भूमि घोटाला जांच के लिए हरिद्वार पहुंचे आईएएस अधिकारी, किया निरीक्षण, खुलेंगे राज!
नगर निगम हरिद्वार की ओर से भूमि खरीद में किए गए करोड़ों के घोटाले की परतें अब खुलने लगी हैं। शासन स्तर पर गंभीरता से लिए गए इस प्रकरण की जांच के लिए नियुक्त वरिष्ठ आईएएस अधिकारी रणवीर सिंह चौहान मंगलवार को जांच के सिलसिले में हरिद्वार पहुंचे।
उन्होंने जिला प्रशासन, एचआरडीए और नगर निगम के अधिकारियों के साथ सराय क्षेत्र में उस 33 बीघा भूमि का स्थलीय निरीक्षण किया, जिसे नगर निगम ने 54 करोड़ रुपये में खरीदा था। यह राशि नगर निगम को रिंग रोड परियोजना के तहत अधिग्रहित भूमि के बदले मुआवजे के रूप में मिली थी।
निगम निगम की ओर से क्रय की गई भूमि की वास्तविक कीमत मात्र 15 करोड़ रुपये थी, लेकिन लैंड यूज परिवर्तन और सर्किल रेट का अनुचित लाभ उठाकर इसे चार गुना अधिक मूल्य पर खरीदा गया। प्रारंभिक जांच में गड़बड़ियों के संकेत मिलने पर एक मई को नगर निगम के चार अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई हो चुकी है, जबकि इस पूरे प्रकरण में कई बड़े नाम भी जांच के दायरे में आ सकते हैं। मंगलवार को सराय क्षेत्र में स्थलीय निरीक्षण के लिए पहुंचे जांच अधिकारी रणवीर सिंह चौहान ने मौके पर भूमि के राजस्व अभिलेखों का अवलोकन भी किया।
इस मौके पर उनके साथ एचआरडीए सचिव मनीष सिंह और एसडीएम जितेंद्र कुमार सहित राजस्व के अधिकारी मौजूद रहे। जिसके बाद रणवीर सिंह चौहान डामकोठी पहुंचे, जहां इस जमीन से संबंधित पत्रावलियों की जांच की। निगम के कुछ अधिकारी कर्मचारियों के बयान भी दर्ज किए। जांच अधिकारी रणवीर सिंह चौहान ने स्पष्ट किया कि आवश्यक होने पर संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों के बयान भी दर्ज किए जाएंगे। शासन की ओर से इस जांच को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश हैं।
गौरतलब है कि यह पूरा मामला उस समय संदेह के घेरे में आया, जब भूमि की खरीद में सर्किल रेट और बाजार मूल्य के बीच भारी अंतर पर विशेषज्ञों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने सवाल उठाए। खास बात यह भी है कि जिस समय यह भूमि खरीदी गई, नगर निगम प्रत्यक्ष रूप से प्रशासनिक नियंत्रण में था और आईएएस अधिकारी वरुण चौधरी निगम नगर आयुक्त के पद पर कार्यरत थे।