Category Archive : राजनीति

विधायकों की सीएम आवास दौड़ से राजनीति का पारा चढ़ा

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रविवार को सीएम आवास की ओर एक के बाद एक कई विधायकों का काफिला कूच करते देखा गया।एकाएक विधायकों की सीएम से मुलाकात के बाद राजनीतिक उमस ने मौसम की उमस को पीछे छोड़ दिया।

सीएम धामी शनिवार की शाम ही दिल्ली से लौटे थे। और रविवार सुबह से ही लगभग आधा दर्जन विधायक सिलसिलेवार सीएम से मिलने पहुंचे। इनमें निर्दलीय विधायक संजय डोभाल भी शामिल रहे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से रविवार को विधायक सहदेव पुंडीर, खजान दास, सुरेश चौहान, भरत चौधरी, संजय डोभाल, अनिल नौटियाल, प्रीतम पंवार एवं अन्य जनप्रतिनिधियों ने शिष्टाचार भेंट की। और अकेले-अकेले भी गुफ्तगू की।
इस दौरान जनप्रतिनिधियों ने अपने-अपने क्षेत्रों की विभिन्न विकासपरक मांगों एवं स्थानीय समस्याओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया। लेकिन चर्चा कैबिनेट विस्तार को लेकर ज्यादा हुई।

मुख्यमंत्री ने सभी मांगों के शीघ्र समाधान हेतु सम्बन्धित विभागों को आवश्यक निर्देश देने का आश्वासन दिया। साथ ही उचित समय पर मंत्रिमंडल विस्तार के भी संकेत दिए।मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य जनता को त्वरित और पारदर्शी सेवाएँ उपलब्ध कराना है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी से समस्याओं का समाधान और विकास कार्य अधिक प्रभावी होंगे।

प्रदेश में हाल ही में आई प्राकृतिक आपदाओं का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने विधायकगणों से आग्रह किया कि वे प्रभावित क्षेत्रों का स्वयं भ्रमण कर जरूरतमंद परिवारों तक समयबद्ध सहायता पहुँचाने में सहयोग करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार सड़क संपर्क, स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन, पेयजल एवं ऊर्जा जैसे बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए लगातार प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड का संतुलित और सर्वांगीण विकास तभी संभव है जब जनप्रतिनिधि जनता की अपेक्षाओं को सरकार तक पहुँचाकर प्रदेश की प्रगति में सक्रिय भागीदारी निभाएँ।

भाजपा के सूत्रों ने विधायकों की सीएम आवास दौड़ पर कुछ तो नहीं कहा। अलबत्ता कुछ नये विधायकों को मौका देने और पुरानों की छुट्टी के संकेत अवश्य दिए। पार्टी का एक वर्ग श्राद्ध पक्ष के बाद फुल कैबिनेट फेरबदल को लेकर आश्वस्त नजर आ रहा है।

जॉर्ज एवरेस्ट पार्क घोटाले पर कांग्रेस का प्रदेशव्यापी प्रदर्शन

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मसूरी स्थित जॉर्ज एवरेस्ट पार्क को उत्तराखंड पर्यटन विभाग द्वारा आचार्य बालकृष्ण से जुड़ी कंपनी को मात्र एक करोड़ रुपये वार्षिक दर पर 15 साल के लिए लीज पर देने के खिलाफ कांग्रेस ने प्रदेशभर में प्रदर्शन कर राज्य सरकार का पुतला दहन किया। कांग्रेस ने ऐलान किया कि जब तक घोटाले की उच्च स्तरीय जांच की घोषणा नहीं होती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

राजधानी देहरादून में प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना और महानगर अध्यक्ष डॉ. जसविंदर सिंह गोगी के नेतृत्व में कांग्रेसजन मुख्यालय से रैली निकाल कर क्वालिटी चौक पहुंचे और सरकार का पुतला फूंका।

धस्माना ने कहा कि यह घोटाला तीस से पचास हजार करोड़ रुपये तक का है, जिसने अब तक के भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। उन्होंने मांग की कि जांच हाई कोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में हो। धस्माना ने आरोप लगाया कि टेंडर प्रक्रिया में भारी अनियमितताएँ हुईं, न तो ग्लोबल टेंडर हुआ और न ही प्रमुख समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित किया गया। बालकृष्ण से जुड़ी कई कंपनियों ने सांठगांठ कर यह महाघोटाला किया।

महानगर अध्यक्ष डॉ. जसविंदर सिंह गोगी ने कहा कि पेपर लीक, भर्ती, खनन और शराब घोटाले के बाद अब यह नया महाघोटाला साबित करता है कि सरकार आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी है। कांग्रेस जनता को इस भ्रष्टाचारी सरकार से मुक्ति दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।

प्रदर्शन व पुतला दहन कार्यक्रम में प्रदेश श्रम प्रकोष्ठ अध्यक्ष दिनेश कौशल, प्रदेश महामंत्री जगदीश धीमान, मनीष नागपाल, आलोक मेहता, विपुल नौटियाल, अमर मेहता, कर्नल राम रतन नेगी, कैप्टेन सुबन सिंह सजवान समेत बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे।

भाजपा में बढ़ा कुमाऊं के नेताओं का कद, प्रदेश कार्यकारिणि में 17 को मिली जगह

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भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी में कुमाऊं का कद बढ़ा है। नैनीताल जिले के छह नेताओं समेत कुल 17 लोगों को प्रदेश स्तर की जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्रदेश महामंत्री रहे राजेंद्र सिंह बिष्ट को अब प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया है। पूर्व दर्जा राज्य मंत्री तरुण बंसल प्रदेश महामंत्री, साकेत अग्रवाल प्रदेश सह कोषाध्यक्ष, कौस्तुभानंद जोशी को प्रदेश प्रकोष्ठ संयोजक और प्रदीप जनौटी को प्रदेश मीडिया सह संयोजक की जिम्मेदारी मिली है। रुद्रपुर के तीन, काशीपुर के दो, पिथौरागढ़ के तीन और चंपावत, बागेश्वर व अल्मोड़ा के एक-एक नेता को टीम में शामिल किया गया है। नई जिम्मेदारी मिलने पर नेताओं का कहना है कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी की मजबूती पर जोर दिया जाएगा।

पार्टी के लिए मेरा 35 वर्षों का त्याग: राजेंद्र
प्रदेश उपाध्यक्ष बने राजेंद्र सिंह बिष्ट का कहना है कि पार्टी के लिए उनका 35 वर्षों का त्याग है। उनकी पार्टी में परिश्रम करने वाले लोगों को कभी नजरअंदाज नहीं किया जाता है। प्रदेश नेतृत्व ने उनके ऊपर जो भरोसा किया है उस पर वह खरे उतरेंगे और आगामी 2027 के चुनाव के लिए मजबूती से काम करेंगे।

भाजपा मेरा परिवार: बंसल
प्रदेश महामंत्री तरुण बंसल का कहना है कि भाजपा उनका परिवार है। परिवार के सदस्य के तौर पर उन्हें जो जिम्मेदारी मिली है उससे वह बेहद खुश हैं। संगठन की मजबूती के लिए जमीन पर उतरकर काम किया जाएगा।

प्रदेश नेतृत्व का आभार
प्रदेश सह कोषाध्यक्ष साकेत अग्रवाल ने बड़ी जिम्मेदारी मिलने पर प्रदेश नेतृत्व का आभार जताया है। उनका कहना है कि उनके समर्पण और त्याग को देखकर प्रदेश नेतृत्व न उन पर भरोसा जताया है। वह पार्टी के लिए संघर्ष करते रहेंगे।

महेंद्र बने किसान मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष
भाजपा की नई प्रदेश टीम में नैनीताल जिले के चोपड़ा, ज्योलिकोट निवासी महेंद्र सिंह नेगी को अहम जिम्मेदारी मिली है। उन्हें किसान मोर्चे का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। इससे पहले नेगी दो बार भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश महामंत्री रह चुके हैं।

बीजेपी नेता मेनका गांधी ने वन महकमे की भूमिका पर उठाए सवाल, मुख्यमंत्री धामी को लिखा पत्र

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रुड़की के ग्राम खंजरपुर में अवैध रूप से संचालित सर्प विष संग्रहण केंद्र के मामले में सांसद व पीपल फाॅर एनिमल संस्था की संस्थापक एवं पूर्व सांसद मेनका गांधी ने वन महकमे की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, एडीजी विजिलेंस को पत्र लिखा है। उन्होंने मामले में हरिद्वार डीएफओ, एसडीओ को निलंबित करने के साथ ही विभाग से हटाने को भी कहा है।

 

मामले में शासन ने प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव से आख्या मांगी है। 10 सितंबर को रुड़की में वन विभाग की टीम ने छापा मारकर 70 कोबरा और 16 रसल वाइपर कब्जे में लिए थे। इस सेंटर के संचालन की अनुमति दिसंबर 2023 में समाप्त हो चुकी थी। इस मामले में सांसद मेनका गांधी ने जो पत्र भेजा है, उसमें कहा है कि सेंटर के बारे में पूर्व में हरिद्वार वन प्रभाग के डीएफओ, एसडीओ को सूचना दी गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।

संग्रहण केंद्र संचालक वेनम और उससे जुड़े अभिलेखों के साथ फरार हो गया। पत्र में कहा कि यह कोई छोटा मामला नहीं है। यह वन विभाग में अत्यधिक भ्रष्टाचार का मामला है। उन्होंने संचालक के साथ मिलीभगत का आरोप लगाते हुए डीएफओ, एसडीओ को निलंबित करने की मांग की है। इसके अलावा डीएफओ की संपत्ति की जांच की भी मांग की है।

राज्य की आपदा के लिए 1200 करोड़ की राहत राशि निराशाजनक – कांग्रेस

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उत्तराखंड कांग्रेस मुख्यालय में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत एवं केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्य पूर्व अध्यक्ष पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि आज राज्य में दैवीय आपदा से व्यापक स्तर पर जनहानि के साथ-साथ धन हानि भी हुई है।
बीते रोज देश के प्रधानमंत्री उत्तराखंड राज्य आए तो हमें यह अपेक्षा थी कि राज्य सरकार ने जो 5702 करोड़ का प्रस्ताव आपदा में हुए नुकसान को लेकर उनके सम्मुख रखा है वह उसका मान रखते हुए उसे स्वीकार करेंगे लेकिन बड़े खेद का विषय है कि उन्होंने राज्य में आई इतनी भीषण आपदा के लिए राहत राशि के तौर पर मात्र 1200 करोड़ की घोषणा की जो कि बहुत ही निराशाजनक है। प्रीतम सिंह ने कहा कि राज्य में 2013 की दैवीय आपदा जब आई थी तो कांग्रेस की गठबंधन सरकार केंद्र और राज्य में भी कांग्रेस की सरकार थी उस वक्त हमने दैवीय आपदा के मानकों में व्यापक स्तर पर परिवर्तन किए थे। उसी का नतीजा था कि हम आपदा प्रभावितों का पुनर्वास और विस्थापन करने में सफल हो पाए और आपदा को काबू कर पाए। इस वक्त जो केंद्र सरकार से उत्तराखंड राज्य में आपदा आई है उसके लिए जो धनराशि आवंटित की गई है वह नाकाफी है और राज्य सरकार से हमारी यह अपेक्षा रहेगी कि वह मजबूत पैरवी करके जो क्षति राज्य को आपदा से हुई है उसकी प्रतिपूर्ति करेगी। प्रीतम सिंह ने यह भी कहा की मलिन बस्तियों को उजाड़ने का जिस तरह से षड्यंत्रकारी काम एलिवेटेड रोड के नाम से राज्य सरकार द्वारा उठाए जा रहा है हम उसका भी विरोध करते हैं। जब भी मलिन बस्तियों पर कोई विपत्ति आई है तो कांग्रेस ने हमेशा उनके साथ खड़े होने का काम किया है। हमारी सरकार में 582 मलिन बस्तियों को चिन्हित करने का काम किया गया था और उनको मालिकाना हक देने का काम प्रगति पर था। हमने उन्हें संरक्षण देने का भी वादा किया था और यह एक्ट विधानसभा से पारित है और जिस तरह का आज का राज्य सरकार का रवैया और कृत्य है हम उसका पुरजोर शब्दों में निंदा करते और भर्त्सना करते हैं।

 

 

आपदा पीड़ितों को किया निराश- पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत 

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने संबोधित करते हुए कहा कि सब ही की प्रधान मंत्री से बड़ी अपेक्षा थी कि कम से कम राज्य सरकार द्वारा जो आंकलन क्षति का दिया गया है उसके सापेक्ष पर्याप्त धनराशि राज्य को उपलब्ध कराएंगे।परंतु जो धनराशि घोषित की गई है उसने राज्यवासियों को भी और आपदा पीड़ितों को भी निराश किया है,उनकी जो आकांक्षाएं और अपेक्षाएं पुनर्वास और पुनर्निमाण की थी उसको झटका लगा है।रावत ने कहा कि हम ये सोच रहे थे कि देश के प्रधानमंत्री इन हिमालय क्षेत्रों में आ रही आपदाओं को कैसे कम किया जाए और कैसे सामना किया जाए इस पर कोई राष्ट्रीय नीति की घोषणा करेंगे या कम से कम नीति बनाने का संकेत देंगे।बादल फटना,ग्लेशियर पिघलना इन सब पर बहुत कुछ कहा जा चुका है।मूल समस्या ये नहीं कि हमने अत्यधिक पेड़ काट दिए या सड़के बना दि, यदि ऐसा होता तो राज्य के जो भूभाग 70% वनआच्छादित हैं वहां बादल नहीं फटते।मध्य उच्च हिमालई क्षेत्रों में यह घटनाएं सर्वाधिक हो रही हैं और इसका दुष्प्रभाव सभी क्षेत्रों पर पड़ रहा है जिसमें हमारे मैदानी भाबर के क्षेत्र भी शामिल है, और यह लंबे समय से हो रहा है।

 

हमारा जनजीवन अस्त व्यस्त, प्रधानमंत्री  ने इस पर कोई चिंता नहीं की जाहिर 

प्रधानमंत्री जी कई बार यहां आए और उन्होंने इस पावन धरती पर दो-तीन बार तप भी किया लेकिन इस महत्वपूर्ण विषय पर की जलवायु परिवर्तन का जो मध्य हिमालय क्षेत्रों में जो व्यापक स्तर पड़ रहा है हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड उसका सामना करने के लिए प्रधानमंत्री कोई राष्ट्रीय रणनीति पर कुछ बोलकर नहीं गए।रावत ने कहा कि या तो राज्य सरकार अपने प्रतिवेदन में इस बात को रख नहीं पाई या फिर प्रधानमंत्री ने उनकी सुनी नहीं। उन्होंने कहा कि ये हतप्रभ करने वाला है कि प्रधानमंत्री जी इतने सारे आपदा ग्रस्त क्षेत्र में गए लेकिन आपदा का जो सबसे प्रभावी कारण है जिसकी वजह से मध्यहिमालयी क्षेत्र आहत हो रहा है बड़ी-बड़ी आपदाएं आ रही हैं हमारा जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है हमारे हिमालय क्षेत्र में रह रहे लोगों की आजीविका में इसका गहरा असर हो रहा है हमारी संस्कृति इत्यादि सब प्रभावित हो रहे हैं यह बड़ा दुख का विषय है कि प्रधानमंत्री  ने इस पर कोई चिंता जाहिर नहीं की। और तो और उन्होंने इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों को कोई रास्ता, कोई मार्गदर्शन नहीं दिखाया कि इसका सामना कैसे किया जाए ?इसका हमें अत्यंत दुख है। रावत ने कहा कि जब केंद्र में यूपीए के समय में जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए जो 8 मिशन लागू किए गए थे उसमें से एक मिशन मध्य हिमालय क्षेत्र के लिए भी था लेकिन आज उस मिशन के विषय में कई वर्षों से कुछ भी सुनाई नहीं दे रहा है, उस विषय में कोई भी प्रगति दिखाई नहीं पड़ती। यहां पंडित नेहरू महावीर त्यागी इंदिरा गांधी जी की कृपा से देश के सारे नामचीन संस्थान है जो इस पर शोध कर सकते हैं हमारा मार्गदर्शन कर सकते हैं और इस पर रणनीति तैयार कर सकते हैं लेकिन उनका केंद्र सरकार से कोई कोऑर्डिनेशन या समन्वय हो रहा है इस विषय में भी में भी कुछ नहीं हो रहा, यह चिंता का विषय है।

 

 

भविष्य में ऐसी आपदा की पुनरावृत्ति ना हो,रणनीति बनाई जानी चाहिए

रावत ने कहा कि हम अपनी सरकार में कैबिनेट कमेटी के समक्ष गए थे ,कैबिनेट सेक्रेटरी की अध्यक्षता वाली कमेटी के समक्ष हमने यह बात रखी थी और हमने यह कहा था कि केवल केदार आपदा नहीं इस आपदा के जो कारण है उसके लिए भी कोई रणनीति बनाई जानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी आपदा की पुनरावृत्ति ना हो,शोध होना चाहिए जिसमें खेती के पैटर्न से लेकर भवन निर्माण तक हर चीज को लेकर रणनीति बने ऐसी हमारी अपेक्षा थी। केंद्र सरकार को आगे आना चाहिए और इस पर कोई रणनीति तैयार करनी चाहिए उसके लिए जो भी संस्थान और शोध की जरूरत है वह उत्तराखंड के पास उपलब्ध है। हर बार हमारे ऊपर कुछ आक्षेप थोप दिए जाएं वह ठीक बात नहीं है यह बात सही है कि पेड़ों का अंधा धुंध कटान हो रहा है, हमारे समय पर अपनी सरकार में पीएमजीएसवाई के अंतर्गत हमने यह फैसला लिया था कि सड़कों के निर्माण में जो मलबा होगा उसे डंपिंग जोन में निस्तारित किया जाएगा लेकिन आज की तारीख में सड़के काटी जा रही हैं मलवा नीचे को लुड़का दिया जा रहा है। चार धाम सुधार मार्ग को नाम बदलकर ऑल वेदर रोड कर दिया गया लेकिन वहां भी पॉलिसी यही अपनाई गई पहाड़ों को विस्फोटको के जरिए तोड़ा गया राज्य सरकार को इसका संज्ञान लेना चाहिए की सड़क बनाने का यह तरीका ठीक नहीं है। आपदा प्रभावितों से मिलकर आंखें तो सबकी नम हो जा रही हैं लेकिन उनके पुनर्वास उनकी आजीविका इत्यादि का क्या होगा इस पर चुप्पी है।

 

भटवाड़ी हर्षिल थराली सब जगह लोगों के खेत खलिहान बाग बगीचे होमस्टे सब नष्ट हो गए वह कर्ज में डूबे हुए हैं उनकी रातों की नींद उड़ी हुई है राज्य सरकार को चाहिए कि सबसे पहले उनका कर्ज माफ करें दूसरे चरण में उनकी क्षति का आकलन करके उनकी आजीविका को पुनर्जीवित किया जाना चाहिए जिस रूप में थी यदि इस रूप में पुनर्जीवित किया जाए तो बेहतर होगा। जिनके ऊपर खतरे की तलवार लटक रही है उनके लिए भी कुछ किया जाना जरूरी है। लोगों के घर में दरारें आई हुई हैं और यदि एक झटका और आया तो वह सब भी बर्बादी के कगार पर होंगे। हमने अपने समय पर बड़े-बड़े लैंडलॉर्ड से कानूनी रूप से जमीने लीं और उसमें लोगों को पुनर्वासित करने का काम किया मैंने स्वयं दूरभाष पर मुख्यमंत्री से बात करके कुछ सुझाव उन्हें लोगों को पुनर्वासित करने के दिए हैं और उन्होंने मुझे आश्वस्त किया है कि वह ऐसा करेंगे। 2013 की दैवीय आपदा को आप आज की आपदा से तुलना नहीं कर सकते। 2013 में हमने लोगों को यदि 5 लाख दिए तो आप आज 12 साल बाद भी 5 लाख पर अटके हुए हैं? आप प्रीतम युग के आपदा मानकों पर क्यों चल रहे हैं? कॉस्ट आफ कंस्ट्रक्शन बढ़ गया है, हर चीज की कीमतों में बढ़ोतरी हो गई है तो फिर राहत राशि भी धामी युग या डबल इंजन की तर्ज पर होनी चाहिए। 12 साल पहले आपदा के जो मानक थे उन् मानकों से आप आज लॉस की कास्ट नहीं निर्धारित कर सकते। आपदा के मानक हमारे क्षेत्र के पर्यावरणीय स्थिति को मध्य नजर रखते हुए होने चाहिए, 16 गांव है जिनका नाम सोल गांव पट्टी है सारे रास्ते उनके कट गए हैं केवल एक हेलीकॉप्टर से वहां अभी तक राहत/राशन पहुंचा है। हरीश रावत ने कहा कि कई क्षेत्रों में सहायता राशि जो ₹5 लाख की धनराशि है वो मेरे पहुंचने तक वितरित नहीं की गई थी।

 

 

मलिन बस्तियों के लोगों को उनके मालिकाना हक दें-रावत

रावत ने प्रेस वार्ता के दूसरे मुद्दे पर बात करते हुए कहा कि हमने अपनी सरकार में एक मलिन बस्तियों के लिए समिति बनाई जिसका अध्यक्ष पूर्व विधायक राजकुमार को बनाया ।हमने उनसे सर्वे करने को कहा कि कितनी मलिन बस्तियां हैं और कितने लोग उसमें रह रहे हैं, उनको आईडेंटिफाई कीजिए और हम विधानसभा में कानून बनाकर के गए जिसमें मलिन बस्तियों को नियमित किया गया तो आज यह सरकार एलिवेटेड रोड के नाम से एक अध्यादेश लाकर राज्य के उस कानून को खत्म नहीं कर सकती। राज्य की विधानसभा, उसका लेजिस्लेचर यदि कोई कानून बनाता है, एक्ट लागू करता है उसे धामी सरकार एक ऑर्डिनेंस से सरपास करना चाहती है?भाजपा सरकार एक असंवैधानिक कार्य कर रही है क्योंकि विधानसभा ने पारित करके एक एक्ट लागू किया है उसको ऑर्डिनेंस सप्लीमेंट नहीं कर सकता। पहले आप वह लागू करो जो हमारे विधानसभा ने पारित किया उसके बाद आपको एलिवेटेड रोड बनानी है या कुछ और बनाना है बनाते रहिए लेकिन जो लाल निशान का आतंक आपने मलिन बस्तियों में दहशतगर्दी का माहौल खड़ा कर दिया है उसे बंद करो। आज की तारीख में कोई भी छोटा अधिकारी मलिन बस्ती में जा रहा है और उगाही कर रहा है ,डरा रहा है, धमका रहा है कि माल लाओ नहीं तो लाल निशान लगा दूंगा। सारी मलिन बस्तियां इस लाल आतंक से त्रस्त हैं। हमारे विधानसभा के द्वारा जो एक्ट पास हुआ है उसको लागू करें और मलिन बस्तियों के लोगों को उनके मालिकाना हक दें, उनके अधिकारों का संरक्षण दें नहीं तो हमने यह फैसला किया है कि हम मिलकर राज्य सरकार के खिलाफ एक बड़ा प्रदर्शन करेंगे

उत्तराखंड को मिले 20,000 करोड़ की आर्थिक सहायता, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने की केंद्र सरकार से मांग

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उत्तराखंड में आयी आपदाओं से उबरने के लिए उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने प्रधानमंत्री से उत्तराखंड के लिए ₹20,000 करोड़ का विशेष राहत पैकेज देने की मांग की,साथ ही उन्होंने  भविष्य की चुनौतियों के लिए विशेषज्ञ टीमों की तैनाती, और 5 सितंबर को लिखे पत्र में रखी गई प्रमुख मांगों को फिर से दोहराया।

Uttarakhand Congress President Karan Mahara attacked Dhami government fiercely cornered it on these issues उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष करण माहरा का धामी सरकार पर हमला, इन मुद्दों पर जमकर ...

माहरा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अलग और विशेष राहत पैकेज जारी करने की मांग करते हुए कहा कि पहले उन्होंने ₹10,000 करोड़ की सहायता का आग्रह किया था, लेकिन हालात की गंभीरता को देखते हुए अब यह राशि अपर्याप्त है। धामी सरकार ने केन्द्र से केवल ₹5,700 करोड़ मांगे हैं, जबकि अकेले जोशीमठ के पुनर्निर्माण में लगभग ₹6,000 करोड़ की आवश्यकता है। उन्होंने पिछले वर्ष की जोशीमठ आपदा का उल्लेख करते हुए कहा कि इतनी बड़ी राशि सिर्फ एक क्षेत्र के लिए ही जरूरी है।

जोशीमठ आपदा को लेकर सामने आई जांच रिपोर्ट, जानिए वैज्ञानिकों ने किसे बताया जिम्मेदार - NTPC tunnel responsible for Joshimath crisis Shri Dev Suman Uttarakhand University scientists ...

माहरा ने राज्य के अन्य आपदा प्रभावित इलाकों का भी जिक्र किया, जहां लोगों को अभी तक कोई राहत नहीं मिली है,उनका कहना है कि कर्णप्रयाग के बहुगुणा ग्राम में 35 मकान क्षतिग्रस्त हुए, लेकिन प्रभावित परिवारों को अभी तक सहायता नहीं मिली।जबकि गोपेश्वर और नैनीताल (बलिया नाला क्षेत्र) में लगातार भूस्खलन हो रहे हैं।इसके आलावा कुमाऊं के खटिया, खाती गांव, भराड़ी, सौंग और धारचूला जैसे क्षेत्रों में भी आपदाएं आईं, पर अब तक उनके पास कोई आर्थिक मदद नहीं पहुंची है.

कांग्रेस प्रदेश का कहना है कि  उत्तराखंड को कम से कम ₹20,000 करोड़ की आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए, ताकि गांवों का पुनर्निर्माण हो सके। माहरा ने कहा कि आकलन के लिए टीम भेजने के बजाय केन्द्र और राज्य सरकार को वैज्ञानिकों, भूवैज्ञानिकों और विशेषज्ञों की टीमें भेजनी चाहिए। ये टीमें आने वाले समय में संभावित आपदाओं का आकलन कर उत्तराखंड को तैयार करने की ठोस रूपरेखा प्रस्तुत कर सकती हैं।

 

इससे पहले भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 5 सितंबर को लिखे पत्र में माहरा ने कहा कि लगातार भारी बारिश से राज्य के सभी पर्वतीय जिलों में जानमाल की बड़ी क्षति हुई है। बादल फटने की घटनाओं ने कई जगह जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। उत्तरकाशी, चमोली, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और पौड़ी जिलों में हालात बेहद गंभीर हैं।
उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन विभाग ने IIRS की चेतावनियों को नजरअंदाज किया, जिससे यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार का आपदा प्रबंधन तंत्र प्रभावी ढंग से काम नहीं कर पाया। भारी बारिश और आपदाओं में मारे गए, लापता और घायल लोगों की सही संख्या अभी तक सामने नहीं आई है।

 

करन माहरा ने प्रधानमंत्री को लिखे गए पत्र में अपनी रखी गयी प्रमुख बातो को फिर से दोहराया, 

मुख्य मांगें- 

1. उत्तराखंड की मौजूदा आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए।

2. केन्द्र सरकार शीघ्र उत्तराखंड को ₹20,000 करोड़ का राहत पैकेज दे।

3. प्रत्येक आपदा पीड़ित परिवार को केन्द्र और राज्य सरकार से ₹10-10 लाख की तात्कालिक सहायता दी जाए।

4. क्षतिग्रस्त मकानों और भवनों का आंकलन कर उचित मुआवजा दिया जाए।

5. प्रभावित लोगों का विस्थापन टिहरी बांध विस्थापितों की तरह सुरक्षित स्थानों पर एकमुश्त किया जाए।

 

कांग्रेस पार्टी का कहना है कि केन्द्र सरकार को उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों की जनता की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इन बिंदुओं पर तत्काल निर्णय लेना चाहिए। करन माहरा ने केन्द्र और राज्य सरकार से आग्रह किया कि इन मांगों को प्राथमिकता दी जाए, ताकि आपदा पीड़ितों को वास्तविक राहत मिल सके और राज्य भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हो सके।

कानून-व्यवस्था, सड़क सुधार पर मुख्यमंत्री धामी ने उच्च स्तरीय बैठक में दिए कड़े निर्देश

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 मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय में उच्च स्तरीय बैठक कर राज्य की कानून-व्यवस्था, सड़कों की स्थिति, सेवा पखवाड़ा एवं अन्य जनहित से जुड़े विषयों की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि जनता को सुगम, सुरक्षित एवं पारदर्शी व्यवस्था उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कानून-व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए। सभी संवेदनशील स्थानों पर सीसीटीवी निगरानी, राज्य सीमाओं पर सघन चेकिंग और पुलिस की रात्रिकालीन गश्त को और प्रभावी बनाने के निर्देश दिए गए।

बरसात के बाद सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के लिए विशेष अभियान चलाने और इसके लिए निविदा प्रक्रिया समय पर पूर्ण करने के भी निर्देश दिए गए।

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर गांधी जयंती तक प्रदेशभर में सेवा पखवाड़ा आयोजित किया जाएगा। इस अवधि में सभी जनपदों में सेवा, जनजागरूकता और जनहित से जुड़े कार्यक्रम होंगे। प्रत्येक जिले के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर समयबद्ध रूप से लागू करने के निर्देश भी दिए गए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वे स्वयं सड़क मार्ग से विभिन्न जिलों का भ्रमण कर व्यवस्थाओं का प्रत्यक्ष जायजा लेंगे।

रेत मिश्रित नमक की शिकायत पर उन्होंने तत्काल जांच कराने के निर्देश दिए और कहा कि दोषी पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

 

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महिला अपराधों पर कांग्रेस में उबाल, महिला कांग्रेस ने गोबर गोमूत्र से किया भाजपा मुख्यालय का शुद्धिकरण

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प्रदेश में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध की रिपोर्ट सार्वजनिक होने पर प्रदेश महिला कांग्रेस ने भाजपा कार्यालय कूच किया। प्रदेश अध्यक्ष ज्योति रौतेला के साथ कांग्रेसी बलवीर रोड स्थित भाजपा कार्यालय का घेराव करने पहुंचे।पुलिस ने बैरिकेडिंग कर प्रदर्शनकारियों को रोक दिया। कांग्रेसियों ने इस दौरान जमकर नारेबाजी की। महिला कांग्रेस कार्यकर्ता वहीं पर धरने पर बैठ गईं। कांग्रेस ने प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों की बात कहते हुए भाजपा पर हमला बोला। इस दौरान पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत भी प्रदर्शन में शामिल हुए। उन्होंने भी भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। हंगामे के दौरान पुलिस ने महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ज्योति रौतेला सहित पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत और अन्य कांग्रेसियों को गिरफ्तार कर लिया। जिनको बाद में रिहा किया गया।

कांग्रेस अध्यक्ष ज्योति रौतेला के नेतृत्व में महिला कांग्रेस ने बलबीर रोड स्थित भाजपा कार्यालय का घेराव किया और गौमूत्र व गोबर से भाजपा कार्यालय का शुद्धिकरण किया।इस दौरान सड़कों पर घण्टों हंगामा होता रहा और कॉंग्रेस नेताओं ने जमकर नारेबाजी की। कॉंग्रेस अध्यक्ष ज्योति रौतेला और प्रदेश की महिला कॉंग्रेस ब्रिगेड ने पुलिस की किलेबन्दी को तोड़ते हुए बैरिकेडिंग पर चढ़कर घण्टों प्रदर्शन किया।

मीडिया से बात करते हुए अध्यक्ष ज्योति रौतेला ने कहा कि “आज भाजपा कार्यालय का गौमूत्र और गोबर से शुद्धिकरण करना हमारी मजबूरी थी। जब NARI 2025 रिपोर्ट देहरादून को देश के सबसे असुरक्षित शहरों में गिनाती है और NCRB के आँकड़े बताते हैं कि उत्तराखंड में महिलाओं पर अत्याचार हर साल बढ़ रहे हैं, तो सवाल उठाना ही होगा।

दिन में 70% महिलाएँ खुद को सुरक्षित मानती हैं लेकिन रात में यह भरोसा केवल 44% रह जाता है। 50% महिलाएँ सार्वजनिक परिवहन में उत्पीड़न झेल चुकी हैं और केवल 25% को ही पुलिस पर भरोसा है। 2022 में 4,337 मामले दर्ज हुए, जिनमें 867 बलात्कार और 637 बच्चों के खिलाफ यौन अपराध थे। क्या यह बेटियों के लिए सुरक्षित माहौल है? भाजपा सरकार आँकड़े छिपाकर पीठ थपथपा रही है, जबकि महिलाएँ त्रस्त हैं। हमारा यह प्रतीकात्मक शुद्धिकरण भाजपा सरकार और प्रशासन को जगाने का प्रयास है।”

भाजपा मुख्यालय के करीब पुलिस ने सख्त बैरिकेडिंग लगा दी थी लेकिन कॉंग्रेस का जोश हाई नजर आया सुबह तय समय पर कॉंग्रेस के सैकड़ों कार्यकर्ता और दिग्गज नेताओं का जुटना शुरू हो गया था जो धीरे धीरे बड़े रैली के रूप में तब्दील हो गया और पूरा हुजूम बलबीर रोड स्थित भाजपा मुख्यालय की तरफ बढ़ने लगा जिसका नेतृत्व खुद ज्योति रौतेला कर रही थी…

 

इस विरोध प्रदर्शन में शामिल पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि “भाजपा सरकार महिलाओं के प्रति असंवेदनशील है। आये दिन उत्पीड़न की घटनाओं में भाजपा के मंत्री, विधायक और कार्यकर्ताओं का नाम आता है लेकिन मुख्यमंत्री धाकड़ धामी सिर्फ अपनी पीठ थपथपाने में लगे रहते हैं।”

 

महिला कॉंग्रेस अध्यक्ष ने जारी किया रिपोर्ट कार्ड —

•   NARI 2025 रिपोर्ट के अनुसार देहरादून देश के शीर्ष 10 असुरक्षित शहरों में शामिल है।
•   सुरक्षा स्कोर: 60.6% (राष्ट्रीय औसत 64.6%)
•   दिन में सुरक्षित महसूस करने वाली महिलाएँ: 70%
•   रात में सुरक्षित महसूस करने वाली महिलाएँ: 44%
•   सार्वजनिक परिवहन में उत्पीड़न झेलने वाली महिलाएँ: 50%
•   पुलिस में भरोसा रखने वाली महिलाएँ: केवल 25%
•   NCRB 2022 रिपोर्ट के अनुसार:
•   उत्तराखंड में महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 4,337 मामले दर्ज हुए।
•   इनमें से 867 बलात्कार और 637 बाल यौन शोषण (POCSO) के मामले शामिल हैं।
•   यह आँकड़ा 2021 से 907 मामले अधिक है।
•   राष्ट्रीय स्तर पर 2020 से 2022 के बीच महिलाओं के खिलाफ अपराध की दर में 12.9% की वृद्धि हुई है (58.8 से बढ़कर 66.4 प्रति लाख महिलाएँ)।

उत्तराखंड मे आपदा का प्रकोप जारी, मुख्यमंत्री धामी लगातार आपदा प्रबंधन में जुटे

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आपदा का प्रकोप जारी है, प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश की चिंता न कर जहां एक तरफ कई भाजपाई नेता बयानबाज़ी और एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का खेल खेलने में व्यस्त हैं तो वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में दौरा कर पीड़ितों का हाल जानने के लिए मौके पर पहुंच रहे हैं .

इसी क्रम में पहाड़ का दौरा कर लौटे धामी हरिद्वार के लक्सर क्षेत्र में ट्रैक्टर के जरिए पहुंच स्थलीय निरीक्षण कर आपदा प्रभावितों को कोई तकलीफ न हो , और भारी बारिश से उत्पन्न हालात पर जल्द से जल्द काबू पाया जा सके ,उसके निर्देश दे कार्यों को गति मिले इसके लिए सख्त तेवर में आदेश जारी किए ..

 

गौरतलंत है कि राज्य में जारी भारी बारिश और प्राकृतिक आपदा के चलते स्थिति काफी विकट बनी हुई है ,पहाड़ से मैदान तक कई जगह पर लोग भारी परेशानी का सामना कर रहे हैं ,

ऐसे में खुद मुख्यमंत्री के मौके पर पहुंचने से जिले के तमाम अधिकारियों के कार्यों में तत्परता आना स्वाभाविक है ,

हरिद्वार जिले के लक्सर आपदा प्रभावित जलमग्न क्षेत्र में पहुंच मुख्यमंत्री धामी ने प्रभावित परिवारों से बात कर उनकी समस्या का तुरंत निवारण करने के आदेश भी मौके पर ही जारी किए .

अधिकारियों को निर्देश देते हुए धामी ने साफ लफ्जों में जिला प्रशासन एवं आपदा प्रबंधन अधिकारियों को तत्काल राहत और पुनर्वास कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रभावित लोगों की सुरक्षा, आवास, भोजन और स्वास्थ्य सुविधाओं की सुनिश्चित व्यवस्था की जाए और राहत कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए

मुख्यमंत्री धामी ने कहा की राज्य सरकार इस संकट की घड़ी में हर प्रभावित नागरिक के साथ खड़ी है। हम हर संभव सहायता उपलब्ध कराएँगे, हम इस समय सिर्फ बचाव कार्यों को प्राथमिकता दे रहे हैं। ताकि जनहानि से बचा जा सके ,
प्रदेश सरकार पूरी तरह से कटिबद्ध है कि आपदा से प्रभावित प्रत्येक परिवार को सरकार की ओर से यथासंभव सहायता सुनिश्चित हो …

 

 

हरसंभव मदद होगी मुहैया – पुष्कर सिंह धामी

मुख्यमंत्री धामी ने स्थलीय निरीक्षण के दौरान लक्सर हरिद्वार के गावों में जाकर जलभराव, क्षतिग्रस्त सड़कें, टूटे हुए पुल एवं जल से घिरे घरों का जायज़ा लिया। इस दौरान उन्होंने आपदा प्रभावित परिवारों से बातचीत करते हुए उनकी ज़रूरतों की जानकारी ली और आश्वस्त किया कि राहत कार्यों में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।

लापरवाह अधिकारियों पर होगी कड़ी कार्यवाही –

जिला प्रशासन को निर्देश देते हुए धामी ने कहा कि
राहत शिविरों की पर्याप्त व्यवस्था और उनमें समुचित भोजन, पानी, दवाइयाँ एवं साफ-सफाई की व्यवस्था की गई है ,
जिन परिवारों को स्थानांतरित करने की आवश्यकता है, उन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेजा जाएगा ,
किसानों को हुई फसल क्षति का त्वरित आंकलन कर मुआवजा प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी ,
आवश्यकतानुसार स्वास्थ्य शिविर लगाकर चिकित्सा सुविधाएं सुनिश्चित की गई हैं .. इसमें लापरवाही बरतने वाले अफसरों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी .

कांग्रेस मुख्यालय पर भाजपाइयों का धावा, कांग्रेसियों ने ललकारा,एक घंटे तक गूंजते रहे नारे

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सोमवार की दोपहर साढ़े तीन बजे उस समय तनावपूर्ण माहौल बन गया जब भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन पर अचानक धावा बोल दिया। लाठी-डंडों से लैस भाजपाइयों ने कांग्रेस और राहुल गांधी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

इस बीच कांग्रेस मुख्यालय में मौजूद कार्यकर्ता भी भड़क उठे और वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना के नेतृत्व में गेट पर पहुंचकर भाजपा कार्यकर्ताओं को खदेड़ दिया। करीब एक घंटे तक क्वालिटी चौक पर दोनों दलों के बीच पुलिस की मौजूदगी में तीखी नारेबाजी और धक्का-मुक्की होती रही।

कांग्रेस की ओर से पहले ही पुलिस महानिदेशक को चेतावनी पत्र भेजकर आशंका जताई गई थी कि भाजपा कार्यकर्ता मुख्यालय पर हमला कर सकते हैं, लेकिन सुरक्षा इंतजामों के बावजूद भाजपाई राजपुर रोड स्थित मुख्यालय तक पहुंच गए। स्थिति बिगडऩे पर सिटी मजिस्ट्रेट और एसपी सिटी ने मौके पर पहुंचकर धस्माना से कार्यकर्ताओं को शांत करने का अनुरोध किया, जिस पर उन्होंने कड़ी नाराजगी जताते हुए सवाल उठाया कि पूर्व सूचना के बावजूद भाजपा कार्यकर्ता कैसे मुख्यालय तक पहुंच गए। आखिरकार धक्का-मुक्की और गाली-गलौच के बाद भाजपा कार्यकर्ता पीछे हट गए और कांग्रेस कार्यकर्ता  नारों के साथ वापस मुख्यालय लौट आए।

  • कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने लगाए नारे – वोट चोर गद्दी छोड़
  • महिला कार्यकर्ताओं के साथ गाली-गलौच का आरोप
  • कांग्रेस बोली – भाजपा राहुल गांधी की रैली से घबराई
  • पुलिस पर सुरक्षा में चूक का आरोप
  • कांग्रेस कार्यलाय में यह थे मौजूद
    कांग्रेस मुख्यालय पर हुए घटनाक्रम के दौरान वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मौजूद रहे। इनमें ताहिर अली, राजेंद्र शाह, दिनेश कौशल, आयुष गुप्ता, रॉबिन त्यागी, अर्जुन पासी, ललित भद्री, गरिमा माहरा दसौनी, डॉ. प्रतिमा सिंह, सुजाता पॉल, सुशीला शर्मा, मोहन काला, पिया थापा, आशा मनोरमा शर्मा, नजमा खान, उदयवीर पुंडीर, धर्मपाल घाघट, करण घाघट, विशाल मौर्य, फारुक, पुनीत चौधरी समेत कई कार्यकर्ता शामिल रहे।