Author: Pravesh Rana

दून रिस्पना नदी पर अतिक्रमण का पर्दाफाश, सैटेलाइट तस्वीरों से खुली पोल

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यह बात कोई नई नहीं है कि प्राकृतिक आपदाओं को रोका नहीं जा सकता है, लेकिन उससे जानमाल के नुकसान को कम जरूर किया जा सकता है। यह कैसे करना है, इस बात को भी हमारे विज्ञानी और नियोजन के विशेषज्ञ चीख-चीख कर लंबे समय से कहते आ रहे हैं कि प्रकृति के रास्ते में नहीं आना है। लेकिन, लगता है कि राजधानी दून में ही आपदा से बचे रहने का सबसे बड़ा सबक हम भूल गए हैं।

सोमवार रात को हुई अतिवृष्टि और सहस्त्रधारा क्षेत्र में दो जगह फटे बाद के जो हालात पैदा हुए, उससे साफ हो गया कि नदियों का गला घोंटने का अंजाम कितना खतरनाक हो सकता है। दून में नदी क्षेत्रों में धड़ल्ले से किए गए अतिक्रमण की खतरनाक स्थिति सेटेलाइट चित्रों में भी समाने आई है। जिसमें दिख रहा है कि काठबंगला क्षेत्र में रिस्पना नदी की भूमि वर्ष 2003 से 2018 के बीच में किस कदर जमकर अतिक्रमण किए गए।

वरिष्ठ भूविज्ञानी और एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय में भूविज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रो. एमपीएस बिष्ट ने राज्य गठन के महज तीन साल बाद और इसके 15 साल बाद 2018 के चित्रों का अध्ययन किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो काठबंगला क्षेत्र वर्तमान में अतिक्रमण से पूरी तरह भर चुका है, वहां वर्ष 2003 में रिस्पना नदी के दोनों किनारे पूरी तरह खाली थे।

इसके साथ ही दोनों किनारों पर जंगलनुमा एक पूरा क्षेत्र था। वहीं, महज 15 साल बाद 2018 में सेटेलाइट चित्र में रिस्पना नदी बमुश्किल नजर आ रही है। सेटेलाइट चित्र में दोनों छोर पर घनी बस्तियां और भवन नजर आ रहे हैं। इसके अलावा 15 साल पहले का जंगलनुमा भाग 95 प्रतिशत तक गायब हो चुका है।

देहरादून में रिस्पना और बिंदाल नदी क्षेत्रों में अतिक्रमण की बाढ़ पर मनमोहन लखेड़ा बनाम राज्य में नैनीताल हाई कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया था। अतिक्रमण पर कार्रवाई करने के आदेश के बाद सरकारी मशीनरी हरकत में भी आई थी। तब उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (यूसैक) ने इसरो के माध्यम से अमेरिकी कंपनी मैक्सर से शहर के सभी 60 वार्डों (अब बढ़कर संख्या 100) के सेटेलाइट चित्र मंगाए थे।

यह चित्र प्रत्येक छह माह के अंतर में अतिक्रमण की स्थिति को बयां करने वाले थे। उस समय कुल 2100 सेटेलाइट चित्र मंगाए गए थे। हालांकि, अतिक्रमण पर न तो कार्रवाई की गई और न ही चित्रों के आधार पर अतिक्रमण की भयानक स्थिति को बाहर आने दिया गया। यह चित्र वर्तमान में भी यूसैक कार्यालय में डंप पड़े हैं।

मलबे की चपेट में आने से बाल-बाल बचे सांसद अनिल बलूनी और विधायक, प्रभावितों से मिलने थे पहुंचे

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सांसद अनिल बलूनी व विधायक विनोद कंडारी के वाहन के देवप्रयाग डिग्री कॉलेज के निकट पहाड़ी से अचानक हुए भूस्खलन की चपेट में आने से बाल-बाल बच गए। दोनों वाहन से देवप्रयाग में आपदा से हुए नुकसान का जायजा लेने आ रहे थे। इसी दौरान डिग्री काॅलेज के निकट पहाड़ी से अचानक भूस्खलन हो गया। जिससे उनका वाहन मलबे मेें फंस गया।

गनीमत रही कि पहाड़ी से गिरे मलबे से कोई चोटिल नहीं हुआ। इसके बाद सांसद बलूनी तहसीलदार के वाहन से देवप्रयाग तक पहुंचे। यहां सभी कार्यक्रमों में भाग लेने के बाद वह प्राइवेट वाहन से देहरादून के लिए रवाना हुए। उनके सरकारी वाहन को निकालने के लिए एनएच की ओर से मलबा हटाने का कार्य शुरू कर दिया गया था।
भीषण प्राकृतिक आपदा से गुजर रहा उत्तराखंड
सांसद अनिल बलूनी ने कहा कि उत्तराखंड में इस वर्ष आई भीषण अतिवृष्टि और भूस्खलन ने इतने गहरे घाव दिए हैं, जिन्हें भरने में बहुत समय लगेगा। कल शाम आपदा प्रभावित क्षेत्र में भूस्खलन का एक भयावह दृश्य आप सभी के साथ साझा कर रहा हूं। यह दृश्य स्वयं बता रहा है कि हमारा उत्तराखंड इस समय कितनी भीषण प्राकृतिक आपदा से गुजर रहा है।
उन्होंने कहा कि ‘मैं बाबा केदारनाथ से सभी लोगों के सुरक्षित जीवन, अच्छे स्वास्थ्य एवं खुशहाली की मंगलकामना करता हूं। आपदा की इस घड़ी में जन जन की सेवा में लगे सभी अधिकारियों, एनडीआरएफ-एसडीआरएफ के जवानों, प्रशासन और कठिन परिस्थितियों में भी सड़कों से मलबा हटाने वाले कर्मचारियों के सेवाभाव की सराहना करता हूं।’

कुदरत का कहर; घर बहे, लोग लापता, आंखों में खौफ, 10 तस्वीरों में नंदानगर की तबाही का मंजर

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उत्तराखंड के चमोली जिले के नंदानगर क्षेत्र में बुधवार देर रात बादल फटने से भारी तबाही मच गई। एक ही रात में तीन गांवों में घर, गौशालाएं, और ज़िंदगियां मलबे में समा गईं। अब तक 12 लोगों के लापता होने की पुष्टि हो चुकी है, जबकि करीब 30 से अधिक भवन क्षतिग्रस्त हुए हैं। रेस्क्यू टीमें मलबे में दबे लोगों की तलाश में जुटी हैं।

200 से अधिक ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। घाट तहसील के नंदानगर क्षेत्र में बुधवार देर रात बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है। आपदा में अब तक 12 लोगों के लापता होने की सूचना है। इसमें सबसे अधिक प्रभावित ग्राम कुंतरी लगा फाली है, जहां 8 लोग लापता हैं और 15 से 20 भवन व गौशालाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं। रात तीन बजे के करीब भारी बारिश के बीच लोगों के घरों पर मलबा आ गिरा।

दो महिलाओं और एक बच्चे को मलबे से निकाला
दो महिलाओं और एक बच्चे को पुलिस व डीडीआरएफ की टीमों ने मलबे से सुरक्षित बाहर निकाला। इन घायलों को नंदानगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है। करीब 200 ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। वहीं, ग्राम कुंतरी लगा सरपाणी में भी दो लोग लापता हैं और दो भवन ध्वस्त हुए हैं। यहां भी रेस्क्यू टीमों ने 100 ग्रामीणों को सुरक्षित निकाला। ग्राम धुर्मा में मोक्ष नदी उफान पर आ गई, जिससे दो लोग लापता हैं और करीब 10 मकानों को नुकसान पहुंचा है।

Chamoli Cloudburst in Nandanagar causes massive destruction many missing rescue operations underway photos

बचाव कार्यों में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आईटीबीपी (गौचर 8वीं वाहिनी), डीडीआरएफ और राजस्व विभाग की टीमें जुटी हैं। लेकिन सड़कों के जगह-जगह बंद होने और भूस्खलन के कारण टीमों को घटनास्थल पर पहुंचने में देरी हो रही है। अधिकतर टीमें अब पैदल मार्ग से मौके पर पहुंचने की कोशिश कर रही हैं।

Chamoli Cloudburst in Nandanagar causes massive destruction many missing rescue operations underway photos

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिव आपदा प्रबंधन से चमोली की स्थिति की जानकारी ली और निर्देश दिए कि लापता लोगों की खोज में कोई कोताही न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रभावित परिवारों के साथ खड़ी है और सभी राहत शिविरों में रहने, खाने, इलाज और सुरक्षा की व्यवस्था की जाए।

Chamoli Cloudburst in Nandanagar causes massive destruction many missing rescue operations underway photos

घटना की सूचना मिलते ही सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी डीआईजी राजकुमार नेगी, और यूएसडीएमए के विशेषज्ञों ने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से निगरानी शुरू कर दी है। सभी बचाव टीमें सक्रिय कर मौके पर भेजी गई हैं। कंट्रोल रूम से हर गतिविधि पर निगरानी रखी जा रही है।

Chamoli Cloudburst in Nandanagar causes massive destruction many missing rescue operations underway photos

उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में आज भी तेज बारिश के आसार हैं। हालांकि मैदानी इलाकों में राहत रहेगी। मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से जारी पूर्वानुमान के अनुसार नैनीताल, बागेश्वर, पिथौरागढ़ जिले के कुछ इलाकों में तेज बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है।

Chamoli Cloudburst in Nandanagar causes massive destruction many missing rescue operations underway photos
इसके अलावा देहरादून, उत्तरकाशी, चंपावत और ऊधमसिंह नगर जिले के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश की संभावना है।
Chamoli Cloudburst in Nandanagar causes massive destruction many missing rescue operations underway photos
आने वाले दिनों की बात करें तो 23 सितंबर तक प्रदेशभर में हल्की बारिश के आसार हैं।
Chamoli Cloudburst in Nandanagar causes massive destruction many missing rescue operations underway photos

मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन और मौसम के बदले पैटर्न के चलते इस बार मानसून में तेज दौर की अधिक बारिश हो रही है।

Chamoli Cloudburst in Nandanagar causes massive destruction many missing rescue operations underway photos

वहीं दून घाटी में आई आपदा में दूसरा सबसे बड़ा हादसा मालदेवता क्षेत्र के फुलेत गांव में हुआ है। यहां पर एक मकान के मलबे में सहारनपुर के छह लोगों के दबे होने की आशंका है।

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सीमांत चमोली की नंदानगर तहसील में फिर फटा बादल

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आपदा से पहले से कराह रहे जिले के नंदानगर प्रखंड में 17 सितम्बर की रात फिर कहर बन कर टूटी। नंदानगर में पांच लोगों के लापता होने की सूचना मिली है जबकि दो लोग घायल बताए जा रहे हैं।

आपदा परिचालन केंद्र से गुरुवार की सुबह 6 बजे से 6 बजकर 18 मिनट पर जारी प्रारंभिक सूचना के अनुसार नगर पंचायत नंदानगर के वार्ड कुन्तरि लगाफाली में भारी वर्षा के कारण मलबा आने से 06 भवन क्षतिग्रस्त हुए हैं। घटना में 05 लोगों के लापता होने की सूचना है। 02 को बचा लिया गया है।

 

नंदानगर तहसील के धुर्मा गांव में भी भारी वर्षा के कारण 4-5 भवनों की क्षति की सूचना प्राप्त हुई है।  प्रारंभिक सूचना के अनुसार जनहानि नहीं है। मोक्ष नदी का जलस्तर बढ़ा है।

प्रशासनिक स्तर पर इन खबरों की पुष्टि के प्रयास किए जा रहे हैं।

दूसरी ओर बांजबगड़, मोख धुर्मा आदि क्षेत्रों में बादल फटने से हर तरह तबाही का खौफनाक मंजर पसरा हुआ है। पीड़ित ग्रामीणों ने जिलाधिकारी संदीप तिवारी तक किसी तरह सूचना पहुंचा कर अपने स्तर से स्थिति का आकलन कर राहत पहुंचाने की अपील की है।
प्रारंभिक खबरों में बताया गया है कि पूरे इलाके में भारी तबाही हुई है।

मोक्ष नदी के किनारे बसे सेरा गांव में सर्वाधिक नुकसान की खबर है। सेरा गांव में बीती 8 जुलाई को भी भारी तबाही हुई थी। तब से किसी तरह जीवन पटरी पर लौट रहा था लेकिन 17 सितम्बर को दोबारा आई भीषण आपदा ने सब कुछ तबाह कर दिया। सेरा के लोगों पर प्रकृति की मार के बाद यह महामार पड़ी है

लापता ग्रामीणों का विवरण

 

 

उधर, नंदानगर में बादल फटने से पांच लोगों के लापता होने की खबर है।  इस आपदा में वहां दो लोगों के घायल होने की जानकारी मिली है।
शुरुआती खबरों के मुताबिक सेरा में महिपाल सिंह, अवतार सिंह, पुष्कर के आवासीय भवन खतरे की जद में हैं। खेत खलिहान को भी भारी नुकसान पहुंचा है।

सेरा में सबसे पहले महिपाल सिंह का बाथरूम बहा। यह घर के कोने में बना था। उसके बाद मोक्ष नदी का जल घर में घुस गया। इस कारण घर पूरी तरह खतरे की जद में है। उसके बगल के अवतार सिंह और पुष्कर सिंह के घर भी खतरे में आ गए। रात को किसी तरह भाग कर लोगों ने जान बचाई। सेरा से ऊपर पहाड़ी पर बसे धुर्मा गांव में भी बादल फटने से की आवासीय भवन असुरक्षित हो गए हैं जबकि गांव के ही बागड़ टॉप में कई दुकानें और मकान बह गए हैं।

बताया जा रहा है कि बागड़ बस्ती के ऊपर से बादल पटने के कारण भारी मलबा आने से नदी ने रास्ता बदला से सेरा गांव में घरों को नुकसान पहुंचाया। उधर नंदानगर के कुंतरी, फफाली बांजबगड़ में भी भारी तबाही की खबर है। वहां कई घर मलबा आने से दब से गए हैं। बादल फटते ही लोग जंगलों की ओर भागे। अभी तक जनहानि के बारे में कोई जानकारी नहीं है किंतु तबाही के मंजर ने लोगों को बदहवास कर दिया है। नंदानगर की शुरुआती खबरों में बताया जा रहा है कि बलबीर सिंह, विनोद सिंह, प्रकाश सिंह, अवतार सिंह, सिबर सिंह, महिपाल सिंह बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।

आपदा के बाद पूरे इलाके का संपर्क कट गया है। बादल फटने के साथ ही इलाके में बिजली आपूर्ति ठप हो गई थी। सड़कों को भी भारी नुकसान पहुंचा है, इस कारण आवाजाही भी ठप है। सेरा में सड़क पर बने पेट्रोल पंप में भी मलबा भर गया है। बिजली न होने से मोबाइल भी वहां काम नहीं कर पा रहे हैं।

प्रशासन को किसी तरह सूचना पहुंचा दी गई है किंतु प्रशासन के लिए भी इस आपदा प्रभावित क्षेत्र तक पहुंच बनाना आसान नहीं है। लोग सहमे हुए हैं और नियति को कोस रहे हैं। पीड़ितों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। हालात इस कदर बिगड़ गए हैं कि उन्हें रोने के अलावा कुछ नहीं सूझ रहा है।

विधायकों की सीएम आवास दौड़ से राजनीति का पारा चढ़ा

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रविवार को सीएम आवास की ओर एक के बाद एक कई विधायकों का काफिला कूच करते देखा गया।एकाएक विधायकों की सीएम से मुलाकात के बाद राजनीतिक उमस ने मौसम की उमस को पीछे छोड़ दिया।

सीएम धामी शनिवार की शाम ही दिल्ली से लौटे थे। और रविवार सुबह से ही लगभग आधा दर्जन विधायक सिलसिलेवार सीएम से मिलने पहुंचे। इनमें निर्दलीय विधायक संजय डोभाल भी शामिल रहे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से रविवार को विधायक सहदेव पुंडीर, खजान दास, सुरेश चौहान, भरत चौधरी, संजय डोभाल, अनिल नौटियाल, प्रीतम पंवार एवं अन्य जनप्रतिनिधियों ने शिष्टाचार भेंट की। और अकेले-अकेले भी गुफ्तगू की।
इस दौरान जनप्रतिनिधियों ने अपने-अपने क्षेत्रों की विभिन्न विकासपरक मांगों एवं स्थानीय समस्याओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया। लेकिन चर्चा कैबिनेट विस्तार को लेकर ज्यादा हुई।

मुख्यमंत्री ने सभी मांगों के शीघ्र समाधान हेतु सम्बन्धित विभागों को आवश्यक निर्देश देने का आश्वासन दिया। साथ ही उचित समय पर मंत्रिमंडल विस्तार के भी संकेत दिए।मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य जनता को त्वरित और पारदर्शी सेवाएँ उपलब्ध कराना है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी से समस्याओं का समाधान और विकास कार्य अधिक प्रभावी होंगे।

प्रदेश में हाल ही में आई प्राकृतिक आपदाओं का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने विधायकगणों से आग्रह किया कि वे प्रभावित क्षेत्रों का स्वयं भ्रमण कर जरूरतमंद परिवारों तक समयबद्ध सहायता पहुँचाने में सहयोग करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार सड़क संपर्क, स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन, पेयजल एवं ऊर्जा जैसे बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए लगातार प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड का संतुलित और सर्वांगीण विकास तभी संभव है जब जनप्रतिनिधि जनता की अपेक्षाओं को सरकार तक पहुँचाकर प्रदेश की प्रगति में सक्रिय भागीदारी निभाएँ।

भाजपा के सूत्रों ने विधायकों की सीएम आवास दौड़ पर कुछ तो नहीं कहा। अलबत्ता कुछ नये विधायकों को मौका देने और पुरानों की छुट्टी के संकेत अवश्य दिए। पार्टी का एक वर्ग श्राद्ध पक्ष के बाद फुल कैबिनेट फेरबदल को लेकर आश्वस्त नजर आ रहा है।

जॉर्ज एवरेस्ट पार्क घोटाले पर कांग्रेस का प्रदेशव्यापी प्रदर्शन

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मसूरी स्थित जॉर्ज एवरेस्ट पार्क को उत्तराखंड पर्यटन विभाग द्वारा आचार्य बालकृष्ण से जुड़ी कंपनी को मात्र एक करोड़ रुपये वार्षिक दर पर 15 साल के लिए लीज पर देने के खिलाफ कांग्रेस ने प्रदेशभर में प्रदर्शन कर राज्य सरकार का पुतला दहन किया। कांग्रेस ने ऐलान किया कि जब तक घोटाले की उच्च स्तरीय जांच की घोषणा नहीं होती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

राजधानी देहरादून में प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना और महानगर अध्यक्ष डॉ. जसविंदर सिंह गोगी के नेतृत्व में कांग्रेसजन मुख्यालय से रैली निकाल कर क्वालिटी चौक पहुंचे और सरकार का पुतला फूंका।

धस्माना ने कहा कि यह घोटाला तीस से पचास हजार करोड़ रुपये तक का है, जिसने अब तक के भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। उन्होंने मांग की कि जांच हाई कोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में हो। धस्माना ने आरोप लगाया कि टेंडर प्रक्रिया में भारी अनियमितताएँ हुईं, न तो ग्लोबल टेंडर हुआ और न ही प्रमुख समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित किया गया। बालकृष्ण से जुड़ी कई कंपनियों ने सांठगांठ कर यह महाघोटाला किया।

महानगर अध्यक्ष डॉ. जसविंदर सिंह गोगी ने कहा कि पेपर लीक, भर्ती, खनन और शराब घोटाले के बाद अब यह नया महाघोटाला साबित करता है कि सरकार आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी है। कांग्रेस जनता को इस भ्रष्टाचारी सरकार से मुक्ति दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।

प्रदर्शन व पुतला दहन कार्यक्रम में प्रदेश श्रम प्रकोष्ठ अध्यक्ष दिनेश कौशल, प्रदेश महामंत्री जगदीश धीमान, मनीष नागपाल, आलोक मेहता, विपुल नौटियाल, अमर मेहता, कर्नल राम रतन नेगी, कैप्टेन सुबन सिंह सजवान समेत बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे।

भाजपा में बढ़ा कुमाऊं के नेताओं का कद, प्रदेश कार्यकारिणि में 17 को मिली जगह

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भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी में कुमाऊं का कद बढ़ा है। नैनीताल जिले के छह नेताओं समेत कुल 17 लोगों को प्रदेश स्तर की जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्रदेश महामंत्री रहे राजेंद्र सिंह बिष्ट को अब प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया है। पूर्व दर्जा राज्य मंत्री तरुण बंसल प्रदेश महामंत्री, साकेत अग्रवाल प्रदेश सह कोषाध्यक्ष, कौस्तुभानंद जोशी को प्रदेश प्रकोष्ठ संयोजक और प्रदीप जनौटी को प्रदेश मीडिया सह संयोजक की जिम्मेदारी मिली है। रुद्रपुर के तीन, काशीपुर के दो, पिथौरागढ़ के तीन और चंपावत, बागेश्वर व अल्मोड़ा के एक-एक नेता को टीम में शामिल किया गया है। नई जिम्मेदारी मिलने पर नेताओं का कहना है कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी की मजबूती पर जोर दिया जाएगा।

पार्टी के लिए मेरा 35 वर्षों का त्याग: राजेंद्र
प्रदेश उपाध्यक्ष बने राजेंद्र सिंह बिष्ट का कहना है कि पार्टी के लिए उनका 35 वर्षों का त्याग है। उनकी पार्टी में परिश्रम करने वाले लोगों को कभी नजरअंदाज नहीं किया जाता है। प्रदेश नेतृत्व ने उनके ऊपर जो भरोसा किया है उस पर वह खरे उतरेंगे और आगामी 2027 के चुनाव के लिए मजबूती से काम करेंगे।

भाजपा मेरा परिवार: बंसल
प्रदेश महामंत्री तरुण बंसल का कहना है कि भाजपा उनका परिवार है। परिवार के सदस्य के तौर पर उन्हें जो जिम्मेदारी मिली है उससे वह बेहद खुश हैं। संगठन की मजबूती के लिए जमीन पर उतरकर काम किया जाएगा।

प्रदेश नेतृत्व का आभार
प्रदेश सह कोषाध्यक्ष साकेत अग्रवाल ने बड़ी जिम्मेदारी मिलने पर प्रदेश नेतृत्व का आभार जताया है। उनका कहना है कि उनके समर्पण और त्याग को देखकर प्रदेश नेतृत्व न उन पर भरोसा जताया है। वह पार्टी के लिए संघर्ष करते रहेंगे।

महेंद्र बने किसान मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष
भाजपा की नई प्रदेश टीम में नैनीताल जिले के चोपड़ा, ज्योलिकोट निवासी महेंद्र सिंह नेगी को अहम जिम्मेदारी मिली है। उन्हें किसान मोर्चे का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। इससे पहले नेगी दो बार भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश महामंत्री रह चुके हैं।

बीजेपी नेता मेनका गांधी ने वन महकमे की भूमिका पर उठाए सवाल, मुख्यमंत्री धामी को लिखा पत्र

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रुड़की के ग्राम खंजरपुर में अवैध रूप से संचालित सर्प विष संग्रहण केंद्र के मामले में सांसद व पीपल फाॅर एनिमल संस्था की संस्थापक एवं पूर्व सांसद मेनका गांधी ने वन महकमे की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, एडीजी विजिलेंस को पत्र लिखा है। उन्होंने मामले में हरिद्वार डीएफओ, एसडीओ को निलंबित करने के साथ ही विभाग से हटाने को भी कहा है।

 

मामले में शासन ने प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव से आख्या मांगी है। 10 सितंबर को रुड़की में वन विभाग की टीम ने छापा मारकर 70 कोबरा और 16 रसल वाइपर कब्जे में लिए थे। इस सेंटर के संचालन की अनुमति दिसंबर 2023 में समाप्त हो चुकी थी। इस मामले में सांसद मेनका गांधी ने जो पत्र भेजा है, उसमें कहा है कि सेंटर के बारे में पूर्व में हरिद्वार वन प्रभाग के डीएफओ, एसडीओ को सूचना दी गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।

संग्रहण केंद्र संचालक वेनम और उससे जुड़े अभिलेखों के साथ फरार हो गया। पत्र में कहा कि यह कोई छोटा मामला नहीं है। यह वन विभाग में अत्यधिक भ्रष्टाचार का मामला है। उन्होंने संचालक के साथ मिलीभगत का आरोप लगाते हुए डीएफओ, एसडीओ को निलंबित करने की मांग की है। इसके अलावा डीएफओ की संपत्ति की जांच की भी मांग की है।

चार दिसंबर 2008 तक के संविदाकर्मियों का हो सकता है नियमितीकरण, नई नियमावली को लेकर हुई बैठक

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उत्तराखंड में चार दिसंबर 2008 तक संविदा पर लगने वाले कर्मचारियों का नियमितीकरण हो सकता है। इसके लिए जल्द ही नियमितीकरण नियमावली 2025 कैबिनेट के समक्ष रखी जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणा के तहत 28 अगस्त को मुख्य सचिव आनंदबर्द्धन की अध्यक्षता में समिति की बैठक हुई। बैठक में सचिव कार्मिक शैलेश बगौली, सचिव वित्त दिलीप जावलकर, अपर सचिव न्याय मनीष कुमार पांडे, अपर सचिव कार्मिक नवनीत पांडे, अपर सचिव वित्त गंगा प्रसाद शामिल हुए।

बैठक में बताया गया कि राज्य में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के आलोक में वन टाइम एक्सरसाइज के तहत दैनिक वेतन, कार्यप्रभारित, संविदा, नियत वेतन, अंशकालिक और तदर्थ रूप से नियुक्त कार्मिकों के नियमितिकरण की नियमावली जारी हुई थी। इसके तहत एक नवंबर 2011 को 10 वर्ष की सेवा पूरी करने वाले कार्मिकों को नियमित करने का प्रावधान किया गया था। इसके बाद 30 दिसंबर 2013 को नियमितीकरण नियमावली 2013 लाई गई, जिसमें 30 दिसंबर 2013 को कम से कम पांच वर्ष की निरंतर सेवा वालों को नियमित करने का प्रावधान किया गया। इस पर 2018 में हाईकोर्ट नैनीताल ने रोक लगा दी थी।

आदेश का दोबारा अवलोकन किया गया
इसके बाद नरेंद्र सिंह बनाम राज्य रिट याचिका पर हाईकोर्ट नैनीताल ने 22 फरवरी 2024 को एक आदेश दिया, जिसमें कहा गया कि पांच वर्ष की सीमा को 10 वर्ष किया जाना चाहिए। इस आदेश का दोबारा अवलोकन किया गया। तय किया गया है कि हाईकोर्ट के स्टे ऑर्डर चार दिसंबर 2018 से 10 वर्ष पूर्व यानी चार दिसंबर 2008 तक दैनिक वेतन, कार्य प्रभारित, संविदा, नियत वेतन, अंशकालिक और तदर्थ रूप से नियुक्त कार्मिकों को नियमित करने का प्रस्ताव तैयार होगा।

इसके तहत 2013 की नियमावली के नियम चार के उप नियम-1 में संशोधन करते हुए जल्द ही दैनिक वेतन, कार्यप्रभारित, संविदा, नियत वेतन, अंशकालिक तथा तदर्थ रूप से नियुक्त कार्मिकों का विनियमितीकरण संशोधन नियमावली 2025 कैबिनेट के समक्ष रखी जाएगी। इसके बाद कैबिनेट इस पर निर्णय लेगी। यहां एक और अहम बात ये है कि पूर्व से चली आ रही नियमावलियों के तहत ही नियमितिकरण होगा। इसमें आउटसोर्सिंग एजेंसी जैसे उपनल के कर्मचारी शामिल नहीं होंगे।

लिव-इन पार्टनर की रॉड से हमला कर हत्या, आरोपी ड्राइवर ने कोतवाली पहुंचकर किया सरेंडर

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रानीपुर कोतवाली क्षेत्र के भभूतावाला बाग में शुक्रवार तड़के जिला अस्पताल के ड्राइवर ने अपनी लिव-इन पार्टनर की लोहे की रॉड से हमला कर हत्या कर दी। इसके बाद आरोपी ने खुद को पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।जानकारी के अनुसार, मुकेश पुजारी पिछले करीब 11 साल से शिवलोक कॉलोनी में रहने वाली पिंकी के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहा था। पिंकी स्थानीय स्तर पर ब्यूटी पार्लर चलाती थी। दोनों की आठ साल की एक बेटी भी है। मुकेश की पहली शादी भी हो चुकी है और उसकी पहली पत्नी से दो जवान बेटे हैं, जो अलग रहते हैं।

 

पुलिस के अनुसार, शुक्रवार की सुबह करीब तीन बजे मुकेश पिंकी के घर पहुंचा और किसी बात को लेकर दोनों के बीच बहस हो गई। बहस के दौरान उसने लोहे की रॉड से हमला कर दिया। गंभीर रूप से घायल होने के कारण मौके पर ही उसकी मौत हो गई। घटना के बाद मुकेश सीधे रानीपुर कोतवाली पहुंचा और आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस ने आरोपी को तुरंत हिरासत में ले लिया और हत्या के आरोप में केस दर्ज कर लिया है।

एसपी सिटी पंकज गैरोला और एएसपी सदर निशा यादव ने मौके पर पहुंचकर घटना की जानकारी ली और आरोपी से पूछताछ की। अधिकारियों के अनुसार, प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि मुकेश को पिंकी के चरित्र पर शक था।

इसी शक के चलते दोनों के बीच अक्सर विवाद होता था, और आशंका जताई जा रही है कि इसी शक ने हत्या जैसी गंभीर वारदात को जन्म दिया। फिलहाल पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है और आरोपी से पूछताछ के साथ-साथ घटना की गहन जांच शुरू कर दी है।