Category Archive : रोजगार

त्रिवेणी संगम पर सीएम धामी ने मां को लगवाई डुबकी, इच्छा पूरी कर हुए भावुक

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने त्रिवेणी संगम में मां को स्नान कराकर उनकी इच्छा पूरी की। सीएम धामी और उनकी पत्नी गीता धामी दोनों ने मिलकर मां को स्नान कराया। गंगा में डुबकी लगाने के बाद उन्होंने कहा कि यह मेरे जीवन के उन अमूल्य और भावुक क्षणों में से एक है, जिन्हें शब्दों में पिरोना संभव नहीं।

सोमवार को सीएम धामी परिवार के साथ प्रयागराज महाकुंभ पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि त्रिवेणी संगम के पुण्य सलिल में मां को स्नान कराने का सौभाग्य मिला। वेदों, शास्त्रों और पुराणों में उल्लेखित है कि कोई भी जीव माता के ऋण से कभी उऋण नहीं हो सकता क्योंकि माता ही वह प्रथम स्रोत हैं, जिनसे हमारा अस्तित्व जुड़ा हुआ है।

CM Dhami took a dip at Triveni Sangam in Prayagraj Maha Kumbh made his mother take a bath Watch Photos

माता का स्नेह अनंत, उनकी ममता अपरिमेय और उनका आशीर्वाद अक्षुण्ण होता है। इस दिव्य क्षण में अनुभव हुआ कि माँ केवल जन्मदात्री ही नहीं बल्कि सजीव तीर्थ हैं, जिनकी सेवा और सम्मान से जीवन के समस्त पुण्य फलीभूत होते हैं। यह भावपूर्ण क्षण मेरे लिए सनातन संस्कृति, परंपरा और मातृभक्ति का सजीव स्वरूप बनकर हृदयपटल पर सदैव अंकित रहेगा।इससे पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रयागराज में रविवार को आचार्य शिविर में आयोजित समानता के साथ समरसता कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।

CM Dhami took a dip at Triveni Sangam in Prayagraj Maha Kumbh made his mother take a bath Watch Photos

 

इस अवसर पर सभी संतों ने उत्तराखंड राज्य में सर्वप्रथम समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने पर मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया। संतो द्वारा पुष्पमाला के साथ मुख्यमंत्री को सम्मानित किया गया।इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी संतों को धन्यवाद अर्पित करते हुए कहा कि त्रिवेणी की पवित्र भूमि और महाकुंभ के शुभ अवसर पर पूज्य संतों का आशीर्वाद मिलना सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विकसित भारत की कल्पना में पूज्य संतों का आशीर्वाद सबसे जरूरी है।न्होंने कहा समान नागरिक संहिता लागू करना, विकसित भारत की ओर कदम बढ़ाना है। मेरा जो सम्मान संतों ने किया है, वो उत्तराखंड के प्रत्येक नागरिक का सम्मान है।

गणतंत्र दिवस परेड में उत्तराखंड की झांकी को मिला तीसरा स्थान, दिल्ली में किया गया पुरस्कृत

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नई दिल्ली कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस समारोह में राज्य की ओर से सांस्कृतिक विरासत एवं साहसिक खेल थीम पर उत्तराखंड की झांकी को पीपुल्स चॉइस अवॉर्ड श्रेणी में तृतीय स्थान प्राप्त करने के लिये पुरस्कृत किया गया।नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय रंगशाला शिविर में बृहस्पतिवार को केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ ने सूचना एवं लोक संपर्क विभाग के महानिदेशक बंशीधर तिवारी और झांकी के टीम लीडर/संयुक्त निदेशक के.एस चौहान ने संयुक्त रूप से प्राप्त किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर “सांस्कृतिक विरासत एवं साहसिक खेल” थीम पर यह झांकी तैयार की गई थी।

Uttarakhand tableau got third place in India on Republic Day 2025 parade, was awarded in Delhi

झांकी को पुरस्कार के लिए चुने जाने पर मुख्यमंत्री धामी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि देश-विदेश के लोग “सांस्कृतिक विरासत एवं साहसिक खेल” के साथ ही उत्तराखंड की लोक संस्कृति से भी परिचित हुए हैं। कहा कि उत्तराखंड की झांकी ने कर्तव्य पथ पर सभी का ध्यान आकर्षित किया और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत व साहसिक खेलों को बखूबी रूप से प्रस्तुत भी किया।

झांकी के थीम सांग में इनका रहा योगदान
झांकी का थीम सांग “झुमैलो“ था। “झुमैलो“ गीत को जितेंद्र पंवार ने लिखा और गायक अभिनव चौहान ने स्वर दिया है। इसे अमित वी. कपूर ने संगीत देकर तैयार किया। झांकी के अग्र भाग में जो ऐपण कला प्रदर्शित की गई उसे चंपावत जिले के हस्त कलाकार निकिता, अंजलि, सुरेश राजन और योगेश कालोनी ने बनाया। झांकी का निर्माण स्मार्ट ग्राफ आर्ट एडवर्टाइजिंग प्रा.लि.के निदेशक सिद्धेश्वर ने किया गया। लीडर केएस चौहान के साथ चंपावत जिले 15 कलाकारों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।

राज्य को तीन पुरस्कार मिल चुके
नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय रंगशाला शिविर में सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रतियोगिता में राज्य के कलाकारों ने प्रसिद्ध जागर गायन एवं लोकनृत्य छपेली प्रतियोगिता की प्रस्तुत दी गई। जिसको गठित समिति ने पुरस्कार के लिए चयनित किया। राज्य गठन के बाद से गणतंत्र दिवस समारोह में अब तक राज्य को तीन पुरस्कार मिले हैं जिनमें वर्ष 2021 में केदारखंड झांकी को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। वर्ष-2023 में मानसखंड झांकी को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ और वर्ष 2025 में सांस्कृतिक विरासत एवं साहसिक खेल झांकी को पीपुल्स चॉइस अवॉर्ड श्रेणी में तृतीय स्थान प्राप्त हुआ है।

Uttarakhand: गणतंत्र दिवस परेड में उत्तराखंड की झांकी को मिला देश में तीसरा स्थान, देखे तस्वीरें.

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गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली में कर्तव्य पथ पर सांस्कृतिक विरासत एवं साहसिक खेल पर आधारित उत्तराखंड की झांकी को देश में तीसरा स्थान मिला है। झांकी के अगले भाग में उत्तराखंड की प्रसिद्ध ऐपण कला को बनाते हुए एक पारंपरिक वेशभूषा में महिला को दिखाया गया था। यह ऐपण आर्ट आज विश्वभर में प्रसिद्ध है। ऐपण कला उत्तराखंड की सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व को दर्शाती है। इस कला को उत्तराखंडी महिलाएं पूजा कक्षों, घरों के प्रवेशद्वारों, फर्श और दीवारों पर बनाती हैं। इसे बनाने के लिए चावल का आटा व गेरू का उपयोग किया जाता है।

 

झांकी के ट्रेलर पार्ट में उत्तराखंड के साहसिक खेलों एवं साहसिक पर्यटन को चित्रित किया गया था। जैसे- नैनीताल और मसूरी में हिल साइकिलिंग, फूलों की घाटी और केदारकांठा की ट्रेकिंग, ओली में स्नो स्कीइंग, ऋषिकेश में योगा, बंजी जंपिंग, जिप-लाइनिंग एवं रॉक क्लाइंबिंग की रोमांचकारी गतिविधियों को दर्शाया गया।

Uttarakhand: पीएम मोदी ने की उत्तराखंड सरकार की सराहना, कहा- बनना चाहते हैं शीतकालीन यात्रा का हिस्सा.

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उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शीतकालीन यात्रा की ब्रांडिंग कर गए। 38वें राष्ट्रीय खेलों के शुभारंभ पर प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड मेरा दूसरा घर है। मेरी इच्छा है कि मैं शीतकालीन यात्रा का हिस्सा बनूं। उन्होंने युवाओं और एथलीट खिलाड़ियों से आह्वान किया कि एडवेंचर गतिविधियों के लिए सर्दियों में उत्तराखंड जरूर आएं।

धामी सरकार चारधाम यात्रा की तर्ज पर शीतकालीन यात्रा को बढ़ावा दे रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आठ दिसंबर 2024 को बाबा केदार के शीतकालीन प्रवास स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से शीतकालीन यात्रा का शुभारंभ किया। जिससे प्रदेश में पूरे साल भी देश-दुनिया के तीर्थयात्री उत्तराखंड आ सकें। राष्ट्रीय खेलों के शुभारंभ पर प्रधानमंत्री मोदी ने भी शीतकालीन यात्रा की ब्रांडिंग की है। उत्तराखंड को अपने विकास के लिए और भी नए रास्ते बनाने होंगे। उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था सिर्फ चारधाम यात्रा पर निर्भर नहीं रह सकती। सरकार सुविधाएं बढ़ाकर चारधाम यात्रा का आकर्षण लगातार बढ़ा रही। हर सीजन में श्रद्धालुओं की संख्या भी नए रिकॉर्ड बना रही है लेकिन इतना काफी नहीं है। उत्तराखंड में शीतकालीन यात्राओं को प्रोत्साहित करना जरूरी है।

प्रधानमंत्री ने कहा, राष्ट्रीय खेलों में भाग ले रहे सभी एथलीट भी खेलों के समापन के बाद एडवेंचर के बारे में पता करें और उसका आनंद उठाएं। बता दें कि प्रधानमंत्री फरवरी माह में शीतकालीन यात्रा पर आ सकते हैं। उनके उत्तरकाशी जिले के मां गंगोत्री के शीतकालीन प्रवास स्थल मुखबा जाने की प्रबल संभावनाएं हैं।
पीएम मोदी के जाने से आदि कैलाश यात्रा को मिला बढ़ावा-

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 अक्तूबर 2024 को पिथौरागढ़ में पार्वती कुंड में भी पूजा अर्चना आदि कैलाश के दर्शन किए। पहली बार प्रधानमंत्री के यहां आने से आदि कैलाश यात्रा को बढ़ावा मिला।

 

ग्रीन गेम्स में की प्लास्टिक मुक्ति की अपील-

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जहां नेशनल गेम्स को ग्रीन गेम्स की संज्ञा दी तो वहीं युवा खिलाड़ियों से उत्तराखंड के प्लास्टिक मुक्त अभियान में सहयोग की अपील भी की। पीएम मोदी ने अपने अभिभाषण की शुरुआत में कहा कि इस बार के नेशनल गेम्स एक प्रकार से ग्रीन गेम्स भी हैं। इसमें एनवायरमेंट फ्रेंडली चीजों का काफी इस्तेमाल हो रहा है। नेशनल गेम्स में मिलने वाले सभी मेडल व ट्रॉफी ई-वेस्ट से बने हैं। मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों के नाम पर यहां एक पौधा भी लगाया जाएगा। ये बहुत ही अच्छी पहल है। उन्होंने सभी खिलाड़ियों को बेहतरीन प्रदर्शन के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने सभी युवाओं, खिलाड़ियों से स्वच्छता को लेकर भी आग्रह किया। पीएम मोदी ने कहा कि देवभूमि के निवासियों के प्रयासों से उत्तराखंड प्लास्टिक मुक्त बनने की दिशा में काफी मेहनत कर रहा है। आगे बढ़ने का प्रयास कर रहा है। यह संकल्प आपके सहयोग के बिना पूरा नहीं हो सकता। इस अभियान को सफल बनाने में जरूर अपना योगदान दें।

खिलाड़ी मुझे प्राइम मिनिस्टर नहीं परम मित्र मानते हैं-

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय खेलों के शुभारंभ पर उत्साहित नजर आए। उन्होंने बताया कि किस तरह से खिलाड़ी उन्हें उत्साह देते हैं। आज सरकार के प्रयासों का ही असर है कि हॉकी में पुराने गौरवशाली दिन लौट रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिनों के किस्से से अपने उत्साह को बयां किया। उन्होंने बताया कि कुछ समय पहले दिल्ली में जब ओलंपिक टीम से मुलाकात की थी तो एक खिलाड़ी ने मुझे पीएम की नई परिभाषा बताई। खिलाड़ी ने बताया कि पूरे देश के खिलाड़ी आपको पीएम यानी प्राइम मिनिस्टर नहीं बल्कि परम मित्र मानते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि आपका ये विश्वास मुझे नई ऊर्जा देता है। मेरा आप सभी की सामर्थ्य पर पूरा भरोसा है। हमारी पूरी कोशिश है कि आपका सामर्थ्य और बढ़े। आपके खेल में और निखार आए। बीते दस सालों में आपके टेलेंट को सपोर्ट करने पर हमने निरंतर फोकस किया है। 10 साल पहले खेलों का जो बजट था, वह आज 20 गुना से ज्यादा हो चुका है। खेल योजना के तहत देश के दर्जनों खिलाड़ियों पर करोड़ों का निवेश किया जा रहा है। खेलो इंडिया के लिए देश में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया जा रहा है। देश की पहली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी मणिपुर में बन रही है। सरकार के इन प्रयासों का नतीजा हम ग्राउंड पर देख रहे हैं। मेडल टेली में दिखाई दे रहा है। आज हर इंटरनेशनल इवेंट में खिलाड़ी अपना परचम लहरा रहे हैं। ओलंपिक व पैरालंपिक में हमारे खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन किया है। उत्तराखंड से भी कितने ही खिलाड़ियों ने मेडल जीते हैं।

 

समान नागरिक संहिता भी खेल भावना की तरह, सब बराबर-

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड में लागू समान नागरिक संहिता को खेल भावना की तरह बताया। उन्होंने कहा कि यहां किसी तरह का कोई भेदभाव नहीं, सब बराबर हैं। उन्होंने यूसीसी लागू करने पर धामी सरकार की पीठ थपथपाई।

अपने भाषण में पीएम मोदी ने कहा कि 21वीं सदी भारत की सदी है। यहां बाबा केदार के दर्शन के बाद मेरे मुंह से, मेरे दिल से अचानक ही निकला था कि ये उत्तराखंड का दशक है। मुझे खुशी है कि उत्तराखंड तेजी से प्रगति कर रहा है। कल ही उत्तराखंड देश का ऐसा राज्य बना है, जिसने यूनिफार्म सिविल कोड यानि समान नागरिक संहिता लागू की। पीएम मोदी ने कहा कि मैं कभी-कभी इसे सेक्युलर सिविल कोड भी कहता हूं। समान नागरिक संहिता हमारी बेटियों, माताओं-बहनों के गरिमापूर्ण जीवन का आधार है।

इससे लोकतंत्र की नींव को मजबूती मिलेगी। संविधान की भावना मजबूत होगी। पीएम मोदी ने सभी खिलाड़ियों से यूसीसी को जोड़ने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि खिलाड़ी भी हमें भेदभाव की भावना से दूर करता है। सबका प्रयास ही यहां सफलता का मूलमंत्र होता है। खेल से हमें टीम भावना के साथ खेलने की प्रेरणा मिलती है। यही भावना यूनिफार्म सिविल कोड की भी है। किसी से भेदभाव नहीं। हर कोई बराबर। उन्होंने उत्तराखंड की भाजपा सरकार को इस ऐतिहासिक कदम के लिए बधाई दी।

फरवरी के दूसरे पखवाड़े में बजट पेश कर सकती है धामी सरकार, सत्र की तैयारियां तेज

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प्रदेश सरकार फरवरी के दूसरे पखवाड़े में बजट लाने की तैयारी कर रही है। पहली फरवरी को केंद्र सरकार का बजट पेश होने के बाद राज्य सरकार अपने बजट को अंतिम रूप दे देगी। सचिव वित्त दिलीप जावलकर के मुताबिक, आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए सभी विभागों से प्रस्ताव प्राप्त हो गए हैं और इन पर विचार विमर्श हो रहा है।

 

मौजूदा बजट की प्रगति के संबंध में सचिव वित्त ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा, बजट के सापेक्ष अभी तक 40 हजार करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। इसमें 6,000 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय है। अंतिम तिमाही चल रही है जिसमें खर्च बढ़ता है। पिछले वर्ष की तुलना में अभी तक की खर्च की दर आठ फीसदी अधिक है।इसमें और अधिक वृद्धि होने की संभावना है।

 

केंद्र सरकार से हो रही स्वीकृतियों का प्रवाह ठीक है। बजट की तैयारी पर कहा, केंद्र सरकार एक फरवरी को बजट पेश करेगी। इससे हमें अंदाजा हो जाएगा कि कौन सी नई योजनाएं आ रही हैं और कहां से हमें मदद मिल सकती है।

इसके हिसाब से हम अपनी तैयारी करेंगे।कहा, संसाधनों की कोई दिक्कत नहीं है। जीएसटी, वैट में खनन में अच्छा प्रदर्शन रहा है। वन विभाग, यूपीसीएल और अन्य कारपोरेशन में लक्ष्य के अनुरूप धनराशि नहीं मिल रही है।

उत्तराखंड के किसानों से राज्य सरकार ने इस साल 3100 मीट्रिक टन मंडुआ खरीदा

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राज्य भर में 270 केंद्रों के जरिए हुई मंडुआ की खरीद

सरकार ने किसानों से 4200 प्रति कुंतल के मूल्य पर की खरीद

 

कुछ समय पहले तक उपेक्षित रहने वाला मंडुआ अब हाथों हाथ बिक रहा है। राज्य सरकार ने ही इस साल विभिन्न सहकारी और किसान संघों के जरिए उत्तराखंड के किसानों से 3100 मीट्रिक टन से अधिक मंडुआ खरीदा है। सरकार ने इस साल किसानों को मंडुआ पर 4200 प्रति कुंतल का समर्थन मूल्य भी दिया है।

उत्तराखंड के सीढ़ीदार खेतों में परंपरागत रूप से मंडुआ की खेती होती रही है। लेकिन कुछ साल पहले तक मंडुआ फसल उपेक्षा का शिकार रहती थी, जिस कारण किसानों का भी मंडुआ उत्पादन के प्रति मोह भंग होने लगा था। लेकिन केंद्र और उत्तराखंड सरकार द्वारा अब मिलेट्स फसलों को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिस कारण उत्तराखंड में मंडुआ उत्पादक क्षेत्र के साथ ही उत्पादन भी बढ़ रहा है। मौजूदा सरकार ने मंडुआ उत्पादक किसानों को प्रोत्साहन देने के लिए सबसे पहले 2022 इसे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत के तहत, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से खरीदना शुरू किया। साथ ही उपभोक्ताओं तक मिलेट्स उत्पाद पहुंचाने के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली से लेकर मिड डे मील और आंगनबाड़ी केंद्रों के पोषण कार्यक्रम में इसे शामिल किया गया। इसी तरह सरकार ने स्टेट मिलेट मिशन शुरू करते हुए, उत्पादन बढ़ाने के साथ ही, मिलेट्स उत्पादों को अपनाने के लिए व्यापक प्रचार प्रसार, किसानों से खरीद से लेकर भंडारण तक की मजबूत व्यवस्था तैयार की। वहीं किसानों को बीज, खाद पर अस्सी प्रतिशत तक सब्सिडी दी गई।

 

 

270 केद्रों के जरिए खरीद

सरकार ने दूर दराज के किसानों से मंडुआ खरीदने के लिए बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों और किसान उत्पादक संगठनों के सहयोग से जगह – जगह संग्रह केंद्र स्थापित किए। इस प्रयोग की सफलता की कहानी यूं कही जा सकती है कि 2020-21 में जहां इन केंद्रों की कुल संख्या 23 थी जो 2024-25 में बढ़कर 270 हो गई है। इन केद्रों के जरिए इस साल उत्तराखंड के किसानों से 3100.17 मीट्रिक टन, मंडुआ की खरीद की गई, इसके लिए किसानों को 42.46 प्रति किलो की दर से समर्थन मूल्य दिया गया। सरकार ने मंडुआ खरीद में सहयोग देने के लिए किसान संघों को 150 रुपए प्रति कुंतल और बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों को प्रति केंद्र 50 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की। साथ ही सुनिश्चित किया गया कि केंद्रों का भुगतान 72 घंटे में कर दिया जाए।

 

समर्थन मूल्य में 68 प्रतिशत का उछाल

प्रदेश में 2021-22 में मंडुआ समर्थन मूल्य कुल 2500 प्रति कुंतल था, जो 2024-25 में 4200 प्रति कुंतल हो गया है। इस तरह दो साल के अंतराल में ही समर्थन मूल्य 68 प्रतिशत बढ़ गया है। किसानों तक इसका लाभ पहुंचने से मंडुआ उत्पादन क्षेत्र भी बढ़ रहा है। इसके साथ ही सरकार ओपर मार्केट और हाउस ऑफ हिमालय के जरिए भी मंडुआ उत्पादों को प्रोत्साहन दे रही है।

उत्तराखंड में मंडुआ परंपरागत तौर पर उगाया जाता है। यह पौष्टिक होने के साथ ही आर्गेनिक भी होता है। इधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मिलेट्स उत्पादों को बढ़ावा दिए जाने के बाद भी मंडुआ की मांग बढ़ी है। इसलिए राज्य सरकार सीधे किसानों से मंडुआ खरीद करते हुए, उत्पादन बढ़ाने पर जोर दे रही है, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे हैं- पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री 

Uttarakhand: 2024 में धामी सरकार ने लिए ये 34 बड़े ऐतिहासिक फैसले, पढ़ें पूरी खबर.

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उत्तराखंड के लिए कई मायनों में अहम रहा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड सरकार ने कई ऐसे ऐतिहासिक कदम उठाए जो देशभर में छाए रहे। खासकर उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता विधेयक पारित किए जाने की चर्चा पूरे देश में हुई। यही नहीं धामी सरकार ने साल 2024 में सख्त दंगारोधी कानून, राज्य आंदोलनकारियों को 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण सहित कई अन्य बड़े फैसले भी लिए।

01 – सख्त दंगा विरोधी कानून

कुमाऊं मंडल के हल्द्वानी में विगत आठ फरवरी को दंगे की घटना के बाद मुख्यमंत्री धामी ने दंगाइयों और उपद्रवियों से निपटने को सख्त फैसला लिया। राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद राज्य में दंगारोधी लागू हो चुका है। इस कानून के तहत किसी भी तरह निजी-सरकारी संपत्ति के नुकसान की भरपाई दंगाइयों से ही करने का प्रावधान किया गया है। साथ ही दंगा करने वालों से 8 लाख तक का जुर्माना और दंगा नियंत्रण में सरकारी और अन्य कार्य पर आने वाले खर्चे की भरपाई भी उपद्रवियों से की जाएगी।

02 – 81 हजार करोड़ के निवेश की ग्राउंडिंग

दिसंबर 2023 में देहरादून में आयोजित वैश्विक निवेशक सम्मेलन में आए निवेश प्रस्ताव साल 2024 में धरातल पर उतरते नजर आए। 2024 में करीब 81 हजार करोड़ से अधिक के निवेश समझौतों को धरातल पर उतारा गया। इससे प्रदेश में रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं।

03 – तीसरे साल रिकॉर्ड सरकारी भर्तियां

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कार्यकाल मे तीसरे साल भी रिकॉर्ड सरकारी भर्तियां हुईं। सरकार के गत तीन साल के कार्यकाल में अब तक 19 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी दी जा चुकी है। साथ ही भर्ती प्रक्रिया भी अब पारदर्शी तरीके सम्पन्न हो रही है। राज्य में एक साल में बेरोजगारी दर में 4.4 प्रतिशत की कमी आई है।

04 – पांच हजार एकड़ सरकारी भूमि से हटा अतिक्रमण

कब्जाई गई सरकारी जमीन पर भी वर्ष 2024 में लगातार पीला पंजा चलता रहा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचय देते हुए पांच हजार एकड़ से अधिक सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया है। इस भूमि पर धर्म के नाम पर अवैध ढांचों का निर्माण किया गया था। अभियान अभी भी निरंतर जारी है।

05 – राज्य आंदोलनकारी आरक्षण

साल 2024 में सरकार ने उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों की लंबी मांग को पूरा करते हुए, चिह्नित राज्य आंदोलनकारियों और उनके सभी पात्र आश्रितों को राजकीय सेवाओं में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण प्रदान कर दिया है। राज्य आंदोलनकारियों को लोकसभा आयोग के पदों पर भी आरक्षण प्रदान किया गया है।

06 – फिल्म नीति से क्षेत्रीय फिल्मों में बूम

प्रदेश में उत्तराखंड फिल्म नीति 2024 को मंजूरी दी गई है। नई फिल्म नीति के बाद उत्तराखंड में फिल्मों की शूटिंग का क्रेज बढ़ेगा। इस नीति में क्षेत्रीय फिल्मों के निर्माण के लिए दो करोड़ तक की सब्सिडी दी जाएगी। नीति के बाद इस अकेले एक वर्ष में 220 फिल्मों की शूटिंग की अनुमति दी गई। साथ ही 13 क्षेत्रीय फिल्मों का प्रदर्शन हुआ।

07 – एसडीजी रैंकिंग में देश में अव्वल

मई 2024 में जारी नीति आयोग की सतत विकास लक्ष्य यानी एसडीजी रिपोर्ट में भारत के सभी 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) में उत्तराखंड पहले स्थान पर रहा। मुख्यमंत्री धामी के गुड गवर्नेंस ने उत्तराखंड को नीति आयोग की कसौटी पर खरा उतारा है।

08 – बुजुर्गों को सामाजिक सुरक्षा

उत्तराखंड में वृद्धावस्था पेंशन को बढ़ाकर ₹1500 किया गया है। पहले बुजुर्ग दंपत्ति में से किसी एक को पेंशन मिलती थी, अब पति-पत्नी दोनों को वृद्धावस्था पेंशन का लाभ दिया जा रहा है।

09 – उच्च शिक्षा में नई छात्रवृत्ति

इसी साल उत्तराखंड में मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना की शुरुआत की गई। इसके तहत डीबीटी के माध्यम से 241 छात्रों के खातों में भेजी गई ₹33 लाख 52 हजार की धनराशि जारी की गई। साथ ही पीएचडी करने वाले 100 मेधावी विद्यार्थियों को प्रतिमाह ₹5000 की छात्रवृत्ति दी जा रही है।

 

10 – पिथौरागढ़ में उतरने लगे यात्री विमान

साल 2024 में पिथौरागढ़ के नैनी सैनी हवाई अड्डे से हवाई सेवाओं का नियमित संचालन शुरू किया गया, पिथौरागढ़ एयरपोर्ट पर अब 42 सीटर तक विमान उतरने लगे हैं। राज्य में आठ जगह पर हैलीपोर्ट का निर्माण किया जा रहा है। इस साल देहरादून से अयोध्या, अमृतसर के साथ ही पंतनगर से बनारस के लिए भी हवाई सेवाएं शुरू हो पाई हैं। इस तरह देवभूमि का देश के प्रमुख धार्मिक स्थलों से हवाई नेटवर्क स्थापित हो गया है।

11 – ग्रामीण सड़कों को मिली मंजूरी

इसी साल हरिद्वार में 4,755 करोड़ की 30 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया। साथ ही केंद्र सरकार से प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क रोजगार योजना के तहत ₹967.73 करोड़ की लागत से 108 सड़कों के निर्माण की स्वीकृति मिली।

12 – हरिद्वार मेडिकल कॉलेज की शुरुआत

2024 में हरिद्वार मेडिकल कॉलेज भी शुरू हो गया है। इसी के साथ प्रदेश में सरकारी मेडिकल कॉलेज की संख्या बढ़कर पांच हो गई है। धामी सरकार ने अटल आयुष्मान योजना के तहत डायलिसिस का लाभ लेने पर 100% चिकित्सा प्रतिपूर्ति की भी स्वीकृति प्रदान कर दी है।

14 – शीतकालीन यात्रा शुरू

धामी सरकार ने 2024 में एक बड़ा कदम उठाते हुए, चारधामों के शीतकालीन गद्दी स्थलों के लिए शीतकालीन यात्रा की भी शुरुआत कर दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद उखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर से यात्रा की विधिवत शुरुआत की। शीतकालीन यात्रा को उत्तराखंड की आर्थिकी के लिहाज से गेम चेंजर माना जा रहा है।

15 – खिलाड़ियों का नौकरी में आरक्षण मिला

धामी सरकार ने नौकरियों में चार प्रतिशत खेल कोटा भी लागू कर दिया है। इसी के साथ पदक विजेता खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न नौकरी की भी व्यवस्था की गई है। उत्तराखंड को 2025 के लिए राष्ट्रीय खेलों की भी मेजबानी मिली है।

16 – राज्य अतिथि गृह बनकर तैयार

साल 2024 के दौरान राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली के चाणक्यपुरी में राज्य अतिथि गृह, उत्तराखण्ड निवास, भी बनकर तैयार हो गया है। यह भवन पहाड़ की संस्कृति और वास्तुशिल्प को भी देश के सामने प्रस्तुत कर रहा है। यह भवन कुल 12051.70 लाख रुपए की लागत से बना है, जिसमें आधुनिक सुख-सुविधाओं के साथ-साथ ऊर्जा खपत न्यूनतम रखने के लिए दोहरी इन्सूलेटेड दीवारों, खिड़कियों, छत पर सोलर रिफ्लेक्टिव टाइलों का प्रयोग किया गया है। सौर ऊर्जा उत्पादन, कम ऊर्जा खपत के लिए विद्युत उपकरणों/ मशीनों के अधिष्ठान, मोशन सेंसर आधारित एलईडी लाईटें, इलेक्ट्रिक कार चार्जिंग स्टेशन भी बनाए गए हैं।

17 – विश्व आयुर्वेद कांग्रेस

देहरादून में 12 से 15 दिसंबर के बीच 10वें विश्व आयुर्वेद कांग्रेस और आरोग्य एक्सपो- 2024 का आयोजन भी किया गया। इस आयोजन में 40 से अधिक देशों के विशेषज्ञों सहित छह हजार से अधिक डेलीगेट्स शामिल हुए। आयोजन में आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्धा और होम्योपैथी जैसी परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों को लोकप्रिय बनाने पर विचार विमर्श किया गया। इस दौरान छह हजार से अधिक डेलीगेट्स के सामने परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों पर आधारित 900 से अधिक पेपर प्रस्तुत किए गए।

18 – शहीद आश्रित अनुदान राशि बढ़ाई

प्रदेश सरकार ने शहीद होने वाले सैनिकों के परिजनों को मिलने वाली अनुदान राशि भी बढ़ाकर 50 लाख कर दी है। पहले यह धनराशि 10 लाख थी, इस तरह सरकार ने अनुदान राशि में सीधे पांच गुना बढ़ोत्तरी की है, इसके साथ ही अब मुख्यमंत्री ने वीरमाताओं और वीरनारियों के लिए परिवहन निगम की बस में निशुल्क बस यात्रा की घोषणा की है।

 

19 – सस्ती बिजली का उपहार

साल 2024 प्रदेश के साढ़े 11 लाख से अधिक बिजली उपभोक्ताओं को भी सस्ती बिजली की सौगात दे गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर सितंबर माह से प्रतिमाह 100 यूनिट तक बिजली खर्च करने वाले उपभोक्ताओं को बिजली बिल में 50 प्रतिशत तक सब्सिडी मिल रही है, साथ ही उच्च हिमालयी क्षेत्र के निवासियों को 200 यूनिट तक बिजली खर्च पर बिल में 50 प्रतिशत की छूट मिल रही है।

20 – भू कानून के लिए जमीन तैयार

साल 2024 में प्रदेश सरकार भू कानून की विसंगतियों को ठीक करने के दिशा में भी आगे बढ़ती नजर आई। इसके लिए सरकार ने मौजूदा भू कानून का उल्लंघन किए जाने की शिकायतों का संज्ञान लेते हुए, सभी जिलों में सघन जांच अभियान संचालित किया। जिसके बाद कई जगह नियम विरुद्ध खरीदी गई जमीन को राज्य सरकार में निहित करने की भी कार्यवाई शुरू की गई। साथ ही सख्त भू कानून के लिए भी उच्च स्तरीय कमेटी गठित की गई है।

21 – देहरादून शहर में बिजली लाइन भूमिगत कार्य

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व यूपीसीएल द्वारा एडीबी परियोजना के अन्तर्गत देहरादून शहर के मुख्य मार्गों की विद्युत लाईनों को भूमिगत किये जाने का कार्य भी प्रारंभ किया जा चुका है। योजना के अन्तर्गत देहरादून शहर में 33 केवी की लगभग कुल 92 किमी, 11 केवी की कुल 230 किमी और एलटी की लगभग 608 किमी लाइनों को भूमिगत किया जा रहा है। इसके लिए शहर को तीन लॉट में बांट कर कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।

22 – सांस्कृतिक गौरव को मिली पहचान

प्रदेश सरकार ने जनवरी 2024 में अयोध्या में श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अवसर पर उत्तराखंड के पवलगढ़ कंजर्वेशन रिजर्व का नाम बदल कर सीतावनी कंजर्वेशन रिजर्व किया। इसके साथ ही सरकार ने चमोली जिले की जोशीमठ तहसील का नाम ज्योर्तिमठ और नैनीताल जिले में कोश्याकुटोली तहसील का नाम, कैंची धाम तहसील रखने का भी निर्णय लिया है।

23 – मुख्यमंत्री नमक पोषण योजना

उत्तराखंड में साल 2024 से गरीब परिवारों एवं राशन कार्ड धारकों को सब्सिडी पर पोषण युक्त नमक मिलना भी शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री नमक पोषण योजना के तहत प्रदेश के करीब 14 लाख राशन कार्ड धारकों को 8 रुपए प्रति किलो की दर से पोषण युक्त नमक दिया जा रहा है।

24 – पर्यटन के लिए पुरस्कृत हुए गांव

27 सितंबर 2024 को विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर उत्त1राखंड के चार गांवों को सर्वश्रेष्ठी पर्यटन ग्राम पुरस्कार मिला। सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम प्रतियोगिता में उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के जखोल गांव को साहसिक पर्यटन के लिए चुना गया, जो अपनी ऊंचाई, खूबसूरत प्राकृतिक दृश्यों और चुनौतीपूर्ण ट्रेकिंग रूट के लिए जाना जाता है। इसके साथ ही सूपी, हर्षिल, और गुंजी को भी सर्वश्रेष्ठल पर्यटन ग्राम पुरस्कानर मिला।

 

 

25 – विजिलेंस ने की रिकॉर्ड 38 गिरफ्तारियां

आम जनता की भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायतों को सुनने के लिए राज्य में “भ्रष्टाचार मुक्त एप 1064“ को भी लॉन्च किया गया है। एप में अब तक एक हजार से ज्यादा विजिलेंस और नॉन विजिलेंस की शिकायतों दर्ज हुई हैं। इन शिकायतों पर गंभीरता से कार्य करते हुए विजिलेंस ने इस साल कुल 38 रिश्वतखोरों को जेल भेजा, जिसमें पांच राजपत्रित अधिकारी शामिल हैं। बीते 3 सालों में विजिलेंस ने करीब 75 भ्रष्टाचारियों को जेल भेजा है।

26 – सोलर से जगमग होता उत्तराखंड

2024 में सोलर प्रोजेक्ट में तेजी देखने को मिली। राज्य में रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संयुक्त रूप से 70 प्रतिशत की सब्सिडी दी जा रही है। पीएम सूर्यघर योजना के तहत सोलर पावर प्लांट की स्थापना के लिए अभी तक करीब 11 हजार लाभार्थियों को 90 करोड़ रुपए से अधिक का अनुदान दिया जा चुका है। घरेलू और गैर घरेलू उपभोक्ताओं हेतु सोलर वाटर हीटर संयत्र की स्थापना पर भी 30 से 50 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जा रहा है।

28 – प्रति व्यक्ति आय पहुंची ढाई लाख के पार

ताजा आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में प्रति व्यक्ति आमदनी भी बढ़कर अब 02लाख 60 हजार रुपए हो चुकी है। जबकि वर्ष 2000 में प्रति व्यक्ति आय ₹15285 थी। पिछले दो वर्षों के आंकड़ों पर ही नजर डालें तो राज्य की प्रति व्यक्ति आय में 26 प्रतिशत वृद्धि हुई है। उत्तराखंड राज्य गठन के वक्त 2000 में अर्थव्यवस्था का आकार ₹14501 करोड़ था, जो 2023-24 में बढ़कर ₹346000 करोड़ रुपये हो चुका है।

30 – प्रवासी सम्मेलन

उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के मौके सात नवंबर को देहरादून में पहला प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन आयोजित किया गया। जिसमें देश के विभिन्न प्रांतों में रहने वाले प्रवासी उत्तराखंडी शामिल हुए। इस सम्मेलन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में प्रवासी उत्तराखंड परिषद का गठन करने की भी घोषणा की है। साथ ही कहा कि प्रवासी उत्तराखंड़ियों को प्रदेश की जानकारियां उपलब्ध कराने और उनकी समस्याओं को दूर करने के उद्देश्य से एक डेडीकेटेड वेबसाइट भी तैयार की जा रही है।

31 – भारतीय न्याय संहिता

संपूर्ण देश में एक जुलाई से तीन नए आपराधिक कानून – भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023“ लागू हो चुके हैं, इसी के साथ उत्तराखंड ने भी इसी तिथि से इन तीन नए कानूनों को लागू कर दिया है। नए कानूनों को लागू किये जाने के लिए राज्य सरकार ने पृथक रूप से 20 करोड़ रूपए की धनराशि का प्राविधान किया है।

32 – लखपति दीदी योजना

प्रदेश सरकार महिलाओं की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए लखपति दीदी योजना चला रही है। इसमें स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी प्रत्येक महिला की सालाना आय एक लाख के पार पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें महिलाओं को कृषि उत्पाद, दुग्ध उत्पादन, सिलाई कढ़ाई के साथ ही रसोई गैर वितरण, प्रारंभिक पशु चिकित्सा सेवा, बीमा योजना, डिजिटल लेनदेन का प्रशिक्षण देकर आजीविका से जोड़ा जा रहा है। प्रदेश में एक लाख से अधिक महिलाएं लखपति बन चुकी हैं। अब प्रदेश सरकार ने लक्ष्य बढ़ाते हुए 2026 तक कुल 2.50 लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा है।

 

33 – एम्स में एयर एंबुलेंस

30 अक्तूबर को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश से देश की पहली हेली एंबुलेंस सेवा भी शुरू हो गई है। केंद्र सरकार की संजीवनी योजना के तहत शुरू की गई इस सेवा का लाभ लोगों को निशुल्क मिल रहा है। इसके तहत प्रदेश के किसी भी क्षेत्र से अति गंभीर रूप से बीमार या हादसे घायल व्यक्ति को हेली एंबुलेंस की मदद से एम्स ऋषिकेश में पहुंचाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्चुअली माध्यम से इसका शुभारंभ किया।

34 – लालकुआं-बांद्रा सुपरफास्ट ट्रेन शुरु

21 अक्टूबर 2024 से लालकुंआ से बांद्र के मध्य नई सुपरफास्ट ट्रेन का भी संचालन शुरू हो गया है। इस ट्रेन के संचालन से कुमांऊ क्षेत्र का रामपुर, मुदादाबाद, गाजियाबाद, हजरत निजामुदीन, मथुरा, सवाई माधोपुर, कोटा, वडोदरा सूरत जैसे रेलवे स्टेशन से सीधे सम्पर्क हो गया है। इस साल केन्द्र सरकार के सहयोग से ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का काम भी तेजी से आगे बढा, परियोजना जल्द पूरी होने वाली है।

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Dehradun: मुख्यमंत्री धामी ने की मेजर जनरल मनोज तिवारी से मुलाकात, अग्निवीर भर्ती को लेकर दी बड़ी जानकारियां.

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में मेजर जनरल मनोज तिवारी ने भेंट की। उन्होंने कहा कि अग्निवीर भर्ती में उत्तराखंड से 4500 अभ्यर्थियों का चयन किया गया है। 2000 रिक्त पदों पर भी जल्द भर्ती की जाएगी।

मेजर जनरल मनोज तिवारी ने कहा कि आने वाली भर्तियों में भी राज्य से अधिक से अधिक युवा प्रतिभाग कर सकें, इसके लिए राज्य और जनपद स्तरों पर कैंप लगाए जाएंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड सैनिक बहुल प्रदेश है।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में होने वाली भर्तियों में सेना को पूरा प्रशासनिक सहयोग दिया जाएगा। सेना द्वारा राज्य में जो कैंप लगाए जाएंगे, उसमें राज्य सरकार द्वारा हर संभव सहयोग दिया जाएगा।

Uttarakhand: CM धामी ने किया “पर्वतीय सांस्कृतिक संस्था” द्वारा आयोजित 5 दिवसीय महाकौथिक में प्रतिभाग.

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मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने  सेक्टर 21 नोएड़ा स्टेडियम गौतमबुद्ध नगर में “पर्वतीय सांस्कृतिक संस्था” द्वारा आयोजित पांच दिवसीय महाकौथिक पारंपरिक लोक कला, संस्कृति एवं हस्तशिल्प मेले में प्रतिभाग किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आयोजकों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि संस्था के सदस्य अपने राज्य से दूर रहकर भी उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को न केवल संजोए हुए हैं, बल्कि इसे नई पीढ़ी तक पहुंचाने और आगे बढ़ाने का प्रशंसनीय कार्य भी कर रहे हैं जिसमें विभिन्न स्टॉलों के माध्यम से हमारे पारंपरिक हस्तशिल्प, जैविक उत्पाद और उत्तराखंडी व्यंजनों को प्रदर्शित किया गया है। यहाँ आने वाले लोग न केवल इन उत्पादों की खरीदारी कर सकते हैं, बल्कि हमारे पहाड़ी व्यंजनों के विविध और अद्भुत स्वाद का भी आनंद ले सकते हैं।

उत्तराखंड की लोक संस्कृति अपने आप में गौरवशाली है- CM

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की समृद्ध लोक संस्कृति अपने आप में अद्वितीय और गौरवशाली है। हमारे राज्य के प्रत्येक क्षेत्र की अपनी विशिष्ट पहचान है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों में हमें अपनी लोक कलाओं, पारंपरिक वेशभूषा, हस्तशिल्प और कारीगरी का अनूठा संगम देखने को मिलता है। हमारी संस्कृति ही हमारी मूल पहचान है, चाहे हम जीवन में किसी भी स्तर पर पहुँचें या दुनिया के किसी भी कोने में जाएं, हमारी पहली पहचान ये है कि हम उत्तराखंड वासी हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक ओर हमारी सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर “लोकल फॉर वोकल’’, और “मेक इन इंडिया’’ जैसी पहलों के माध्यम से हमारी स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसी दिशा में हमारी सरकार ने भी प्रधानमंत्री श्री मोदी के मार्गदर्शन में राज्य में कई महत्वपूर्ण योजनाओं और नीतियों को सफलतापूर्वक लागू किया है, जिससे राज्य का चहुंमुखी विकास सुनिश्चित हो रहा है। आज राज्य में रोड – रेल कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करने के साथ ही हम पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करने की दिशा में निरंतर कार्य कर रहे हैं।

 

 

राज्य में इकॉनमी के साथ समग्र विकास की दिशा में बढ़ाये जा रहे हैं कदम- CM

उन्होंने कहा कि हम इकॉनमी और इकोलॉजी के समन्वय के साथ राज्य के समग्र विकास की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। इसी का परिणाम है कि आज नीति आयोग द्वारा जारी एस.डी.जी. इंडेक्स रिपोर्ट में सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में उत्तराखण्ड देश में प्रथम पायदान पर हैं। साथ ही, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में राज्य को एचीवर्स तथा स्टार्टअप रैंकिंग में लीडर्स की श्रेणी भी प्राप्त हुई है। यही नहीं आज हमारा राज्य युवाओं को रोजगार देने में भी अग्रणी राज्य बनकर उभरा है, हमने एक वर्ष में बेरोजारी दर में 4.4 प्रतिशत की कमी लाकर राष्ट्रीय औसत को भी पीछे छोड़ दिया है।

उन्होंने कहा कि राज्य में ‘एक जनपद, दो उत्पाद’ योजना के माध्यम से स्थानीय आजीविका के अवसरों को बढ़ावा दिया जा रहा है, वहीं, हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड के माध्यम से हमारे स्थानीय उत्पादों को व्यापक पहचान दिलाने का काम भी किया जा रहा है। स्टेट मिलेट मिशन, फार्म मशीनरी बैंक, एप्पल मिशन, नई पर्यटन नीति, नई फिल्म नीति, होम स्टे मॉडल, वेड इन उत्तराखंड जैसी योजनाओं के माध्यम से राज्य की स्थानीय अर्थव्यवस्था को निरंतर सुदृढ़ करने का प्रयास किये जा रहे हैं।

राज्य में पर्यटन और कृषि क्षेत्रों में भी नई संभावनाओं के द्वार खुल रहे हैं- CM

मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न रोजगार परक योजनाओं से राज्य में न केवल रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं, बल्कि पर्यटन और कृषि क्षेत्रों में भी नई संभावनाओं के द्वार खुल रहे हैं। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार द्वारा प्रदेश हित में कई ऐतिहासिक निर्णय भी लिए हैं, जिन्हें पूर्व की सरकारों ने अपने राजनीतिक स्वार्थों के चलते ठंडे बस्ते में डाल दिया था।

 

उत्तराखण्ड में जनवरी 2025 से लागू होगा यू.सी.सी- CM

उत्तराखण्ड समान नागरिक संहिता कानून अर्थात यू.सी.सी. को लागू करने की दिशा में कदम उठाने वाला देश का पहला राज्य बन गया है, जनवरी 2025 में हम राज्य में यू.सी.सी. को लागू भी करने जा रहे हैं। समान नागरिक संहिता की गंगा उत्तराखण्ड से निकलकर पूरे देश को लाभान्वित करने का कार्य करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के युवाओं के व्यापक हित में प्रदेश में देश का सबसे प्रभावी नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। जिसके परिणाम स्वरुप उत्तराखंड में पिछले 3 वर्ष में लगभग 19 हजार युवाओं ने सरकारी नौकरियां पाने में सफलता प्राप्त की है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के सांस्कृतिक मूल्यों और डेमोग्राफी को संरक्षित रखने हेतु लव जिहाद, लैंड जिहाद और थूक जिहाद जैसी घृणित मानसिकता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के साथ ही प्रदेश में धर्मांतरण विरोधी और दंगा विरोधी क़ानून भी लागू किए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में भूमि ख़रीदने वाले बाहरी लोगों की गहनता से जाँच की जा रही है, अगर कोई भी व्यक्ति नियमों का उल्लंघन करता हुआ पाया जाता है तो उसके भूखंड को सरकारी संपत्ति में निहित किये जाने की व्यवस्था की जा रही है। शीघ्र ही सख्त भू-कानून लागू कर राज्य के मूल स्वरूप के साथ खिलवाड़ करने वालों के ख़िलाफ़ भी कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

 

उत्तराखंड की संस्कृति और विरासत हमारी आत्मा का हिस्सा हैं- CM

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति, परंपराएं और विरासत हमारी आत्मा का हिस्सा हैं और इन्हें जीवंत रखने तथा आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने के हमारी सरकार के विकल्प रहित संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है। उन्होंने सभी प्रवासी उत्तराखण्ड वासियों का राज्य के विकास में सहयोगी बनने का भी आवाहन किया।

इस अवसर पर पर्वतीय सांस्कृतिक संस्था की संस्थापिका कल्पना चौहान, संयोजक राजेन्द्र चौहान, वरिष्ठ उपाध्यक्ष हरीश असवाल, व्यवस्थापक हरेन्द्र शर्मा, इंदिरा चौहान, लक्ष्मण रावत, सुबोध थपलियाल सहित बड़ी संख्या में प्रवासी उत्तराखण्डवासी उपस्थित थे।

Uttarakhand: प्रदेश की महिलाओं के लिए खुशखबरी.. 6,559 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के पदों पर होगी भर्ती.

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Dehradun: प्रदेश में 374 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ओ 6185 सहायिकाओं समेत कुल रिक्त 6559 पदों पर महिलाओं को शीघ्र रोजगार मिलेगा। महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने गुरुवार को इन पदों पर नियुक्ति करने के निर्देश जारी किए।

 

विभाग अगले दो दिन में इसकी विज्ञप्ति जारी कर सकता है। राष्ट्रीय खेल सचिवालय में विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ बैठक के बाद मंत्री रेखा आर्य ने यह जानकारी दी। बताया, प्रदेश में लगभग सभी जिलों में आंगनबाड़ी केंद्रों का उच्चीकरण किया गया था, जिसके बाद वहां तैनात सहायिकाएं आंगनबाड़ी बन गईं।

इससे सहायिकाओं के काफी पद खाली हो गए थे। हाल ही में आंगनबाड़ी भर्ती नियमावली में संशोधन के बाद इसका शासनादेश हुआ था, जिससे इन पदों पर भर्ती का रास्ता साफ हुआ। मंत्री ने बताया, विभाग को अगले एक-दो दिन के भीतर विज्ञप्ति जारी करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

इन पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन मंगाए जाएंगे। आवेदन करने के लिए महिला अभ्यर्थियों को करीब 30 दिन का समय दिया जाएगा। विभाग के अधिकारियों को यह भर्ती प्रक्रिया तेजी से पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं।

5 दिन के भीतर मांगे प्रस्ताव-

कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने नंदा गौरा योजना व अन्य योजनाओं की भी समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने आंगनबाड़ी केद्रों के नए मानकों के मुताबिक वहां पेयजल, बिजली और शौचालय की अनिवार्य उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मंत्री ने सभी 13 जिलों के जिला कार्यक्रम अफसरों को पांच दिन के भीतर सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में इन सुविधाओं को मुहैया कराने संबंधित प्रस्ताव निदेशालय को भेजने के निर्देश दिए। मंत्री ने कहा, नंदा गौरा योजना में 31 दिसंबर तक ज्यादा से ज्यादा आवेदन मंगाए जाएं।

 

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आंगनबाड़ी भवनों के निर्माण में बहानेबाजी सहन नहीं-

बैठक में प्रदेश में प्रस्तावित 3940 आंगनबाड़ी भवनों के निर्माण की समीक्षा की गई । विभागीय मंत्री ने चेतावनी दी कि आंगनबाड़ी भवनों के निर्माण को लेकर कोई बहानेबाजी सहन नहीं की जाएगी। यदि किसी जगह पर भूमि उपलब्ध नहीं हो रही है तो आंगनबाड़ी केंद्र के लिए ऐसा स्थान चिह्नित करें, जहां भूमि उपलब्ध हो। बैठक में सचिव चंद्रेश यादव, निदेशक प्रशांत आर्या, उप निदेशक विक्रम सिंह, मोहित चौधरी, आरती बलोदी, उदय प्रताप सिंह उपस्थित रहे।