कि जांच में पश्चिम बंगाल समेत अन्य राज्यों के छात्रों के पंजीकरण की बात सामने आई है। इस संस्थान का संचालन नसरुद्दीन नामक व्यक्ति कर रहा था। प्रकरण में जांच के दौरान जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर कार्रवाई होगी।