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हरिद्वार जमीन घोटाला; धामी सरकार की बड़ी कार्रवाई, दो IAS और एक PCS अफसर समेत 12 लोग सस्पेंड

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हरिद्वार जमीन घोटाले में धामी सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। मामले में दो आईएस और एक पीसीएस अफसर समेत कुल 12 लोगों को सस्पेंड कर दिया गया है। मामले में डीएम, एसडीएम और पूर्व नगर आयुक्त पर भी गाज गिरी। अब विजिलेन्स जमीन घोटाले की जांच करेगी।

मामला 15 करोड़ की जमीन को 54 करोड़ में खरीदने का है, जिसमें हरिद्वार नगर निगम ने एक अनुपयुक्त और बेकार भूमि को अत्यधिक दाम में खरीदा। न भूमि की कोई तात्कालिक आवश्यकता थी, न ही खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता बरती गई। शासन के नियमों को दरकिनार कर यह घोटाला अंजाम दिया गया।

 

15 करोड़ की ज़मीन 54 करोड़ में खरीदी
जांच के बाद रिपोर्ट मिलते ही बड़ी कार्रवाई करते हुए हरिद्वार के जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह, पूर्व नगर आयुक्त वरुण चौधरी और एसडीएम अजयवीर सिंह को सस्पेंड कर दिया। साथ ही वरिष्ठ वित्त अधिकारी निकिता बिष्ट, कानूनगों राजेश कुमार, तहसील प्रशासनिक अधिकारी कमलदास, और वरिष्ठ वैयक्तिक सहायक विक्की को भी निलंबित किया गया।

उत्तराखंड में पहली बार ऐसा हुआ है कि सत्ता में बैठी सरकार ने अपने ही सिस्टम में बैठे शीर्ष अधिकारियों पर सीधा और कड़ा प्रहार किया है। हरिद्वार ज़मीन घोटाले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा लिए गए निर्णय केवल एक घोटाले के पर्दाफाश की कार्रवाई नहीं, बल्कि उत्तराखंड की प्रशासनिक और राजनीतिक संस्कृति में एक निर्णायक बदलाव का संकेत हैं।

पहले चरण में नगर निगम के प्रभारी सहायक नगर आयुक्त रविंद्र कुमार दयाल, अधिशासी अभियंता आनंद सिंह मिश्रवाण, कर एवं राजस्व अधीक्षक लक्ष्मीकांत भट्ट और अवर अभियंता दिनेश चंद्र कांडपाल को भी सस्पेंड किया गया था। संपत्ति लिपिक वेदवाल का सेवा विस्तार समाप्त कर दिया गया है और उनके खिलाफ अनुशासनिक कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं।

हरिद्वार नगर निगम भूमि घोटाला-बड़ों से पूछताछ, लैंड यूज के पीछे कौन है मास्टरमाइंड !

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बड़े अधिकारियों की नाक के नीचे हुए करोड़ों की जमीन घोटाले की जांच ने दो कदम आगे बढ़ा दिए हैं। कई स्तर पर हुई खुली लापरवाही की खबरों के बीच हरिद्वार डीएम कर्मेन्द्र सिंह व पूर्व नगर आयुक्त वरुण चौधरी ने अपने बयान दर्ज करवा दिए हैं।

हरिद्वार नगर निगम की बिना किसी ठोस परियोजना के कूड़े के ढेर के बगल वाली 33 बीघा भूमि खरीद की फ़ाइल का तेजी से दौड़ना भी कई सवाल खड़े कर गया। इस अहम फाइल को किस का ‘बाहरी व मजबूत’ बल लग रहा था ,यह भी सत्ता के गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। आखिरकार, कृषि भूमि का लैंड यूज चेंज कर चार गुना अधिक मूल्य पर जमीन की खरीद में पीछे किस मास्टरमाइंड का हाथ था, यह भी कौतूहल का विषय बना हुआ है।

गौरतलब है कि नगर निगम का कार्यकाल समाप्त होने के बाद 2024 में आईएएस वरुण चौधरी को नगर निगम का प्रशासक तैनात किया गया था।भूमि खरीद में नगर निगम एक्ट का पालन किया जाना था। जमीन खरीद से जुड़े शासन के नियम व निर्देश भी अपनी जगह मौजूद थे। बावजूद इसके एक कॄषि योग्य भूमि का लैंड यूज परिवर्तित कर कामर्शियल कर दिया। और सिर्फ कुछ करोड़ की जमीन आधे अरब से अधिक दाम में खरीद ली गयी। इस मामले में हवा के माफिक दौड़ी फाइल का पेट भी नियमबद्ध दस्तावेजों से नहीं भरा गया।

 

निकाय विभाग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि
नगर निगम ने किस परियोजना या योजना के लिए कूड़े के ढेर के बगल वाली जमीन खरीदी। जमीन खरीद का क्या प्रयोजन था? यह भी साफ नहीं किया गया। चूंकि, कामर्शियल रेट पर करोड़ों की खरीदी गई जमीन पर निगम की कोई फ्लैट बनाने की योजना थी? या फिर मॉल आदि कोई अन्य कामर्शियल गतिविधि को अंजाम देना था ? यह भी सार्वजनिक नहीं किया गया। अलबत्ता गोदाम बनाने की बात अवश्य कही गयी।

हरिद्वार नगर निगम भूमि घोटाले में एक बात यह भी सामने आ रही है कि सम्बंधित जिम्मेदार अधिकारियों ने भूमि खरीद की तय प्रक्रिया का पालन नहीं किया।

जांच अभी जारी है। जांच अधिकारी रणवीर चौहान का साफ कहना है कि वे जांच पूरी होने के बाद ही कुछ कह पाएंगे। चौहान का कहना है कि जॉच पूरी होते ही रिपोर्ट शासन को सौंप दी जाएगी। जॉच अधिकारी नियुक्त होते ही आईएएस रणवीर सिंह नगर निगम भूमि घोटाले की जॉच के लिए हरिद्वार में मौका मुआयना कर चुके हैं।

इधर, चार अधिकारियों के निलंबन के बाद सम्बंधित अधिकारियों व कर्मियों से पूछताछ के सिलसिला जारी है।

हरिद्वार नगर निगम भूमि खरीद घोटाले में 1 मई को चार अधिकारियों के निलंबन के बाद जांच अधिकारी आईएएस रणवीर सिंह ने हरिद्वार के डीएम कर्मेन्द्र सिंह व पूर्व नगर प्रशासक हरिद्वार वरुण चौधरी से पूछताछ की। मौजूदा समय में आईएएस वरुण चौधरी सचिवालय में अपर सचिव स्वास्थ्य की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।

नियमों को ताक पर रखकर करोड़ों की बंदरबांट के इस हैरतअंगेज कारनामे में तत्कालीन एसडीएम अजयवीर सिंह के स्टेनो और डाटा एंट्री ऑपरेटर से भी पूछताछ की गई। कुछ समय पूर्व अजयवीर सिंह का हरिद्वार से अन्यत्र तबादला किया गया।

अब बड़े अधिकारियों से पूछताछ के बाद उम्मीद जगी है कि कुछ घोटालेबाज शातिर अधिकारियों पर भी गाज गिरेगी। नियमों का उल्लंघन कर व भू उपयोग परिवर्तन से करोड़ों का खेल करने वाले मास्टरमाइंड का चेहरा कब बेनकाब होगा। इसका भी सभी को इंतजार है।

गौरतलब है कि हरिद्वार से जुड़े अधिकारियों ने यह कारनामा नगर निगम भंग होने के समय अंजाम दिया था। बाद में हरिद्वार की मेयर निर्वाचित होने पर किरण जैसल ने इस भूमि खरीद घोटाले की शिकायत सीएम धामी से की। सीएम धामी ने जांच आईएएस अधिकारी रणवीर सिंह को सौंपी।

हालांकि, खबर यह भी है कि दोषियों को बचाने के लिए एक लॉबी ने ऐड़ी चोटी का जोर लगाया हुआ है।
इसी के तहत पहले जांच अधिकारी किसी अन्य अफसर को बनाने का दांव चला गया था लेकिन सीएम ने अन्य नामों को दरकिनार करते हुए आईएएस चौहान को जांच अधिकारी नियुक्त कर मंसूबे पूरे नहीं होने दिए।

गौरतलब है कि कई सौ करोड़ के NH 74 भूमि घोटाले में कई अधिकारी व कर्मी जेल गए थे लेकिन कुछ अहम किरदार साफ बच निकले थे। कहीं हरिद्वार नगर निगम के आधे अरब से अधिक मूल्य के फ्रॉड में बड़ी मछलियां साफ बच न जाएं, यह जांच की समग्रता पर निर्भर करेगा…

अब तक हुई निलंबन की कार्रवाई

निलंबित सहायक नगर आयुक्त रविंद्र कुमार दयाल, अधिशासी अभियंता आनंद सिंह मिश्रवाण , कर एवं राजस्व अधीक्षक लक्ष्मीकांत भट्ट और जेई दिनेश चंद्र कांडपाल शामिल हैं। ये चारों जमीन खरीद मामले के लिए बनाए गई समिति में शामिल थे।

इस प्रकरण में सेवा विस्तार पर कार्यरत सेवानिवृत्त सम्पत्ति लिपिक वेदपाल की संलिप्तता पायी गयी है। उनका सेवा विस्तार समाप्त करते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश देने के साथ ही सुश्री निकिता बिष्ट, वरिष्ठ वित्त अधिकारी,नगर निगम, हरिद्वार का स्पष्टीकरण तलब किया गया है।

ऐसे हुई 15 से 54 करोड़ रुपए कीमत

भूमि का लैंड यूज कृषि था। तब उसका सर्किल रेट छह हजार रुपये के आस पास था। यदि भूमि को कृषि भूमि के तौर पर खरीदा जाता, तब उसकी कुल कीमत पंद्रह करोड़ के आस पास होती। लेकिन लैंड यूज चेंज कर खेले गए खेल के बाद भूमि की कीमत 54 करोड़ के आस पास हो गई। खास बात ये है कि अक्टूबर में एसडीएम अजयवीर सिंह ने लैंड यूज बदला और चंद दिनों में ही निगम निगम हरिद्वार ने एग्रीमेंट कर दिया और नवंबर में रजिस्ट्री कर दी।

नगर निगम हरिद्वार ने नवंबर 2024 में सराय कूड़ा निस्तारण केंद्र से सटी 33 बीघा भूमि का क्रय किया था। ये भूमि 54 करोड़ रुपए में खरीदी थी जबकि छह करोड़ रुपए स्टाप ड्यूटी के तौर पर सरकारी खजाने में जमा हुए थे। 2024 में तब नगर प्रशासक आईएएस वरुण चौधरी थे। जमीन खरीद मामले में मेयर किरण जैसल ने सवाल खड़े किए थे। जिसके बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले की जांच सीनियर आईएएस अफसर रणवीर सिंह को सौंपी थी। अब इस मामले में जमीन को बेचने वाले किसान के खातों को फ्रीज करने के आदेश कर दिए गए हैं।

लैंड यूज में खेल-

अक्टूबर 2024 में एसडीएम अजयवीर सिंह ने जमीन का लैंड यूज बदला। और चंद दिनों में ही नगर निगम ने खरीद का एग्रीमेंट कर लिया। नवंबर में रजिस्ट्री पूरी हो गई। यह तेजी संदेहास्पद है और प्रक्रियागत नियमों की अनदेखी को दर्शाती है।

पारदर्शिता का अभाव-

जमीन खरीद के लिए कोई पारदर्शी बोली प्रक्रिया नहीं अपनाई गई, जो सरकारी खरीद नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है। साथ ही, नगर निगम ने इस खरीद के लिए शासन से कोई पूर्व अनुमति नहीं ली।

सशर्त अनुमति का दुरुपयोग

जमीन को गोदाम बनाने के लिए धारा 143 के तहत सशर्त अनुमति दी गई थी, जिसमें शर्त थी कि यदि भूमि का उपयोग निर्धारित प्रयोजन से अलग किया गया, तो अनुमति स्वतः निरस्त हो जाएगी। आरोप है कि इस जमीन का उपयोग कूड़ा डंपिंग के लिए किया गया, जो अनुमति का उल्लंघन हो सकता है।

घोटाले में पूर्व नगर प्रशासक (एमएनए) वरुण चौधरी पर सर्किल रेट का दुरुपयोग कर सौदा करने का आरोप है। जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह और नगर निगम आयुक्त भी जांच के घेरे में हैं।

इस तरह के बड़े सौदों में तहसील और नगर निगम की संयुक्त जांच अनिवार्य होती है, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। यह प्रशासनिक लापरवाही का स्पष्ट उदाहरण है। साथ ही, सर्किल रेट और लैंड यूज में बदलाव की प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव रहा।

यह घोटाला न केवल वित्तीय अनियमितताओं, बल्कि प्रशासनिक जवाबदेही और भ्रष्टाचार की गहरी जड़ों को उजागर करता है।

भूमि घोटाला जांच के लिए हरिद्वार पहुंचे आईएएस अधिकारी, किया निरीक्षण, खुलेंगे राज!

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नगर निगम हरिद्वार की ओर से भूमि खरीद में किए गए करोड़ों के घोटाले की परतें अब खुलने लगी हैं। शासन स्तर पर गंभीरता से लिए गए इस प्रकरण की जांच के लिए नियुक्त वरिष्ठ आईएएस अधिकारी रणवीर सिंह चौहान मंगलवार को जांच के सिलसिले में हरिद्वार पहुंचे।

उन्होंने जिला प्रशासन, एचआरडीए और नगर निगम के अधिकारियों के साथ सराय क्षेत्र में उस 33 बीघा भूमि का स्थलीय निरीक्षण किया, जिसे नगर निगम ने 54 करोड़ रुपये में खरीदा था। यह राशि नगर निगम को रिंग रोड परियोजना के तहत अधिग्रहित भूमि के बदले मुआवजे के रूप में मिली थी।

निगम निगम की ओर से क्रय की गई भूमि की वास्तविक कीमत मात्र 15 करोड़ रुपये थी, लेकिन लैंड यूज परिवर्तन और सर्किल रेट का अनुचित लाभ उठाकर इसे चार गुना अधिक मूल्य पर खरीदा गया। प्रारंभिक जांच में गड़बड़ियों के संकेत मिलने पर एक मई को नगर निगम के चार अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई हो चुकी है, जबकि इस पूरे प्रकरण में कई बड़े नाम भी जांच के दायरे में आ सकते हैं। मंगलवार को सराय क्षेत्र में स्थलीय निरीक्षण के लिए पहुंचे जांच अधिकारी रणवीर सिंह चौहान ने मौके पर भूमि के राजस्व अभिलेखों का अवलोकन भी किया।

इस मौके पर उनके साथ एचआरडीए सचिव मनीष सिंह और एसडीएम जितेंद्र कुमार सहित राजस्व के अधिकारी मौजूद रहे। जिसके बाद रणवीर सिंह चौहान डामकोठी पहुंचे, जहां इस जमीन से संबंधित पत्रावलियों की जांच की। निगम के कुछ अधिकारी कर्मचारियों के बयान भी दर्ज किए। जांच अधिकारी रणवीर सिंह चौहान ने स्पष्ट किया कि आवश्यक होने पर संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों के बयान भी दर्ज किए जाएंगे। शासन की ओर से इस जांच को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश हैं।

गौरतलब है कि यह पूरा मामला उस समय संदेह के घेरे में आया, जब भूमि की खरीद में सर्किल रेट और बाजार मूल्य के बीच भारी अंतर पर विशेषज्ञों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने सवाल उठाए। खास बात यह भी है कि जिस समय यह भूमि खरीदी गई, नगर निगम प्रत्यक्ष रूप से प्रशासनिक नियंत्रण में था और आईएएस अधिकारी वरुण चौधरी निगम नगर आयुक्त के पद पर कार्यरत थे।

उत्तराखण्ड के दलित/अनुसूचित वर्ग/अनुसूचित जनजाति वर्ग के समाज सुधारकों के नाम पर बनेंगे बहुद्देशीय भवन

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हरिद्वार। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने के लिए डॉ. बी.आर. अंबेडकर महामंच द्वारा हरिद्वार में आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित किया गया।

संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की 135वीं जयंती पर हरिद्वार में बी.एच.ई.एल मैदान में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें कि चिलचिलाती धूप में बड़ी संख्या में स्थानीय जनता की जोशपूर्ण मौजूदगी रही।

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सम्मान के लिए आभार जताते हुए कहा कि इतनी बड़ी संख्या में उमड़ी जनता से जाहिर है कि जनता ने इस साहसिक फैसले पर अपना भरोसा जता दिया है।

उन्होंने कहा कि यह सम्मान सिर्फ एक व्यक्ति को नहीं, बल्कि उस विचारधारा को था जिसने वर्षों से भारतीय समाज में न्याय और समानता की आवाज़ बुलंद की है।

अपने संबोधन में मुख्यमंत्री धामी ने बाबा साहेब को एक युगदृष्टा बताया। उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर इस बात में विश्वास रखते थे कि जब तक देश के प्रत्येक नागरिक को समान अधिकार प्राप्त नहीं होते, तब तक समाज में सच्ची समानता संभव नहीं है। यही सोच थी, जिसने उन्हें समान नागरिक संहिता जैसी क्रांतिकारी अवधारणा को संविधान में स्थान देने के लिए प्रेरित किया। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उत्तराखंड सरकार ने सिर्फ एक कानून नहीं लागू किया, बल्कि सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है।

 

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि वर्षों तक बाबा साहेब की उपेक्षा की गई, उनके विचारों को हाशिए पर रखा गया, जबकि आज का भारत उनके सपनों को अपनाने की ओर अग्रसर है। यह नया भारत है — जो न सिर्फ अपनी विरासत को सम्मान देता है, बल्कि साहसिक निर्णय लेकर नए मानदंड भी स्थापित करता है।

सीएम ने कहा कि हरिद्वार में उमड़ी यह भीड़ केवल उपस्थित लोगों का जमावड़ा नहीं है— यह एक जनआवाज़ है, जो कह रही है कि मुख्यमंत्री धामी के फैसलों पर जनता का भरोसा है और अब यह गूंज उत्तराखंड से निकलकर पूरे देश में सुनाई दे रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और हमारी दृढ़ इच्छाशक्ति ने मिलकर यह ऐतिहासिक निर्णय संभव किया है।

उत्तराखंड आज एक बार फिर देश को दिशा दिखा रहा है — जहां समानता अब सिर्फ किताबों में नहीं, बल्कि कानून की शक्ल में ज़मीन पर उतर चुकी है। यह सिर्फ एक कानून लागू करने की बात नहीं, यह एक नए भारत की ओर बढ़ाया गया निर्णायक कदम है।

मुख्यमंत्री धामी ने आने वाले पीढ़ी को अनुसूचित समाज का उद्धार करने वाले समाजसेवकों के जीवन चरित्र और इतिहास के साथ-साथ भारतीय संविधान के बारे में जानकारी देने के लिए हरिद्वार में बाबा साहब समरसता स्थल का निर्माण किए जाने। समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित की जाने वाली एससीपी/टीएसपी योजनाओं के अन्तर्गत अनुसूचित समाज की बाहुल्यता वाले क्षेत्रों में उत्तराखण्ड के दलित/अनुसूचित वर्ग/अनुसूचित जनजाति वर्ग के समाज सुधारकों के नाम पर बहुद्देशीय भवन बनाये जाने एवं अनुसूचित समाज के कल्याण संबंधी योजनाओं व अधिकारों के प्रति हमारी आने वाली पीढ़ी को जागरूक करने के उद्देश्य से विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों में विशेष जन-जागरुकता कार्यक्रम अनुसूचित जाति आयोग के माध्यम से आयोजित किए जाने की घोषणा की।

कार्यक्रम से पूर्व बीएचईएल मैदान से केंद्रीय विद्यालय परिसर तक आयोजित रैली में हजारों की संख्या में लोगों ने मुख्यमंत्री पर पुष्प वर्षा कर उनका आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने डॉ बी.आर अम्बेडकर को नमन करते हुए कहा कि डॉ बी.आर अम्बेडकर ने हमारे समाज को समानता, समरसता और न्याय का मार्ग दिखाया। आज भी बाबा साहेब हमारी सामूहिक चेतना का अभिन्न हिस्सा हैं। उनका संपूर्ण जीवन ही हमारे लिए एक संदेश है। उन्होंने गुलाम भारत में जन्म लेकर अपने ज्ञान और संकल्प से स्वयं के साथ करोड़ों लोगों के जीवन को भी बलदने का काम किया है। उन्होंने अन्य लोगों को न्याय की राह दिखाई। उन्होंने कहा समाज के वंचित वर्ग को मुख्य धारा में लाने के लिए बाबा साहेब का संघर्ष हम सभी के लिए प्रेरणा है।

मुख्यमंत्री ने कहा भारतीय संविधान के निर्माण में बाबा साहेब के योगदान के लिए हर देशवासी सदैव उनका आभारी रहेगा। उन्होंने संविधान की प्रस्तावना में न्याय, स्वतंत्रता, समानता भारतीय गणराज्य के मूल स्तंभ को रखा। बाबा साहब ने ऐसे भारत की परिकल्पना की जिसमें सभी वर्गों को समान अधिकार, समान अवसर और समान गरिमा प्राप्त हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने आजादी के बाद उत्तराखंड में सबसे पहले समान नागरिक संहिता लागू कर बाबा साहेब के सपनों के भारत के निर्माण की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है और उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की है।

मुख्यमंत्री ने कहा बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने संविधान निर्माता के रूप में समान नागरिक संहिता को संविधान के अनुच्छेद 44 के तहत राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों में सम्मिलित किया था। वो भली भांति जानते थे कि भारत और भारतीय समाज के लिए समान नागरिक संहिता बेहद आवश्यक है। उन्होंने समान नागरिक संहिता को कानूनी, सामाजिक आवश्यकता के साथ नैतिक आवश्यकता भी माना। बाबा साहेब ने हमेशा सभी जाति, धर्म के लोगों के लिए एक समान कानून की बात को प्राथमिकता दी थी। मुख्यमंत्री ने कहा समान नागरिक संहिता का उद्देश्य समाज में समुदायों के लिए अलग-अलग व्यक्तिगत कानूनों के कारण भेदभाव, असमानता और अन्याय की स्थिति खत्म करना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा साहब ने हमेशा समाज की प्रगति में महिलाओं की भागीदारी पर जोर दिया। उन्होंने कहा राज्य में यूसीसी लागू होने के बाद महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में नए युग की शुरुआत हुई है। उन्होंने कहा यूसीसी के माध्यम से उत्तराखंड की मुस्लिम बहन-बेटियों को इद्दत, बहुविवाह, बाल विवाह और तीन तलाक जैसी कुरीतियों से मुक्ति मिली है। अब किसी भी महिला को उत्तराधिकार या संपत्ति के अधिकार में भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों और कार्यशैली में बाबा साहब के विचार दिखाई देते हैं। बाबा साहेब की जयंती पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित कर प्रधानमंत्री ने उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की है। सरकार द्वारा बाबा साहेब की स्मृतियों से जुड़े प्रमुख स्थलों को राष्ट्र चेतना के पंच तीर्थ के रूप में विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा आज़ादी के बाद पहली बार प्रधानमंत्री मोदी ने ही सच्चे मन से दलितों और वंचितों के उत्थान के साथ उन्हें समाज की मुख्यधारा में जोड़ने का कार्य किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने अनुसूचित वर्ग के कल्याण हेतु आम बजट में वृद्धि की है। आर्थिक, शैक्षणिक और सामाजिक स्थिति को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। दलित उत्पीड़न कानून 1989 को केंद्र सरकार ने संशोधित कर और सख्त बनाया है। स्टैंडअप इंडिया योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना, हर घर नल से जल, आयुष्मान भारत जैसी अनेकों योजनाओं में भी गरीबों, शोषितों, वंचितों, आदिवासियों और दलितों को प्राथमिकता देते हुए उनका समग्र विकास सुनिश्चित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार देवभूमि उत्तराखंड के सांस्कृतिक मूल्यों और डेमोग्राफी को संरक्षित रखने के प्रति भी पूर्ण रूप से संकल्पबद्ध है। प्रदेश के साथ खिलवाड़ करने वाले घृणित मानसिकताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा हाल के दिनों में कुछ असामाजिक तत्व अपने राजनैतिक स्वार्थों के चलते समाज को क्षेत्रवाद और जातिवाद के नाम पर बांटने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा उत्तराखंड की एकता, अखंडता और सामाजिक समरसता पर किसी भी प्रकार की कोई आँच नहीं आएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार भी अनुसूचित समाज को सशक्त, शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाने हेतु हरसंभव प्रयास कर रही है। राज्य सरकार द्वारा कक्षा 1 से 12वीं तक के बच्चों को छात्रवृत्ति एवं राज्य में निशुल्क 15 छात्रावास, 5 आवासीय विद्यालय और 3 आईटीआई का संचालन किया जा रहा है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग की निःशुल्क व्यवस्था भी की गई है। राज्य सरकार ने प्रदेश में जातीय भेदभाव को समाप्त करने और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अनुसूचित जाति के युवक या युवती से अंतर-जातीय विवाह करने पर 50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है।

Hockey India Championship: राष्ट्रीय चैंपियनशिप के लिए उत्तराखंड की हॉकी टीम हुई घोषित.

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उत्तरप्रदेश के झांसी में चार से 15 अप्रैल तक आयोजित होने वाले 15 वीं हॉकी इंडिया सीनियर पुरुष राष्ट्रीय चैंपियनशिप के लिए चयनित उत्तराखंड की टीम में हरिद्वार के सबसे अधिक पांच खिलाड़ी शामिल हैं।

ऊधमसिंह नगर और अल्मोड़ा जिले के तीन-तीन और देहरादून, पौड़ी, पिथौरागढ़, बागेश्वर समेत स्पोर्ट्स कालेज के खिलाड़ियों का चयन भी उत्तराखंड की टीम में किया गया है। उत्तराखंड की टीम में चयनित छह खिलाड़ी पूर्व में भी राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं जबकि जूनियर में खेलने वाले कई खिलाड़ियों को भी इस बार सीनियर टीम से खेलने का मौका मिला है।

40 खिलाड़ियों ने किया प्रतिभाग-

मंगलवार को हल्द्वानी के गौलापार स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स स्टेडियम में आयोजित चयन ट्रायल में उत्तराखंड के विभिन्न जनपदों व स्पोर्ट्स कालेज से 40 खिलाड़ियों ने प्रतिभाग किया। चयन ट्रायल में उम्दा प्रदर्शन के आधार पर उत्तराखंड की 18 सदस्यीय टीम का चयन किया गया है।राष्ट्रीय स्तर की हॉकी प्रतियोगिताओं और राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व कर चुके विशाल (हरिद्वार), रुपिन (हरिद्वार), रूपेश (हरिद्वार), राहुल (स्पोर्ट्स कालेज), आशु कुमार (हरिद्वार) और दीपांशु (ऊधमसिंह नगर) को चयन ट्रायल में शानदार प्रदर्शन के आधार पर फिर से टीम में शामिल किया गया है।

 

इनका भी हुआ चयन-

इसके अलावा रितिक सैनी (काशीपुर), अक्षत रावत (कोटद्वार), मो. साहेब (देहरादून), बाबी (काशीपुर), दीपक फर्त्याल (अल्मोड़ा), रितिक राज (अल्मोड़ा), अमित सिरोला (हरिद्वार),गौरव मेहरा (अल्मोड़ा), विवेक उपरारी (पिथौरागढ़), मान सिंह दानू (बागेश्वर), विवेक शर्मा और रईस अहमद का चयन किया गया है।

 

चयनकर्ताओ में उप निदेशक खेल राशिका सिद्दीकी, उपक्रीड़ा अधिकारी वरुण बेलवाल, भारतीय वायु सेना के पूर्व चीफ कोच पुष्कर सिंह रावत, अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी हरीश भाकुनी और हॉकी के पूर्व चीफ कोच वीरेंद्र परिहार शामिल रहे।

चैंपियन से विवाद के बीच MLA उमेश के कैंप कार्यालय पर नकाबपोशों ने की फायरिंग, घटना CCTV में कैद

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उत्तराखंड में खानपुर विधायक उमेश कुमार के रुड़की स्थित कैंप कार्यालय के बाहर नकाबपोश बदमाशों ने कई राउंड हवाई फायरिंग कर दी। फायरिंग से कैंप कार्यालय में मौजूद कर्मचारियों में दहशत फैल गई। फायरिंग की घटना कैंप कार्यालय के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। मामले में पुलिस ने अज्ञात में केस दर्ज कर फायरिंग करने वालों की तलाश शुरू कर दी है।

 

बता दें कि खानपुर से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार और पूर्व विधायक चैंपियन के बीच जनवरी माह में विवाद हुआ था। जिसके बाद चैंपियन ने 26 जनवरी को समर्थकों के साथ रुड़की स्थित उमेश कुमार के कैंप कार्यालय पर पहुंचकर उनके समर्थकों से मारपीट कर दी थी। साथ ही कई राउंड हवाई फायरिंग कर दी थी। जबकि उमेश भी पिस्टल लेकर चैंपियन के कार्यालय की तरफ दौड़े थे। मामले में पुलिस ने दोनों पक्षों पर केस दर्ज कर लिया था। साथ ही चैंपियन और उनके समर्थकों को जेल भेज दिया था। तभी से चैंपियन जेल में ही बंद है। इसे लेकर पुलिस की ओर से गंगनहर पटरी किनारे स्थित दोनों के कैंप कार्यालय पर सुरक्षा बढ़ा दी थी। लेकिन अब एक बार फिर विधायक उमेश कुमार के कैंप कार्यालय पर नकाबपोश बदमाशों ने हवाई फायरिंग कर पुलिस की चिंता फिर से बढ़ा दी है।

 

दरसअल, बृहस्पतिवार की अलसुबह बाइक सवार नकाबपोश बदमाश विधायक उमेश के कैंप कार्यालय के बाहर पहुंचे और हवाई फायरिंग कर दी। कार्यालय में मौजूद कर्मचारियों ने घटना की सूचना विधायक उमेश कुमार और उनके निजी सचिव जुबैर काजमी को दी। वहीं, सूचना मिलते ही पुलिस में भी खलबली मच गई। पुलिस मौके पर पहुंची और घटना की जानकारी ली। इस दौरान पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे चेक किए तो नकाबपोश संदिग्ध फायरिंग करते भी दिखे। मामले में निजी सचिव की ओर से सिविल लाइंस कोतवाली में पुलिस को तहरीर दी गई है। एसपी देहात शेखर चंद्र सुयाल ने बताया कि तहरीर के आधार पर अज्ञात बदमाशों पर केस दर्ज कर लिया है। साथ ही आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों के आधार पर बदमाशों और उनकी बाइक की पहचान की जा रही है। जल्द ही घटना का खुलासा किया जाएगा।

 

24 फरवरी को हटी थी पुलिस सुरक्षा

विधायक उमेश कुमार के कैंप कार्यालय के बाहर और अंदर 26 जनवरी की घटना के बाद से पुलिस तैनात की गई थी। अब मामला शांत हुआ था तो 24 फरवरी को पुलिस सुरक्षा हटा दी गई थी। जबकि बैरिकेडिंग हटाकर भी चार पहिया वाहनों की आवाजाही शुरू कर दी गई थी। अब फायरिंग के बाद फिर से पुलिस सुरक्षा का कड़ा पहरा बैठा दिया गया है।

…तो सुरक्षा हटने की थी पूरी जानकारी

जिस तरह से उमेश कुमार के कैंप कार्यालय पर नकाबपोश बदमाशों ने फायरिंग की है उससे आशंका जताई जा रही है कि बदमाशों को यह जानकारी थी कि अब पुलिस सुरक्षा हट गई है। इसलिए उन्होंने फायरिंग की घटना को अंजाम दिया है। वहीं, पुलिस मामले में हर बिंदू पर गहनता से जांच कर रही है।

लोकल या बाहरी, इसकी चल रही जांच

चैंपियन और उमेश के विवाद के बाद भी सोशल मीडिया पर दोनों के समर्थक आपस में भिड़ रहे हैं। हाल ही में विधायक उमेश कुमार ने एक वीडियो पोस्ट की थी जिसमें मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहे पर 28 फरवरी को पहुंचने की बात कही थी। साथ ही एक युवक को भी धमकी दी थी। ऐसे में पुलिस की जांच इस तरफ चल रही है कि फायरिंग करने वाले लोकल हैं या बाहरी हैं।

हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर को लेकर बड़ा अपडेट, जानिए पुराने भवनों के ध्वस्तीकरण पर क्या बोले सीएम धामी?

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हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर के क्षेत्र में प्रस्तावित कार्यों को लेकर उठ रहे प्रश्नों के बीच शासन ने स्थिति स्पष्ट की है। सचिव नियोजन आर मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि गंगा कॉरिडोर क्षेत्र में बिना ध्वस्तीकरण के सुंदरीकरण के कार्य किए जाएंगे। साथ ही हरिद्वार और ऋषिकेश में खुला स्थान विकसित किया जाएगा, ताकि स्नान और पर्वों पर भीड़ का दबाव कम किया जा सके।

 

गंगा नदी के तट पर स्थित हरिद्वार व ऋषिकेश शहरों में गंगा कॉरिडोर के अंतर्गत सुंदरीकरण समेत अन्य कई कार्य प्रस्तावित किए गए हैं। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि यह कॉरिडोर विकसित करने के लिए पुराने भवनों को ध्वस्त किया जा सकता है।

25 सालों को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा विकसित-

कुछ समय पहले जनप्रतिनिधियों और संबंधित शहरों के निवासियों की ओर से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात में क्षेत्रवासियों की इस आशंका की तरफ ध्यान आकृष्ट कराया था। साथ ही इस बात पर जोर दिया था कि इस कॉरिडोर को अगले 25 साल की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए विकसित किया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट किया था कि गंगा कॉरिडोर को विकसित करने के लिए जनप्रतिनिधियों के सुझावों पर अमल किया जाएगा। साथ ही कोई भवन तोड़ा नहीं जाएगा। अब सचिव नियोजन आर मीनाक्षी सुंदरम ने भी साफ किया कि गंगा कॉरिडोर में अभी जो कार्य प्रस्तावित किए जा रहे हैं, उनके लिए कॉरिडोर क्षेत्र में आने वाले किसी भी भवन को ध्वस्त नहीं किया जाएगा। भवन ध्वस्त किए बिना ही सुंदरीकरण के कार्य होंगे। पौराणिक स्थलों के स्वरूप को भी यथावत रखा जाएगा।

 

हनोल से ठडियार तक बनेगी सड़क : महाराज

जनजातीय जौनसार बावर क्षेत्र में प्रसिद्ध हनोल महासू देवता मंदिर से ठडियार तक नई सड़क बनेगी। इसके साथ ही हनोल और ठडियार स्थित टौंस नदी के दोनों ओर घाटों का निर्माण कराया जाएगा। लोनिवि एवं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने सोमवार को गढ़ी कैंट स्थित पर्यटन विकास परिषद के सभागार में हनोल मंदिर के मास्टर प्लान की समीक्षा के दौरान इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिए।

कैबिनेट मंत्री महाराज ने हनोल मंदिर के मास्टर प्लान के क्रियान्वयन के लिए लोनिवि, पर्यटन व सिंचाई विभाग के मध्य बेहतर सामंजस्य पर जोर दिया। बैठक के बाद उन्होंने कहा कि लोनिवि द्वारा हनोल से ठडियार तक लगभग डेढ़ किलोमीटर सड़क और ठडियार में पुल का निर्माण कराने के साथ ही मार्ग का सुंदरीकरण भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि लोनिवि द्वारा गढ़वाल मंडल विकास निगम के गेस्ट हाउस से खट्टल तक संपर्क मार्ग निर्माण की स्वीकृति पहले ही दी जा चुकी है।

 

 

उन्होंने सड़कों के किनारों को चौड़ा करने, जगह-जगह साइन बोर्ड लगाने और यात्रा मार्ग पर शौचालयों का निर्माण कराने के निर्देश भी दिए। महाराज के अनुसार हनोल महासू देवता मंदिर से लेकर ठडियार झूलापुल तक भूकटाव रोकने के कदम उठाने के निर्देश सिंचाई विभाग के अधिकारियों को दिए गए हैं। बैठक में पर्यटन विकास परिषद के एसीईओ अभिषेक रोहिला, वित्त नियंत्रक जगत सिंह चौहान, लोनिवि के प्रमुख अभियंता राजेश शर्मा समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

Uttarakhand-प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल में बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा, फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट किए गए जारी.

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दून अस्पताल में फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट जारी करने का मामला सामने आया है। एंटीरेट्रोवाइरल उपचार इकाई (एआरटी) में तैनात एक चिकित्सक ने फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट जारी किए हैं। इसमें एक वार्ड बॉय के संलिप्त होने की बात भी सामने आ रही है। अस्पताल प्रबंधन ने तत्काल प्रभाव से दोनों को हटा दिया है। मामले की जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

इस मामले का खुलासा तब हुआ जब एक मरीज का प्रमाण पत्र अस्पताल वापस आया और उसने प्रमाण पत्र को स्वीकार न किए जाने की बात कही। जब प्रमाण पत्र की जांच की गई तो पता चला कि अस्पताल के एआरटी इकाई में तैनात चिकित्सक ने यह प्रमाण पत्र जारी किया है। जानकारी के मुताबिक एक व्यक्ति ने पूर्व में पैसे देकर चिकित्सक से फिटनेस मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाया था। जहां पर उसको वह मेडिकल जमा करवाना था, वहां के अधिकारियों ने स्वीकार करने से इन्कार कर दिया और मेडिकल सही न होने की बात कही।

इसके बाद जब वह मेडिकल लेकर अस्पताल आया तो मेडिकल के फर्जी होने की बात सामने आई। चिकित्सक के साथ अस्पताल का ही एक वार्ड बॉय भी शामिल था। यह पूरा मामला प्रकाश में आने के बाद दोनों को एआरटी सेंटर से हटा दिया गया है। अस्पताल प्रबंधन मामले की उच्च स्तरीय जांच कराएगा।

दो महीने पहले ही चिकित्सक की एआरटी में की गई थी तैनाती-

अस्पताल प्रबंधन की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक चिकित्सक को नवंबर में ही दून मेडिकल कॉलेज के कम्यूनिटी मेडिसन से एआरटी सेंटर में तैनात किया गया था। पूर्व में एआरटी सेंटर में चिकित्सक न होने की वजह से संबंधित चिकित्सकों को यहां पर तैनात किया गया था। वे एचआईवी रोगियों की जांच कर रहे थे।

 

सिर्फ फैकल्टी को ही मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने का अधिकार-

राजकीय दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में सिर्फ फैकल्टी ही किसी भी प्रकार का मेडिकल सर्टिफिकेट जारी करने के लिए अधिकृत है। ऐसे में इस तरह के सर्टिफिकेट सामने आने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

ऐसे बनता है सही मेडिकल सर्टिफिकेट-

दून अस्पताल में लोग मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाने के लिए आते हैं। इसके लिए उन्हें सबसे पहले ओपीडी का पर्चा बनवाना पड़ता है। इसके बाद संबंधित व्यक्ति को अनिवार्य रूप से फिजिशियन और नेत्र रोग विशेषज्ञ को दिखाना पड़ता है। वहां आवश्यक जांच पूरी होने के बाद चिकित्सक ओपीडी पर्चे पर ही अपनी रिपोर्ट लिख देते हैं। यह प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही कोई भी व्यक्ति मेडिकल सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकता है।

फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने का मामला सामने आने के बाद संबंधित चिकित्सकों और वार्ड बॉय को एआरटी सेंटर से हटा दिया गया है। इस पूरे मामले की जांच की जा रही है। एआरटी सेंटर में जल्द ही नए चिकित्सक की तैनाती की जाएगी।

-डॉ. गीता जैन, प्राचार्य, दून मेडिकल काॅलेज

Kanwad Yatra 2024: हरिद्वार पहुंचे 4.4 करोड़ कांवड़िये, गंगाजल लेकर आज कर रहे जलाभिषेक।

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कल यानी बृहस्पतिवार को कांवड़ मेले का आखिरी दिन था और आज कावड़ियों ने शिवालयों में जलाभिषेक किया। आखिरी दिन पूरी रात डाक कांवड़ यात्री हरिद्वार से जलभर बाइकों और बड़े वाहनों से दौड़ते रहे। इस बार मेले में चार करोड़ चार लाख 40 हजार कांवड़ यात्री पहुंचे हैं।

प्रशासन ने बृहस्पतिवार की शाम छह बजे तक का यह आंकड़ा जारी किया है। पिछले साल चार करोड़ सात लाख कांवड़ यात्री हरिद्वार पहुंचे थे। 22 जुलाई से कांवड़ मेले का आगाज हुआ था। आज शुक्रवार को जलाभिषेक होगा। बृहस्पतिवार की शाम तक छह बजे धर्मनगरी में 77 लाख कांवड़ यात्रियों ने गंगाजल भरा और अपने गंतव्य की तरफ रवाना हो गए।

इस बार डाक कांवड़ यात्रियों का हुजूम अंतिम दिन ही उमड़ा। इससे पहले पैदल कांवड़ यात्री रवाना होते रहे। बृहस्पतिवार की रात से आसपास के जनपदों के यात्री गंगाजल भरकर रवाना होते रहे।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने बताया कि कांवड़ मेले में अब तक 4 करोड़ 4 लाख, 40 हजार कांवड़ी यात्री पहुंचे हैं। कांवड़ियों के तीन लाख 38 हजार 277 छोटे-बड़े वाहन गुरुवार को पहुंचे हैं। छह कांवड़ियों को डूबने से बचाया गया है जबकि तीन की मौत हुई है।

इन सालों में इतने कांवड़िये पहुंचे-

2015-1 करोड़ 95 लाख

2016-2 करोड़ 20 लाख

2017-3 करोड़ 70 लाख

2018-3 करोड़ 77 लाख

2019-3 करोड़ 30 लाख

2020-कोरोना के कारण स्थगित

2021-कोरोना के कारण स्थगित

2022-3 करोड़ 79 लाख

2023-4 करोड़ 07 लाख

 

PM Modi In Rishikesh: राम मंदिर से लेकर गंगा के अस्तित्व पर सवाल उठा रही कांग्रेस, जानिये क्या कुछ कहा पीएम मोदी ने, पढ़ें भाषण की बड़ी बातें।

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लोकसभा चुनाव प्रचार के सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज उत्तराखंड पहुंचे। इस दाैरान उन्होंने ऋषिकेश में जनसभा को संबोधित किया। पीएम मोदी की जनसभा में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। इस दाैरान मोदी-मोदी के नारे लगते रहे। यहां पीएम मोदी ने जहां एक तरफ सरकार के काम गिनाए, वहीं, कांग्रेस पर भी जमकर निशाना साधा। साथ ही कहा कि अगर विकसित भारत बनाना है तो कमल खिलाना होगा। वहीं, पीएम ने जनसभा में आए कार्यकर्ताओं से सवाल किया कि मेरा एक पर्सनल काम है, आप करोगे? उन्होंने कहा कि राम नवमी आने वाली है। गांव-गांव जाकर मेरी तरफ से देवता के आगे माथा टेक कर प्रणाम करना है। हर घर जाकर बड़े बुजुर्गों को कहना मोदी जी ऋषिकेश आए थे, उन्होंने आपको राम-राम भेजा है।

पीएम मोदी के भाषण की बड़ी बातें…

  • पीएम ने कहा कि कांग्रेस विकास और विरासत की विरोधी है।
  • कांग्रेस ने राम मंदिर का निमंत्रण अस्वीकार किया। अब ये लोग गंगा के अस्तित्व पर सवाल उठा रहे हैं।
  • तब सीमा पर विकास नहीं हो रहा था, आज सीमाओं पर सड़कें चकाचक बनी हैं
  • ‘मोदी कह रहा भ्रष्टाचार हटाओ, कांग्रेस कह रही भ्रष्टचारी बचाओ’: पीएम मोदी
  • तब सेना के पास अच्छे बूट तक नहीं होते थे, अब हम दुश्मनों को घर में घुसकर जवाब दे रहे।
  • पीएम ने कहा कि मोदी सरकार ना होती तो वन रैंक वन पेंशन कभी लागू ना होता।
  • भाजपा की नीयत सही है। जब नीयत सही होती है तो नतीजे भी सही मिलते हैं।
  • उत्तराखंड में हो रहे विकास में अब पलायन की जड़ें बीते दिनों की बात हो गई है।
  • हमनें देश में लूट को बंद किया। इसलिए उनका गुस्सा सातवें आसमान पर है।
  • पीएम ने कहा कि लोग कुछ भी कहें, मेरा भारत ही मेरा परिवार है।